MP Smart Meter: मध्य प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर देगा 440 वोल्ट का झटका देखे खबर

MP Smart Meter: मध्य प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर देगा 440 वोल्ट का झटका आपको यह जानकारी के लिए बता देते हैं कि मध्य प्रदेश में लग रहे हैं स्मार्ट मीटर की कीमत भले ही अब नहीं चुकानी पड़ रही है लेकिन अगले 10 साल तक स्मार्ट मीटर के नाम पर किस्त जमा करनी पड़ सकती है।

जी हां बताया जा रहा है कि यह दावा आपत्ति करता है एडवोकेट राजेंद्र अग्रवाल ने किया है बताया जा रहा है कि मौजूदा बिजली कंपनियों की सत्यापन जाति का में दर्ज आंकड़ों को देखते हुए उन्होंने मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग में आपत्ति बताई ।

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उनका दावा यह है कि तीन प्रकार के टैरिफ मिला करके एक मीटर में लगभग 10 साल तक उपभोक्ता लगभग ₹25000 देने पड़ेगी ।

बिजली टैरिफ के द्वारा अदा करनी होगी कीमत

आपकी यह जानकारी के लिए बता देते हैं कि यहां पावर मैनेजमेंट कंपनी ने अभी तक के स्मार्ट मीटर में के दम नहीं किया है लेकिन उपभोक्ताओं को सालाना बिजली टैरिफ के द्वारा स्मार्ट मीटर की कीमत अदा करनी पड़ रही है। यहां एक प्रकार की किस्त के तरह की ।

मीटर के रखरखाव की देनी होगी रकम

आपके यहां जानकारी के लिए बता देते हैं कि यहां मी के रखरखाव के नाम पर भी रकम स्मार्ट मीटर लगाने वाली कंपनी को देनी पड़ेगी की आपत्तिकर्ता ने यह बताया है कि पूर्व क्षेत्र वितरण कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2020-24 की सत्यापन यचीका में बताया है कि 2.49 तक स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं।

जिसके लिए कंपनी ने 1770 रुपए प्रति मीटर प्रारंभिक के 44 करोड़ की मांग की है इसके अलावा बी शुल्क के 48 करोड रुपए होने की बात कही।

स्मार्ट मीटर से 10 पैसे प्रति यूनिट असर

आपको यह जानकारी के लिए बता देते हैं कि इसमें आपत्ति करता नहीं यहां बताया है कि वर्ष 2025-26 की तारीफ याचिका में स्मार्ट मीटर के लिए बिजली कंपनी 754 करोड़ की मांग की है ।

अगर मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग यह मांग को मंजूर करता है तो स्मार्ट मीटर की वजह से टेलीफोन 10 पैसे प्रति यूनिट पड़ जाएगा।

बिजली की डिमांड 18335 मेगावाट पहुंची

आपको यह जानकारी के लिए बता देते हैं कि मध्य प्रदेश में बिजली की मांग एक बार फिर इजाफा हो गया है गुरुवार को प्रदेश में 18335 मेगावाट बिजली की डिमांड रही है।

जबकि जनवरी के दूसरे सप्ताह में प्रदेश में बिजली की मांग में गिरावट आई थी और वह 16394 मेगावाट तक की पहुंच गई जैसे-जैसे मौसम में परिवर्तन होता है वैसे बिजली की मांग चलती है रवि सीजन समाप्त की तरह है लेकिन आने वाले कुछ समय में डिमांड फिर से गिरावट आ जाएगी।

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