वैदिक मंत्र उच्चारण के बीच मोदी का त्रिवेणी संगम में शाही स्नान,देश की सुख समृद्धि और शांति की कामना
जिसमें त्रिवेणी संगम में गंगा स्नान और पूजन का विशेष महत्व होता है आज देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी त्रिवेणी संगम में स्नान कर और मां गंगा पूजन करके उनका आशीर्वाद लिया
- वैदिक मंत्र उच्चारण के बीच गंगा में स्नान
- भगवा वस्त्र धारण कर किया स्नान
- संगम में स्नान और गंगा पूजन का महत्व
Mahakumbh 2025 : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में कुंभ मेले में लाखों लोगों का आस्था का केंद्र बना हुआ है यह मिला न केवल धार्मिक आयोजन है बल्कि भारतीय संस्कृति और आस्था के प्रति गहरी परंपरा का प्रतीक भी माना जाता है इस बार महाकुंभ में लगभग 30 करोड़ से अधिक लोगों ने स्नान करके पुण्य लाभ अर्जित किया है।
जिसमें त्रिवेणी संगम में गंगा स्नान और पूजन का विशेष महत्व होता है आज देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी त्रिवेणी संगम में स्नान कर और मां गंगा पूजन करके उनका आशीर्वाद लिया।
वैदिक मंत्र उच्चारण के बीच गंगा में स्नान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज संगम में स्नान किया और इसी स्नान में वैदिक मंत्र उपचार के बीच गंगाजल में अभिषेक किया और फूल माला चढ़कर माता गंगा की आरती भी की इसके साथ ही वहां मौजूद पुरोहितों ने उनका तिलक लगाकर गंगाजल से आचमन भी कराया इसके बाद मोदी ने भारत की सुख समृद्धि और शांति की कामना की ।
भगवा वस्त्र धारण कर किया स्नान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के त्रिवेणी संगम स्नान को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है उनके द्वारा किए गए इस स्नान से उन्होंने अपनी गंगा के प्रति आस्था को एक बार और सिद्ध कर दिया है प्रधानमंत्री मोदी ने गंगा में भगवा कपड़े धारण करके त्रिवेणी संगम में स्नान किया जो आकर्षण का केंद्र रहा। प्रधानमंत्री मोदी रुद्राक्ष की माला गले में धारण किए हुए थे और एक माला उनके हाथ में थी इसके साथ ही उन्होंने भगवान सूर्य देव को भी अर्क दिया । स्नान के समय हाथ में रुद्राक्ष की माला से मंत्र जप भी किया ।
संगम में स्नान और गंगा पूजन का महत्व
शास्त्रों के अनुसार प्रयागराज संगम स्थल पर गंगा यमुना और सरस्वती नदियों का मिलन स्थल है जिससे भारतीय संस्कृति में अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है इस त्रिवेणी संगम के नाम से भी जाना जाता है और यहां स्नान करने वाले व्यक्तियों को पाप से मुक्ति मिलती है ।
और यहां आत्म शांति प्रदान होती है यह केवल धार्मिक दृष्टि से नहीं बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है हिंदू धर्म में जनमानस के लिए संगम का अर्थ सिर्फ नदियों का मिलन ही नहीं बल्कि आध्यात्मिक इसका बहुत बड़ा महत्व माना जाता है।