MP e Uparjan : Madhya Pradesh में MSP पर गेहूँ की खरीदी शुरू: जानें क्या है नया मूल्य और बोनस

Madhya Pradesh में गेहूँ के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदी आज से शुरू हो गई है, जिसमें राज्य सरकार 175 रुपये प्रति क्विंटल बोनस दे रही है।

  • सबसे पहले आपको अपने नजदीकी उपार्जन केंद्र में पंजीकरण कराना होगा।
  • केंद्र में गेहूँ की खरीदी शुरू होते ही अपनी फसल बेचने के लिए जाएं।
  • राज्य सरकार के 175 रुपये प्रति क्विंटल बोनस का फायदा उठाएं।

MP e Uparjan : मध्य प्रदेश में आज से गेहूँ की खरीदी शुरू हो गई है। इस बार राज्य सरकार किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर गेहूँ बेचने का अवसर दे रही है। सरकार ने तय किया है कि इस बार गेहूँ की खरीदी 2600 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से की जाएगी, जबकि केंद्र सरकार ने MSP 2425 रुपये तय किया है। इस बढ़े हुए मूल्य के साथ राज्य सरकार 175 रुपये प्रति क्विंटल बोनस भी देगी।

गेहूँ खरीदी की प्रक्रिया में किसानों को क्या करना होगा?

अगर आप भी मध्य प्रदेश के किसान हैं और गेहूँ बेचने के लिए तैयार हैं, तो आपको अपनी फसल को समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए कुछ सरल प्रक्रियाओं का पालन करना होगा। सबसे पहले, आपको अपने नजदीकी उपार्जन केंद्र (Procurement Centre) में जाकर पंजीकरण करना होगा।
इसके बाद, जब केंद्र में गेहूँ की खरीदी शुरू हो, तो आप अपनी फसल वहां बेच सकते हैं। आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आपका गेहूँ अच्छे गुणवत्ता का हो और केंद्र के द्वारा निर्धारित मानकों पर खरा उतरे।

 किसानों को मिलेगा 175 रुपये प्रति क्विंटल

यह खरीदी एक बड़ी राहत लेकर आई है, खासकर उन किसानों के लिए जो गेहूँ के उत्पादन में अच्छा प्रदर्शन कर चुके हैं। केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित MSP 2425 रुपये के मुकाबले, राज्य सरकार 175 रुपये का बोनस देगी, जो कुल मिलाकर गेहूँ के मूल्य को 2600 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंचा देगा। यह बोनस किसानों के लिए एक बड़ी मदद साबित हो सकता है, खासकर अगर किसी किसान के पास गेहूँ की अधिक पैदावार हो।

80 लाख मीट्रिक टन गेहूँ का उपार्जन होने का अनुमान

राज्य सरकार ने अनुमान लगाया है कि इस साल करीब 80 लाख मीट्रिक टन गेहूँ का उपार्जन हो सकता है। मध्य प्रदेश में गेहूँ की खेती बड़े पैमाने पर होती है और इस वर्ष मौसम भी किसानों के अनुकूल रहा है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि राज्य सरकार को गेहूँ की पर्याप्त आपूर्ति मिलेगी।

इस बार राज्य सरकार ने गेहूँ की खरीदी की पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी और सरल बनाने का प्रयास किया है। इसके लिए सरकार ने कई केंद्रों को तैयार किया है, जहां किसानों को अपनी उपज बेचने में कोई परेशानी न हो।

खेती के मौसम के दौरान होने वाली समस्याएं और राज्य सरकार की पहलें

वर्ष 2023-24 के कृषि वर्ष में कृषि क्षेत्र में कई समस्या  सामने आईं, जिनमें से एक प्रमुख समस्या किसानों को उचित मूल्य मिलने की थी। राज्य सरकार ने इसे ध्यान में रखते हुए गेहूँ के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि करने का निर्णय लिया।

अब किसानों को कम से कम 2425 रुपये प्रति क्विंटल मिलेंगे, जबकि बोनस के रूप में 175 रुपये और मिलेंगे। इसके अलावा, राज्य सरकार ने उपार्जन केंद्रों पर सुविधाओं में सुधार किया है ताकि किसानों को कम समय में अपनी फसल बेचने में कोई परेशानी न हो।

गेहूँ के किसानों के लिए यह योजना एक वरदान साबित हो सकती है।

यह पहल किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। खासकर उन किसानों के लिए जो गेहूँ की खेती बड़े पैमाने पर करते हैं और उन्हें अच्छे दाम नहीं मिल पाते। अब उन्हें अपनी फसल को अधिक मूल्य पर बेचने का मौका मिलेगा।

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इसके साथ ही सरकार का बोनस भी किसानों के लिए एक अतिरिक्त राहत होगा, जिससे उनकी आय में बढ़ोतरी हो सकेगी।

गेहूँ खरीदने वाली एजेंसियां और उपार्जन केंद्र

इस साल भी सरकारी एजेंसियां और उपार्जन केंद्र गेहूँ की खरीदी में सक्रिय रूप से शामिल हैं। इन केंद्रों पर किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए सहूलत दी जा रही है, और सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि फसल की खरीदी में कोई भी किसान पीछे न छूटे। उपार्जन केंद्रों में फसल का वजन ठीक से किया जाएगा और इसकी गुणवत्ता भी चेक की जाएगी।

राज्य सरकार की अन्य योजनाएं

मध्य प्रदेश सरकार ने सिर्फ गेहूँ ही नहीं, बल्कि अन्य फसलों के लिए भी समर्थन मूल्य की व्यवस्था की है। राज्य में धान, सोयाबीन, मक्का और अन्य प्रमुख फसलों के लिए भी MSP तय किया गया है। इसके अलावा, किसानों को कृषि उपकरण, बीज, और खाद पर सब्सिडी भी दी जाती है, ताकि उनकी कृषि उत्पादन क्षमता को बढ़ावा दिया जा सके।

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