पुलिस का तामझाम: युवकों का मुंडन कर निकाला जुलूस, विधायक ने उठाए सवाल जानिए कहा का है मामला
चैंपियंस ट्रॉफी की जीत पर हुड़दंग करने वाले युवकों का मुंडन कर जुलूस निकाला गया, विधायक ने इस पर विरोध जताया, पुलिस जांच की प्रक्रिया जारी, मामला तूल पकड़ रहा है।
- युवकों द्वारा फटाखे जलाने पर पुलिस ने लिया एक्शन।
- भाजपा विधायक गायत्रीराजे पवार ने पुलिस कार्रवाई पर उठाए सवाल।
- पुलिस कप्तान ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
Devas police : देवास में चैंपियंस ट्रॉफी के जश्न के दौरान हुई एक घटना ने पुलिस और राजनीति में विवाद खड़ा कर दिया है। पुलिस ने कुछ युवकों का मुंडन कर जुलूस निकाला, जो शहर के सयाजी द्वार पर फटाखे जलाने और पुलिस से बदतमीजी करने के आरोप में पकड़े गए थे। इस मामले ने न केवल देवास, बल्कि पूरे राज्य में सुर्खियां बटोरी हैं।
मामला क्या था?
बीती रात देवास में चैंपियंस ट्रॉफी की जीत पर खुशी मनाने के दौरान कुछ युवक शहर के मुख्य चौराहे सयाजी द्वार पर फटाखे जला रहे थे। जब सिटी कोतवाली के टीआई अजय गुर्जर मौके पर पहुंचे और युवकों को समझाने की कोशिश की, तो वे उलटे पुलिस अधिकारी से ही बदतमीजी करने लगे।
यह बात टीआई के लिए असहनीय थी, और उन्होंने पुलिस टीम को मौके पर तैनात किया। इसके बाद, कुछ युवकों को हिरासत में लेकर पुलिस ने उन पर कार्रवाई की और उनका मुंडन कर जुलूस निकाला।
विधायक का विरोध
इस पूरे मामले के तूल पकड़ने के बाद, देवास की भाजपा विधायक गायत्रीराजे पवार ने एसपी ऑफिस पहुंचकर पुलिस की कार्रवाई पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने पुलिस कप्तान से मुलाकात की और आरोप लगाया कि सिर्फ नौ युवकों को आरोपी बना कर उनका मुंडन करना और जुलूस निकालना उचित नहीं था। विधायक का कहना था कि इन युवकों का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था और इस तरह की कठोर सजा देने से पहले हर पहलू की जांच करनी चाहिए थी।
विधायक ने एसपी पुनीत गेहलोद से पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करने की मांग की और साथ ही उन्होंने पुलिस से यह भी अनुरोध किया कि इन युवकों को जल्द से जल्द रिहा किया जाए। उनका कहना था कि युवकों को इस तरह की सजा देना न केवल गलत है, बल्कि यह उनका मानवीय अधिकार भी हनन करता है।
पुलिस कप्तान ने की जांच के आदेश
विधायक के साथ बैठक के बाद, मीडिया से बातचीत करते हुए पुलिस कप्तान पुनीत गेहलोद ने कहा कि युवकों द्वारा फटाखे जलाने और पुलिस अधिकारियों से अभद्रता करने के आरोप गंभीर हैं। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि इस घटना में पुलिस वाहन को तोड़ने का प्रयास और मोमोज दुकानदार के साथ मारपीट के आरोप भी हैं।
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पुलिस कप्तान ने इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच के आदेश दिए हैं और जांच टीम का नेतृत्व एडिशनल एसपी जयवीर सिंह भदौरिया करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि जांच 7 दिनों के अंदर पूरी होनी चाहिए और इसकी रिपोर्ट सार्वजनिक की जाएगी।
पुलिस कार्रवाई पर उठे सवाल
देवास में हुई इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। एक तरफ, पुलिस ने कानून को तोड़ने और सार्वजनिक शांति को भंग करने वाले युवकों पर सख्ती से कार्रवाई की, वहीं दूसरी ओर, युवकों के मुंडन और जुलूस निकालने को लेकर भी विवाद खड़ा हो गया। कई लोगों का मानना है कि यह कार्रवाई एक हद तक अत्यधिक थी और युवकों की इज्जत को ठेस पहुंचाई गई।
वहीं, दूसरी ओर, पुलिस का कहना है कि यह कार्रवाई सार्वजनिक अनुशासन बनाए रखने के लिए जरूरी थी। पुलिस अधिकारियों का कहना था कि इस तरह की घटनाओं से समाज में गलत संदेश जाता है, और ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।