भीड़ को नियंत्रित करने के लिए दो नई व्यवस्थाएं हुई लागू,रखा जाएगा टिकट पर कलर कोड
भीड़ नियंत्रण के लिए अनारक्षित टिकटों की बिक्री पर कोई सीमा नहीं लगाई जाएगी। नियमों के मुताबिक, रेलवे यात्रियों को टिकट जारी करने से इनकार नहीं कर सकता।
- अनारक्षित टिकटों पर कोई सीमा नहीं होगी
- दो व्यवस्था स्टेशन पर हुई लागू
- अनारक्षित टिकटों की संख्या सीमित
- ज्यादा प्लेटफॉर्म वाले स्टेशनों पर लागू हुई
Indian Railways New Plan : रेलवे स्टेशन ने व्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए दो नई व्यवस्थाएं लागू कर दी हैं। पहले व्यवस्था के द्वारा यात्रियों को ट्रेन के रवाना होने से केवल 30 मिनट पहले ही प्लेटफार्म पर प्रवेश दिया जाएगा।
इससे पहले उन्हें स्टेशन परिसर में बने होल्डिंग एरिया में इंतजार करना होगा। दूसरी व्यवस्था के द्वारा अलग-अलग दिशाओं में जाने वाली ट्रेनों के टिकटों पर अलग-अलग कलर कोडिंग की जाएगी।यात्री केवल इस प्लेटफार्म पर जा सकते हैं जहां से उनकी ट्रेन रवाना होगी।
अनारक्षित टिकटों पर कोई सीमा नहीं होगी
रेलवे अधिकारियों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भीड़ नियंत्रण के लिए अनारक्षित टिकटों की बिक्री पर कोई सीमा नहीं लगाई जाएगी। नियमों के मुताबिक, रेलवे यात्रियों को टिकट जारी करने से इनकार नहीं कर सकता।
दो व्यवस्था स्टेशन पर हुई लागू
पहली व्यवस्था के द्वारा, यात्रियों को ट्रेन के रवाना होने से केवल 30 मिनट पहले ही प्लेटफॉर्म पर प्रवेश दिया जाएगा। इससे पहले उन्हें स्टेशन परिसर में बने होल्डिंग एरिया में इंतजार करना होगा।
दूसरी व्यवस्था के द्वारा अलग-अलग दिशाओं में जाने वाली ट्रेनों के टिकटों पर अलग-अलग कलर कोडिंग की जाएगी। यात्री केवल उसी प्लेटफॉर्म पर जा सकेंगे, जहां से उनकी ट्रेन रवाना होगी।
अनारक्षित टिकटों की संख्या सीमित
अनारक्षित टिकटों पर ट्रेन नंबर दर्ज करने का सुझाव पहले भी कई बार दिया गया है,जिससे एक ट्रेन के लिए अनारक्षित टिकटों की संख्या सीमित की जा सके। लेकिन रेलवे के मुताबिक यह व्यावहारिक नहीं है, क्योंकि अनारक्षित टिकट धारक 24 घंटे के भीतर किसी भी ट्रेन से यात्रा कर सकते हैं।
ज्यादा प्लेटफॉर्म वाले स्टेशनों पर लागू हुई
रेलवे बोर्ड के एक अधिकारी का कहना है कि 8 या उससे अधिक प्लेटफॉर्म वाले स्टेशनों पर ट्रेनें आमतौर पर चलने से 20 मिनट पहले प्लेटफॉर्म पर आती हैं।लेकिन यात्री काफी पहले ही प्लेटफॉर्म पर पहुंच जाते हैं।
अब ट्रेन के चालू होने से केवल 30 मिनट पहले ही यात्रियों को प्लेटफॉर्म पर प्रवेश दिया जाएगा। दिव्यांग और वृद्ध यात्रियों के लिए यह अवधि एक घंटे तक रखी जा सकती है।
प्लेटफॉर्म पर होगी प्रवेश की जांच
प्लेटफॉर्म पर प्रवेश के रास्ते पर तीन स्तरों की जांच की जाएगी।यात्रियों को घोषणाओं और अन्य माध्यमों के जरिए सूचित किया जाएगा कि यात्री होल्डिंग एरिया से गुजरकर ही प्लेटफॉर्म पर पहुंचें,
जहां डिस्प्ले बोर्ड और घोषणाओं के माध्यम से बताया जा रहा है कि किस ट्रेन के यात्री प्लेटफॉर्म पर जा सकते हैं।जिन 60 रेलवे स्टेशनों पर होल्डिंग एरिया बनाए जा रहे हैं, वहां यह व्यवस्था सबसे पहले लागू हो जाएगी।
प्लेटफॉर्म के आने जाने बिंदु अलग-अलग होंगे
विपरीत दिशाओं में जाने वाली ट्रेनों के टिकट अलग-अलग रंग के रखे जाएंगे।यात्री केवल उसी प्लेटफॉर्म पर जा सकते है जहां से उनकी यात्रा की दिशा वाली ट्रेन रवाना होगी। एक अधिकारी का कहना है कि बड़े और अधिक भीड़ वाले स्टेशनों पर अलग-अलग दिशाओं में जाने वाली ट्रेनों के लिए प्लेटफॉर्म तय किए जाएंगे।
इनके प्रवेश और निकास द्वार अलग-अलग बनाए जाएंगे। कलर कोडिंग के द्वारा यात्रियों को यह पता चलेगा कि उन्हें किस रास्ते से प्रवेश करना है। ट्रेन से उतरने वाले यात्रियों के लिए बाहर जाने का रास्ता अलग हुआ है।
दो-तीन प्लेटफॉर्म वाले छोटे स्टेशनों पर भी यह व्यवस्था लागू की जाएगी। कलर कोडिंग हर श्रेणी के टिकटों पर होगी। पहले कुछ महीनों तक इसका परीक्षण किया जाएगा।उसके बाद इस पर निर्णय लिया जाएगा।
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