Madhya Pradesh News : MP के इन 19 शहरों में शराब बिक्री बंद: नई नीति से बड़ा बदलाव
1 अप्रैल से मध्य प्रदेश में 47 शराब दुकानें होंगी बंद, धार्मिक स्थलों के आसपास नहीं मिलेगी शराब, नई नीति से रेस्तरां और आयोजनों पर असर
- उज्जैन, मैहर, ओंकारेश्वर समेत 19 धार्मिक स्थलों पर शराबबंदी लागू
- नए नियमों के तहत केवल ‘लो-अल्कोहलिक बेवरेज बार’ की अनुमति
- सरकार को होगा 450 करोड़ का नुकसान, लेकिन सामाजिक प्रभाव पर ध्यान
Madhya Pradesh News : मध्य प्रदेश में 1 अप्रैल से शराब प्रेमियों को बड़ा झटका लगने वाला है। राज्य सरकार की नई आबकारी नीति के तहत उज्जैन, ओंकारेश्वर, मैहर, ओरछा, चित्रकूट सहित 19 धार्मिक स्थलों पर शराब की बिक्री पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके तहत इन स्थानों पर मौजूद 47 शराब दुकानें हमेशा के लिए बंद हो जाएंगी।
कहां-कहां लागू होगी शराबबंदी
उज्जैन नगर निगम, ओंकारेश्वर नगर पंचायत, महेश्वर नगर पंचायत, मैहर नगर पालिका, चित्रकूट नगर पंचायत, दतिया नगर पालिका, पन्ना, मंदसौर, अमरकंटक, मंडला, मुलताई और अन्य धार्मिक स्थलों को इस सूची में शामिल किया गया है। इन स्थानों पर अब किसी भी तरह की शराब की दुकान नहीं खुलेगी।
क्या पूरी तरह से शराबबंदी लागू होगी
हालांकि, बिहार की तरह मध्य प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी लागू नहीं की गई है। जो लोग अन्य स्थानों से शराब लाकर व्यक्तिगत रूप से सेवन करना चाहते हैं, उनके लिए कोई कानूनी प्रतिबंध नहीं होगा। लेकिन, सरकारी स्तर पर इन धार्मिक स्थलों को शराब मुक्त बनाने का निर्णय लिया गया है।
लो-अल्कोहलिक बेवरेज बार’ को मिली अनुमति
नई नीति के तहत राज्य में पारंपरिक शराब बार की जगह अब ‘लो-अल्कोहलिक बेवरेज बार’ शुरू किए जाएंगे। इनमें केवल बीयर, वाइन और रेडी-टू-ड्रिंक अल्कोहल युक्त पेय पदार्थ परोसे जाएंगे। स्प्रिट यानी व्हिस्की, रम और वोडका जैसे मजबूत अल्कोहलिक पेय पूरी तरह प्रतिबंधित रहेंगे।
राजस्व में 450 करोड़ का घाटा, लेकिन सरकार अडिग
इस फैसले से सरकार को करीब 450 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होगा। लेकिन मुख्यमंत्री मोहन यादव ने साफ कर दिया है कि धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के स्थानों को शराब मुक्त बनाना उनकी प्राथमिकता है। राज्य में वर्तमान में करीब 3600 शराब दुकानें हैं, जो इस साल 15,200 करोड़ रुपये का अनुमानित राजस्व जुटाने वाली हैं।
रेस्तरां और आयोजनों के लिए नए नियम
सरकार ने रेस्तरां में शराब परोसने के लिए ओपन एरिया (खुले स्थान) में फ्लोर एरिया बढ़ाने की अनुमति दी है, जिससे होटल और रेस्तरां उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। वहीं, बड़े आयोजनों के लिए लाइसेंस शुल्क को आयोजन स्थल और दर्शकों की संख्या के अनुसार तय किया जाएगा, जिससे राज्य को अतिरिक्त राजस्व प्राप्त हो सके।
नई नीति के तहत बैंक गारंटी अनिवार्य
शराब ठेकेदारों को अब 1 अप्रैल 2025 से ई-बैंक गारंटी जमा करनी होगी, जो 30 अप्रैल 2026 तक वैध रहेगी। यह गारंटी केवल अधिकृत बैंकों के माध्यम से ही स्वीकार की जाएगी।
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