इंदौर-भोपाल-जबलपुर हाई स्पीड कॉरिडोर: मध्यप्रदेश में नया विकास की राह!
मध्यप्रदेश सरकार की नई पहल से प्रदेश के तीन बड़े शहरों के बीच हाई स्पीड कनेक्टिविटी होगी, 24000 करोड़ रुपये का निवेश होगा। इस परियोजना से विकास और समय की बचत दोनों होंगे।
- इंदौर, भोपाल और जबलपुर के बीच बनेगा ग्रीनफील्ड हाई स्पीड कॉरिडोर।
- इस परियोजना पर कुल खर्च होगा 24000 करोड़ रुपये।
- यात्रा समय में भारी कमी, तेज़ और सुरक्षित कनेक्टिविटी होगी।
High Speed Corridor : मध्यप्रदेश सरकार ने हाल ही में एक ऐतिहासिक परियोजना की घोषणा की है, जिससे प्रदेश की सड़क कनेक्टिविटी में अभूतपूर्व सुधार होगा। इस योजना के तहत इंदौर, भोपाल और जबलपुर को जोड़ने के लिए एक ग्रीनफील्ड हाई स्पीड कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा।
अब आप सोच रहे होंगे कि यह ग्रीनफील्ड कॉरिडोर क्या है? सरल शब्दों में, यह एक नया रूट होगा, जो ऐसी जगहों से होकर जाएगा, जहां पहले कोई हाई स्पीड सड़क नहीं थी। इसका उद्देश्य इन तीन प्रमुख शहरों के बीच यात्रा को न सिर्फ आसान बनाना, बल्कि समय की भी बचत करना है।
परियोजना दो हिस्सों में विभाजित
यह परियोजना दो हिस्सों में विभाजित की जाएगी। पहला हिस्सा भोपाल से जबलपुर के बीच बनेगा। इसकी लंबाई लगभग 255 किलोमीटर होगी और इस पर लगभग 14105 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इस रूट के बनने से इन दोनों शहरों के बीच यात्रा बेहद तेज़ और सुविधाजनक हो जाएगी। लोग कम समय में एक शहर से दूसरे शहर पहुंच सकेंगे, जिससे उनका समय और ऊर्जा दोनों बचेंगे।
160 किलोमीटर लंबा होगा
दूसरा हिस्सा इंदौर से भोपाल के बीच होगा, जो 160 किलोमीटर लंबा होगा। इस पर लगभग 9716 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह भी एक नया मार्ग होगा और इससे इन दोनों शहरों के बीच यात्रा बहुत ही आसान और कम समय में पूरी हो जाएगी। इससे इन शहरों के बीच न सिर्फ यात्रा में सुधार होगा, बल्कि व्यापार और रोज़मर्रा के कामकाजी लोगों के लिए भी यह एक बड़ा सहारा बनेगा।
मध्यप्रदेश सरकार ने इस परियोजना की योजना अगले 15 सालों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बनाई है। इसका मतलब यह है कि यह कॉरिडोर केवल आज की ज़रूरतों को पूरा नहीं करेगा, बल्कि भविष्य में भी यातायात की बढ़ती मांग को संतुष्ट करेगा।
इसके अलावा, इस परियोजना का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह ग्रीनफील्ड कॉरिडोर होगा, यानी इस रूट को पूरी तरह से नए तरीके से विकसित किया जाएगा। इसका मतलब यह है कि किसी भी पुराने रास्ते को दुरुस्त करने की बजाय, यह पूरी तरह से एक नया रास्ता खोला जाएगा। इससे प्रदेश के उन इलाकों में भी कनेक्टिविटी आ जाएगी, जिनकी अब तक अनदेखी की जाती रही है। यह एक तरह से इन क्षेत्रों के विकास की दिशा में बड़ा कदम साबित होगा।
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में एनएचएआई के साथ समझौता
इस परियोजना के तहत, मध्यप्रदेश सरकार ने हाल ही में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में एनएचएआई के साथ समझौता किया है। यह समझौता न सिर्फ इस हाई स्पीड कॉरिडोर, बल्कि अन्य रोड प्रोजेक्ट्स के लिए भी एक मजबूत नींव बनेगा। इससे यह भी उम्मीद जताई जा रही है कि प्रदेश में इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में और अधिक निवेश होगा, जिससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
अगर हम इसे बड़े पैमाने पर देखें, तो यह परियोजना सिर्फ इंदौर, भोपाल और जबलपुर के लिए नहीं, बल्कि पूरे राज्य के लिए महत्वपूर्ण होगी। इस योजना के लागू होने से प्रदेश में व्यापार, पर्यटन और दैनिक यातायात में बड़ा बदलाव आएगा। पहले जहां लोग घंटों की यात्रा में समय गंवाते थे, अब उन्हें यह यात्रा तेज़ और आरामदायक होगी। इससे न केवल उनके समय की बचत होगी, बल्कि प्रदूषण पर भी कुछ हद तक काबू पाया जा सकेगा।
सरकार का यह कदम आने वाले समय में राज्य के विकास में मदद करेगा। इस परियोजना से राज्य के नागरिकों को फायदा होगा और साथ ही साथ प्रदेश की विकास दर में भी वृद्धि होगी। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस महत्वाकांक्षी परियोजना को कितने समय में पूरा किया जाता है और इसका लाभ जनता तक कब पहुंचेगा।
यह भी पढ़ें:-गेहूं की MSP पर खरीदी 15 मार्च से, किसानों को मिलेगा 2600 रुपये प्रति क्विंटल – जानें पूरी जानकारी