मध्य प्रदेश के किसानों की समृद्धि के लिए नया रास्ता खुला संशोधित पार्वती काली सिंधी चंबल नदी परियोजना का त्रिस्तरी अनुबंध

मध्य प्रदेश सरकार और राजस्थान और उत्तर प्रदेश जैसे राज्य ने शामिल होकर एक ऐतिहासिक कदम उठाया है

Modified Parvati-Kalisindh-Chambal: भारत देश में किसान और कृषि का संबंध न केवल आर्थिक दृष्टि से बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण है देश की अधिकांश जनसंख्या कृषि पर निर्भर है और कृषि कार्य के लिए पानी की उपलब्धता होना बहुत महत्वपूर्ण है कृषि की समृद्धि और सफलता के लिए पानी का होना मुख्य माना जाता है ।

मध्य प्रदेश राज्य जो कृषि प्रधान राज्य के रूप में जाना जाता है यहां की किसानों के लिए समृद्धि और कृषि उत्पादकता के लिए सिंचाई के प्रबंध होना बहुत जरूरी है इसी दिशा में मध्य प्रदेश सरकार और राजस्थान और उत्तर प्रदेश जैसे राज्य ने शामिल होकर एक ऐतिहासिक कदम उठाया है

राजस्थान की जयपुर में एक कार्यक्रम के दौरान नरेंद्र मोदी जी के मुख्य अतिथि में संशोधित पार्वती काली सिंधी चंबल नदी को जोड़ने की परियोजना का त्रिस्तरी अनुबंध हुआ है इस महत्वाकांक्षी परियोजना में मध्य प्रदेश के किसानों के जीवन में बदलाव आ सकता है ।

इस परियोजना से किसानों को पर्याप्त फसलों के लिए पानी मिलेगा इस परियोजना में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री  सी आर पाटिल की उपस्थिति में यह अनुबंध हुआ है

प्रधानमंत्री का योगदान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में इस परियोजना को लेकर कई महत्वपूर्ण पहलू शुरू किए गए हैं इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि यह परियोजना न केवल किसानों के लिए बल्कि पूरे देश के लिए ऐतिहासिक पहल है उनका कहना था कि जल ही जीवन है और यदि जल का सही तरीके से उपयोग किया जाए तो यह देश की समृद्धि और खुशहाली की कुंजी बन सकता है ।

इस परियोजना के क्रियान्वयन के लिए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव का भी योगदान काफी महत्वपूर्ण रहा उन्होंने राज्य के किसानों के हित में प्राथमिकता देने देते हुए इस परियोजना का समर्थन किया और राज्य के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी उठाया है।

इसके साथ ही राजस्थान के मुख्यमंत्री और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है इस योजना के क्रियान्वयन से अब मध्य प्रदेश राजस्थान और अन्य राज्यों के किसानों को एक नई उम्मीद की किरण जगी है

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संशोधित पार्वती काली सिंधी चंबल नदी जोड़ो परियोजना

पार्वती काली सिंधी और चंबल नदियां मध्य प्रदेश और राजस्थान के नदियां है इन नदियों का जल कृषि कार्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है लेकिन कुछ वर्ष पहले इन नदियों का जलस्तर घटने के कारण इन क्षेत्रों में जल संकट गहरा गया था कई बार सुख और बे मौसम बारिश के कारण भी किसानों की फैसले प्रभावित हो रही थी।

जिससे उनकी आय में गिरावट हो रही थी इन नदियों के पानी को एक दूसरे से जोड़कर जल आपूर्ति को बेहतर बनाने के लिए यह अनुबंध किया गया है इस परियोजना सी केवल कृषि उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा बल्कि इन क्षेत्रों में पर्यावरण और संतुलन को बनाए रखने में भी काफी मदद मिलेगी

पानी की कमी होगी दूर

मध्य प्रदेश और राजस्थान के कई हिस्से ऐसे हैं जहां पर किसानों को फसलों के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता है किसानों को सिंचाई के लिए पानी नहीं मिलना एक बहुत बड़ी समस्या थी लेकिन इस परियोजना के द्वारा अब इन नदियों को आपस में जोड़ने से जल आपूर्ति में काफी सुधार आएगा जिसके चलते किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिलता रहेगा ।

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और उनकी फसलों की उत्पादन क्षमता भी बढ़ जाएगी इस परियोजना से कई सिंधी पार्वती और चंबल नदियों के जल संसाधनों को एक साथ जोड़ने से इन क्षेत्रों में हो रही जल संकट की समस्या का भी समाधान हो जाएगा और नदियों के जलस्तर में संतुलन बनाए रखना और पानी की कमी दूर की जा सकती है इसके साथ ही बदलते मौसम सूखा जैसी घटनाओं के कारण खेती में भी किसानों को नुकसान होता है इस परियोजना के तहत नदियों से जल आपूर्ति बढ़ाई जा सकती है

किसानों को होगा यह फायदा

  • उन्नत कृषक कृषि प्रणाली : जब किसानों को फसलों की सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिलेगा तो वह नई और उन्नत तरीके से किसी कर सकते हैं जैसे स्प्रिंकलर इरिफिकेशन और जैविक खेती आदि अपना कर किसान अपनी आय में भी वृद्धि कर सकते हैं
  • सिंचाई की निर्भरता कम परियोजना : से किसानों के लिए जल आपूर्ति पर्याप्त होगी और वह मानसून पर अपनी निर्भरता नहीं रहेंगे इसके परिणाम स्वरुप कृषि कर के लिए वह सक्षम होंगे और जिसके चलते उनकी उत्पादक क्षमता भी बढ़ेगी
  • कृषि पर आधारित उद्योगों को मिलेगा बढ़ावा: किसानों के लिए जब पर्याप्त मात्रा में फसलों के लिए पानी मिलेगा तो इसके चलते हुआ है खेती और अपनी उपज बढ़ा सकेंगे इसके साथ-साथ कृषि पर आधारित उद्योगों को भी क्षेत्र में बढ़ावा मिलेगा जिसके चलते स्थानीय लोगों की और किसने की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी

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