शिवराज सिंह ने बेटे-बहू को दिलाया ‘आठवां अनोखा वचन इस वचन का महत्व जानें।

6 मार्च को कार्तिकेय और अमानत की शादी के बाद शिवराज सिंह ने उन्हें एक खास वचन दिया, जो था प्रकृति की सेवा का संकल्प

  • शिवराज सिंह ने प्रकृति की सेवा के लिए आठवां वचन लिया।
  • कार्तिकेय और अमानत ने हर साल पौधारोपण करने का संकल्प लिया।
  • छोटे बेटे रिद्धी और कुणाल ने भी लिया था यही वचन।

Kartikey Singh Chouhan Wedding : 6 मार्च को मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बड़े बेटे कार्तिकेय सिंह चौहान और अमानत की शादी हुई। ये शादी, जहां एक ओर पारंपरिक रस्मों से भरी हुई थी, वहीं दूसरी ओर इस खास दिन में शिवराज सिंह ने एक अलग तरह की बात की। सात फेरे पूरे करने के बाद, शिवराज सिंह ने अपने बेटे और बहू से आठवां वचन लिया, जो था ‘प्रकृति की सेवा का प्रण’।

अब आप सोच रहे होंगे कि ये आठवां वचन क्या है? तो इसे समझिए—यह वचन था, प्रकृति के प्रति जिम्मेदारी का, जिसमें दोनों को यह संकल्प दिलाया गया कि वे अपने जीवन के खास अवसरों पर पौधारोपण करेंगे, जैसे जन्मदिन और वैवाहिक वर्षगांठ आदि। ये वचन एक तरह से धरती और पर्यावरण की रक्षा के लिए था, ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी पृथ्वी सुरक्षित रहे।

इस वचन के बारे में शिवराज सिंह ने अपने एक्स अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें वह बताते हैं, कार्तिकेय और अमानत ने प्रकृति की सेवा का वचन लिया है। इस संकल्प के तहत वे हर साल अपने जन्मदिन, विवाह की सालगिरह और अन्य महत्वपूर्ण अवसरों पर पौधारोपण करेंगे। यह कदम मानवता और पर्यावरण के लिए है। शिवराज ने यह भी कहा कि हमें अपनी जिंदगी को औरों की भलाई के लिए जीना चाहिए, और प्रकृति की सेवा उसी का हिस्सा है।

यह कोई पहली बार नहीं था, जब शिवराज ने यह वचन लिया हो। उनके छोटे बेटे रिद्धी और कुणाल ने भी शादी के बाद यही आठवां वचन लिया था। दोनों ने विवाह की सभी रस्में पूरी करने के बाद, सबसे पहले पौधारोपण किया था। यह एक सुंदर पहल है, जो यह बताती है कि हमें हमारे जीवन के सभी महत्वपूर्ण पल प्रकृति के साथ जोड़ने चाहिए।

किसी ने सही कहा है, “जितना हम अपनी धरती की सेवा करेंगे, उतनी ही हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए यह पृथ्वी बेहतर रहेगी।

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