Lokayukta Action : ये पटवारी 4,000 रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार 

पटवारी ने सीमांकन पूरा करने और प्रतिवेदन देने के लिए 10,000 रुपये की रिश्वत की मांग की।

Lokayukta Action : मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के आठनेर तहसील में भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए लोकायुक्त पुलिस ने एक पटवारी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा। यह कार्रवाई लोकायुक्त पुलिस महानिदेशक जयदीप प्रसाद के सख्त निर्देशों के तहत की गई, जो राज्य में भ्रष्टाचार मुक्त के लिए लगातार सक्रिय हैं।

क्या है रिश्वतखोरी का मामला

बैतूल जिले के सावंगी निवासी कमलेश चाढ़ोकर ने लोकायुक्त पुलिस भोपाल के अधीक्षक के पास 25 नवंबर 2024 को एक लिखित शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में उन्होंने बताया कि वे अपनी 1 एकड़ 406 डिसमिल कृषि भूमि का सीमांकन कराना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने 03 अक्टूबर 2024 को लोक सेवा गारंटी के तहत आवेदन किया था।

हालांकि, 25 अक्टूबर 2024 को पटवारी प्रफुल्ल बारस्कर ने भूमि का सीमांकन तो किया, लेकिन सीमा का निर्धारण अधूरा छोड़ दिया। जब कमलेश ने इस बारे में जानकारी मांगी, तो पटवारी ने सीमांकन पूरा करने और प्रतिवेदन देने के लिए 10,000 रुपये की रिश्वत की मांग की।

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शिकायत के बाद लोकायुक्त का प्लान 

कमलेश चाढ़ोकर ने पटवारी की इस मांग से परेशान होकर लोकायुक्त पुलिस से मदद मांगी। लोकायुक्त ने इस मामले की जांच की और शिकायत को सही पाया। इसके बाद, रिश्वत की रकम 4,000 रुपये पर तय हुई। लोकायुक्त पुलिस ने प्लान के साथ 28 नवंबर 2024 को बैतूल के आठनेर तहसील में पटवारी प्रफुल्ल बारस्कर को 4,000 रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया।

Lokayukta Action
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इस पूरे मामले में लोकायुक्त ने पटवारी के ऊपर भ्रष्टाचार अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर पूरे प्रकरण को जांच में लिया है आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में लोकायुक्त की शक्ति के बाद भी भ्रष्टाचारियों के कम होने का नाम नहीं ले रही है विगत डेढ़ माह के अंतराल में लोकायुक्त पुलिस ने 72 अधिकारी और कर्मचारी पर रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के मामले दर्ज किए हैं

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लोकायुक्त की सख्ती 

लोकायुक्त पुलिस की यह कार्रवाई मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ है। पुलिस महानिदेशक जयदीप प्रसाद के नेतृत्व में लोकायुक्त टीम लगातार भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कड़े कदम उठा रही है।

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