गेहूं की MSP पर खरीदी 15 मार्च से, किसानों को मिलेगा 2600 रुपये प्रति क्विंटल – जानें पूरी जानकारी

मध्य प्रदेश में अब 15 मार्च से गेहूं की MSP पर खरीदी होगी, 2600 रुपये प्रति क्विंटल मिलेगा किसानों को, रजिस्ट्रेशन की आखिरी तारीख 31 मार्च 2025 तक।

  • Purchase of wheat at MSP will start from March 15.
  • Wheat support price will be Rs 2600 per quintal, which also includes a bonus of Rs 175.
  • Time will be available to register till March 31, 2025.

MSP wheat 2025 : मध्य प्रदेश के किसानों के लिए एक बड़ी राहत भरी खबर आई है। गेहूं की खरीदी की तारीख को सरकार ने 1 मार्च से बढ़ाकर अब 15 मार्च कर दी है। क्या आप जानते हैं कि इस साल गेहूं के लिए सरकार किसानों को 2600 रुपये प्रति क्विंटल का दाम देने वाली है।

पहले गेहूं की खरीदी 1 मार्च से शुरू होनी थी, लेकिन फसल की कटाई पूरी नहीं हो पाई थी। साथ ही मंडियों में गेहूं में नमी की समस्याएं भी आ रही थीं। इसी वजह से सरकार ने तारीख को बढ़ाकर 15 मार्च कर दिया। अब किसानों को 31 मार्च 2025 तक रजिस्ट्रेशन कराने का भी समय मिलेगा। इस बात को लेकर किसानों में खुशी का माहौल है क्योंकि अब वो आसानी से अपनी फसल बेच सकेंगे और अच्छा मूल्य भी प्राप्त कर पाएंगे।

किसानों को मिलेंगे 2600 रुपये प्रति क्विंटल

मध्य प्रदेश सरकार ने गेहूं की MSP (Minimum Support Price) को 2425 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है, लेकिन खास बात यह है कि सरकार ने बोनस भी घोषित किया है। इस बोनस के तहत, किसानों को 175 रुपये प्रति क्विंटल अतिरिक्त मिलेंगे।
यानी अब किसानों को गेहूं के लिए कुल 2600 रुपये प्रति क्विंटल मिलेंगे। यह कदम किसानों के लिए एक बड़ी राहत साबित होगा। इस बोनस के माध्यम से सरकार किसानों को अधिक लाभ देने की कोशिश कर रही है, ताकि उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके।

4,000 उपार्जन केंद्रों

मध्य प्रदेश में इस बार गेहूं का अनुमानित उपार्जन 80 लाख टन के आसपास है। इसे ध्यान में रखते हुए, सरकार ने राज्य भर में 4,000 उपार्जन केंद्रों का गठन किया है। ये उपार्जन केंद्र किसानों को आसानी से अपनी फसल बेचने का मौका देंगे। किसानों को किसी भी परेशानी का सामना न करना पड़े, इसके लिए सरकार ने पहले से ही पूरे प्रदेश में इन केंद्रों की व्यवस्था की है।

बोनस और भुगतान की पूरी प्रक्रिया

मध्य प्रदेश सरकार ने गेहूं के खरीद के लिए कुल 20 हजार 800 करोड़ रुपये का भुगतान करने की योजना बनाई है। इस राशि में किसानों को बोनस के साथ-साथ MSP के तहत दाम भी मिलेंगे। इससे न सिर्फ किसानों की आमदनी बढ़ेगी, बल्कि प्रदेश की कृषि व्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। इस भुगतान को सही समय पर किसानों तक पहुंचाने के लिए सरकार ने हर स्तर पर तैयारी कर ली है।

रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया

अब तक 2 लाख 91 हजार से ज्यादा किसान गेहूं उपार्जन के लिए रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं। लेकिन जो किसान अब तक रजिस्ट्रेशन नहीं करवा पाए हैं, उनके पास 31 मार्च 2025 तक का समय है। सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि हर किसान को अपनी फसल बेचने का अवसर मिले, और इस प्रक्रिया में किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।

 गेहूं की खरीदी की शुरुआत

गेहूं की खरीदी की शुरुआत सबसे पहले इंदौर, उज्जैन, भोपाल और नर्मदापुरम संभाग से की जाएगी। इसके बाद 17 मार्च से बाकी बचे संभागों में खरीदी की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। सरकार ने इस प्रक्रिया को पारदर्शी और आसान बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। अब किसानों को अपनी फसल बेचने में कोई मुश्किल नहीं आएगी और वे सही मूल्य प्राप्त करेंगे।

फसल की कटाई में देरी

अब आप सोच रहे होंगे कि क्यों गेहूं की खरीदी की तारीख को बढ़ाया गया? तो, इसका कारण यह है कि फसल की कटाई में देरी हो रही थी। इसके अलावा, मंडियों में आ रहे गेहूं में नमी की समस्या भी थी, जिससे खरीदी में समस्याएं आ रही थीं। इसलिए सरकार ने यह निर्णय लिया कि खरीदी की तारीख को आगे बढ़ाकर 15 मार्च किया जाए, ताकि किसानों को अधिक समय मिल सके और उनकी फसल सही तरीके से बिक सके।

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