Bhopal Metro Update : भोपाल मेट्रो की स्पीड टेस्टिंग शुरू,जानिए कैसे हो रही जांच
रेत से भरी बोरियों से लदी दो मेट्रो ट्रेन ब्रिज के ऊपर खड़ी कर दी गई है। इन बोरियों का वजन 1800 यात्रियों के बराबर रखा गया है।
- रेट से भरी बोरियों से लदी
- तीन कोच वाली दो मेट्रो ट्रेन
- ब्रिज की सुरक्षा की जांच
Bhopal Metro Update : भोपाल के हबीबगंज रेलवे क्रॉसिंग पर बनी मेट्रो की स्टील ब्रिज की लोडिंग टेस्टिंग शुरू कर दी गई है।रेत से भरी बोरियों से लदी दो मेट्रो ट्रेन ब्रिज के ऊपर खड़ी कर दी गई है। इन बोरियों का वजन 1800 यात्रियों के बराबर रखा गया है। सूत्रों के अनुसार यह ब्रिज का हेल्थ चेकअप जैसा है शनिवार को पूरे दिन यह मेट्रो ब्रिज पर खड़ी रहेगी।
रेट से भरी बोरियों से लदी तीन कोच वाली दो मेट्रो ट्रेन
इस स्टील ब्रिज को 600 मी टन वजन सहने के लिए डिजाइन किया गया है। इसकी पहले लोडिंग टेस्टिंग हो चुकी है। जबकि दूसरी टेस्टिंग शुक्रवार से शुरू हो गई है। शाम को रेट से भरी बोरियों से लदी तीन कोच वाली दो मेट्रो ट्रेन ब्रिज पर लाई गई है।और खड़ी कर दी गई है शनिवार को यह देखा जाएगा की 65 मीटर लंबे ब्रिज पर 24 घंटे में क्या बदलाव हुआ है।यह ब्रिज की फाइनल टेस्टिं होगी।
एक यात्री का औसत वजन 60 किलो
मेट्रो के एक कोच में 300 यात्री बैठ सकते हैं। अगर एक यात्री का औसत वजन 60 किलो माना जाए तो भी पूरी ट्रेन का वजन 600 मी टन होता है।
टेस्टिंग के लिए 900 मेट्रिक टन वजन रेट की बोरियों के रूप में लदा गया है।जिससे 90 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रायल रन किया जा सके।दूसरी ट्रेन के साथ भी ऐसा ही किया गया है।
ब्रिज की सुरक्षा की जांच
ट्रेन को ब्रिज पर खड़ा करके लोड टेस्टिंग की गई है। इंजीनियर ब्रिज की हेल्थ रिपोर्ट चेक करेंगे, मतलब यह पता लगाया जाएगा कि क्या ब्रिज ट्रेन और यात्रियों का वजन सहने के लिए सक्षम है।
इसी मार्च में रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से एम्स तक पहली बार मेट्रो चलाई गई थी। पहले दिन इसकी गति 10-20 किमी/घंटा रखी गई थी।और 3 किलोमीटर की दूरी सिर्फ 12 मिनट में पूरी की गई है।
इससे पहले जब सुभाषनगर से आरकेएमपी के बीच ही मेट्रो परीक्षण चल रहा था। अब 3 किमी के नए ट्रैक पर भी ट्रायल रन सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है।
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