OP Chautala Passes Away : हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री का निधन: राजनीति के दिग्गज का अंतिम सफर

ओम प्रकाश चौटाला का जन्म 1935 में हरियाणा के हिसार जिले के एक छोटे से गांव चौटाला में हुआ था। उनका परिवार एक कृषि आधारित परिवार था

OP Chautala Passes Away : हरियाणा की राजनीति के दिग्गज और इंडियन नेशनल लोक दल (इनेलो) के सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला का 20 दिसंबर 2024 को निधन हो गया। वे 89 वर्ष के थे और शुक्रवार की सुबह दिल का दौरा पड़ने के बाद गुरुग्राम स्थित अपने घर पर बेहोश हो गए।

तुरंत ही उन्हें गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनका निधन हो गया। उनका निधन हरियाणा सहित समूचे उत्तर भारत में एक बड़ी राजनीतिक क्षति के रूप में देखा जा रहा है।

ओम प्रकाश चौटाला का जीवन और राजनीतिक सफर

ओम प्रकाश चौटाला का जन्म 1935 में हरियाणा के हिसार जिले के एक छोटे से गांव चौटाला में हुआ था। उनका परिवार एक कृषि आधारित परिवार था, लेकिन ओम प्रकाश ने अपनी मेहनत और संघर्ष से राजनीति में अपनी अलग पहचान बनाई। वे भारतीय राजनीति में एक प्रसिद्ध चेहरा थे और खासकर हरियाणा में उनकी गहरी जड़ें थीं।

OP Chautala Passes Away
OP Chautala Passes Away

ओम प्रकाश चौटाला का राजनीतिक जीवन लंबे समय से हरियाणा के सत्ता के गलियारों में प्रभावी रहा। उन्होंने इनेलो पार्टी की नींव रखी और इसका नेतृत्व किया। वे पांच बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बने और अपने कार्यकाल में राज्य के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए।

राजनीतिक करियर की शुरुआत

ओम प्रकाश चौटाला ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से की थी, लेकिन वे जल्द ही कांग्रेस से अलग हो गए और 1970 के दशक में अपनी अलग पार्टी “इंडियन नेशनल लोक दल” (इनेलो) की स्थापना की। इनेलो को लेकर चौटाला का विश्वास था कि यह पार्टी हरियाणा के ग्रामीण और किसानों की समस्याओं को प्रमुखता से उठाएगी और उनके अधिकारों की रक्षा करेगी।

चौटाला की राजनीति हमेशा एक्शन से भरी रही। उनका हमेशा यह मानना था कि उनके राज्य का विकास तभी संभव है जब किसानों और ग्रामीणों के हितों की रक्षा की जाए। उन्होंने हरियाणा में कई ऐसे विकास कार्य किए, जो आज भी राज्य के लोगों के लिए यादगार हैं। चौटाला का मानना था कि हरियाणा को एक शक्तिशाली राज्य के रूप में उभारने के लिए मेहनत और समर्पण की जरूरत है।

मुख्यमंत्री के रूप में ओम प्रकाश चौटाला का कार्यकाल

ओम प्रकाश चौटाला ने पांच बार हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। उनका पहला मुख्यमंत्री बनने का मौका 1999 में आया। इस दौरान उन्होंने कई प्रमुख योजनाएं शुरू की, जिनमें किसानों के लिए समर्थन मूल्य, कृषि क्षेत्र में सुधार, और ग्रामीण क्षेत्रों उनके कार्यकाल में हरियाणा की शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं में भी सुधार हुआ।

यह भी पढिये..
नोकिया का स्मार्टफोन, सबसे कम दामों पर लेकर जाए, जानिए फिचर्स और बैटरी

चौटाला के नेतृत्व में इनेलो पार्टी ने राज्य में प्रभावी शासन किया। वे एक दृढ़ नायक के रूप में सामने आए और अपने निर्णयों से राज्य की राजनीति में एक नया मोड़ देने में सफल रहे। उनका नेतृत्व हरियाणा की राजनीति में एक नई दिशा में लेकर गया और उनके कार्यकाल में कई ऐतिहासिक फैसले हुए।

उनकी सरकार ने कई क्षेत्रों में सुधार किए, जैसे शिक्षा, सड़कों का निर्माण, कृषि आधारित योजनाएं, और स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतर उपलब्धता। इसके बावजूद, उनके कार्यकाल में कई विवाद भी उठे, जिनमें उनका और उनके परिवार का नाम भ्रष्टाचार के मामलों में सामने आया। इसके बावजूद, वे हमेशा अपने समर्थकों के बीच एक मजबूत और प्रभावशाली नेता के रूप में बने रहे।

ओम प्रकाश चौटाला का संघर्ष

इनेलो पार्टी की स्थापना ने हरियाणा की राजनीति में एक नई धारा को जन्म दिया। इनेलो का गठन 1996 में हुआ था, जब ओम प्रकाश चौटाला ने अपने चाचा देवीलाल के साथ मिलकर हरियाणा में एक नई राजनीतिक दिशा देने का संकल्प लिया। पार्टी ने राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों, खासकर किसानों के बीच अपनी पकड़ बनाई और उन्हें मुख्यधारा की राजनीति से जोड़ने का काम किया।

ओम प्रकाश चौटाला का राजनीतिक जीवन हमेशा विवादों से घिरा रहा। उन्हें भ्रष्टाचार के आरोपों का भी सामना करना पड़ा। उनके और उनके परिवार के खिलाफ कई बार कानूनी मामले सामने आए, लेकिन इसके बावजूद वे जनता के बीच अपनी लोकप्रियता बनाए रखने में सफल रहे। उनकी छवि एक सख्त नेता की थी, जो हमेशा अपने शब्दों पर खरा उतरता था।

सख्त और निर्णायक व्यक्तित्व

ओम प्रकाश चौटाला को उनके सख्त और निर्णायक व्यक्तित्व के लिए जाना जाता था। वे कभी भी किसी भी मुद्दे पर टकराने से नहीं डरते थे। उनका नेतृत्व हमेशा एक दृढ़ विश्वास और समर्पण से भरा होता था। चौटाला ने हमेशा अपनी राजनीति में पारदर्शिता और ईमानदारी की बात की, और यही वजह थी कि वे अपने समर्थकों के बीच एक आदर्श नेता के रूप में देखे जाते थे।

यह भी पढिये..
आज धूमधाम से मनाया जाएगा देव जागरण, शालिग्राम-तुलसी विवाह से शुरू होंगे शुभ कार्य

उनकी बातचीत की शैली सरल और प्रभावी थी। वे हमेशा हरियाणा की भलाई के लिए काम करने का संकल्प लेते थे, चाहे वह कृषि हो, शिक्षा हो या स्वास्थ्य। चौटाला का मानना था कि किसी भी राज्य का विकास तभी संभव है जब उसका किसान और श्रमिक वर्ग समृद्ध हो।

राजनीतिक जगत पर प्रभाव

ओम प्रकाश चौटाला का निधन हरियाणा और भारत की राजनीति के लिए एक बड़ी क्षति है। उनके जाने से हरियाणा की राजनीति में एक बड़ा शून्य पैदा हो गया है। चौटाला के समर्थकों और उनके परिवार के लिए यह समय शोक का है, लेकिन साथ ही उनके योगदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी जा रही है।

चौटाला का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव चौटाला स्थित सिरसा ले जाया गया है, जहां उन्हें अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। इसके बाद उनका अंतिम संस्कार वहां किया जाएगा। उनकी मृत्यु पर हरियाणा के नेताओं, किसानों, और उनके समर्थकों ने गहरा शोक व्यक्त किया है।

ओम प्रकाश चौटाला का योगदान

हरियाणा में ओम प्रकाश चौटाला का योगदान हमेशा याद किया जाएगा। उनके कार्यकाल में हरियाणा ने कई विकासात्मक कदम उठाए, जिनका प्रभाव आज भी राज्य की अर्थव्यवस्था और जीवनशैली पर दिखता है। किसानों के हक की लड़ाई, शिक्षा में सुधार, और सड़कों के निर्माण जैसे कार्य उनकी विरासत का हिस्सा बने हुए हैं।

उनकी राजनीति और संघर्ष ने यह साबित किया कि किसी भी नेता की असल पहचान उसके कार्यों से होती है, न कि केवल उसके पद से। ओम प्रकाश चौटाला का जीवन एक संघर्ष, समर्पण और सेवा का उदाहरण बना रहेगा।

Related Articles