Betul Police News : एमपी की पुलिस गजब है,चरित्र प्रमाण पत्र में लिख दिए ऐसे शब्द,पुलिस अधीक्षक ने दो को कर दिया सस्पेंड, जानिए क्या है मामला

  • सीएम हेल्पलाइन में की थी शिकायत
  • एक बेहद चौंकाने वाली बात लिख दी
  • एसपी ने तुरत की कड़ी कार्यवाही

Betul Police News : मध्य प्रदेश की पुलिस भी अजब गजब है।यहां पर चरित्र प्रमाण पत्र बनवाने के लिए जब युवक ने आवेदन किया तो पुलिस नाराज हो गई।और उसके चरित्र प्रमाण पत्र में गजब का लिख दिया फिर क्या था पुलिस अधीक्षक ने दो अधिकारियों को सस्पेंड ही कर दिया जी हां हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के बैतूल की जहां पर ऐसा ही एक मामला सामने आया है।

सीएम हेल्पलाइन में की थी शिकायत

पीड़ित युवक रूपेश देशमुख ने बताया है कि चरित्र प्रमाण पत्र बनाकर नहीं दे रहे थे। हमने बहुत अनुरोध किया था। चरित्र प्रमाण पत्र देने में देरी होने के कारण हमने सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत कर दी थी।इसके बाद पुलिस ने हमको प्रमाण पत्र बना कर दिया था।

मुझे ड्यूटी पर जाना था, हम वोल्वो आइसर कंपनी के भोपाल प्लांट में काम करते हैं। उसके लिए हमें चरित्र प्रमाण पत्र की जरूरत थी। इसके पहले हमने कभी सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत नहीं की थी।

एक बेहद चौंकाने वाली बात लिख दी

पुलिस ने हमें दूसरा चरित्र प्रमाण पत्र दे दिया है।लेकिन पुलिस कर्मी सीएम हेल्पलाइन पर कॉल करने से नाराज हो गए थे। पुलिस ने चरित्र प्रमाण पत्र दिया  तो उसमें लिखा है कि रुपेश के खिलाफ थाने में कोई आपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं है,

लेकिन एक बेहद चौंकाने वाली बात लिख दी गई। प्रमाण पत्र पर लाल स्याही से नोट किया गया कि “आवेदक सीएम हेल्पलाइन में शिकायत करने का आदि है।” यह चरित्र प्रमाण पत्र अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

एसपी ने तुरत की कड़ी कार्यवाही

जब यह मामला सामने आया तो जिले में तहलका मच गया। शिकायत मिलने के बाद बैतूल एसपी निश्चल एन झारिया ने तुरंत ही कड़ी कार्रवाई करते हुए प्रधान आरक्षक बलराम सरेयाम और आरक्षक विप्लव मरासे को निलंबित कर दिया। एसपी निश्चल एन झारिया ने बताया कि आवेदक ने शिकायत की थी इसके बाद तुरंत कार्रवाई करके उसके चरित्र प्रमाण पत्र को बदलकर दूसरा चरित्र प्रमाण पत्र दे दिया गया है।

https://twitter.com/v0706659530948/status/1889626465940984057

मध्य प्रदेश सरकार ने नागरिकों की समस्याओं को हल करने के लिए सीएम हेल्पलाइन जैसी सेवा शुरू की है जिससे लोग अपनी शिकायतें सीधे सरकार तक पहुंचा सकें। लेकिन इस मामले में शिकायत करने वाले नागरिक को ही परेशान किया गया है जिससे पुलिस की कार्य पर सवाल उठने लगे हैं

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