Dewas News : देवास टेकरी पर आधी रात का तूफान, विधायक के बेटे के काफिले में लाल बत्ती वाली गाड़ी, पुजारी से मारपीट पर गरमाया मामला
Dewas News: देवास टेकरी में आधी रात मंदिर के पट खुलवाने और पुजारी से मारपीट के मामले में MLA के बेटे का नाम आने से मचा हड़कंप, पुजारी संघ ने जताया आक्रोश।
- विधायक के बेटे के काफिले में शामिल गाड़ी उज्जैन से जब्त की गई
- पुजारी से बदसलूकी और मारपीट को लेकर पुजारी संघ नाराज़
- आरोपी से माफी की मांग, नहीं तो विरोध की चेतावनी
Dewas News : देवास की पवित्र टेकरी, जहां भक्त बड़ी श्रद्धा से माता चामुंडा के दर्शन करने पहुंचते हैं, वहां 11 अप्रैल की रात कुछ ऐसा हुआ जिसने पूरे प्रदेश को चौंका दिया। आधी रात को मंदिर के पट जबरन खुलवाए गए, पुजारी से बहस हुई, हाथापाई तक बात पहुंची, और इस पूरे मामले में बीजेपी विधायक गोलू शुक्ला के बेटे रुद्राक्ष शुक्ला का नाम सामने आया।
क्या हुआ उस रात?
रात के लगभग 12 बजे रुद्राक्ष शुक्ला करीब 10 गाड़ियों का काफिला लेकर माता टेकरी मंदिर पहुंचा। मंदिर उस समय बंद था क्योंकि शयन आरती के बाद पट नहीं खोले जाते, ये नियम है और वर्षों से चला आ रहा है। लेकिन रुद्राक्ष और उसके साथियों ने नियमों को ताक पर रखकर दरवाजे खुलवाए और पुजारी से मारपीट की।
पुजारी ने विरोध किया, समझाने की कोशिश भी की कि अब पट सुबह मंगला आरती के समय ही खुलते हैं। लेकिन सियासी दबाव और गाड़ियों का रौब शायद श्रद्धा और नियमों से बड़ा निकला।
सीसीटीवी से हुआ खुलासा
घटना के बाद पुलिस हरकत में आई। सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए और दो गाड़ियों की पहचान हुई, जिनमें से एक (MP13 ZD 0111) लाल बत्ती वाली कार उज्जैन के विद्यानगर से बरामद की गई। यह गाड़ी लोकेश चांदवानी के नाम पर पंजीकृत है, जिसे उज्जैन पुलिस ने जब्त कर लिया है।
गाड़ी में हूटर भी लगा हुआ था, जिससे साफ है कि VIP एंट्री का पूरा नाटक किया गया था। कार मालिक के खिलाफ केस दर्ज हुआ है और नोटिस भी थमा दिया गया है।
पुजारी संघ का गुस्सा
घटना के बाद मठ मंदिर पुजारी संघ ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है। संघ ने सार्वजनिक रूप से माफी की मांग की है। उनका कहना है कि अगर तीन दिनों के भीतर रुद्राक्ष शुक्ला और उसके साथियों ने मां जगदंबा और पुजारियों से माफी नहीं मांगी तो पूरे प्रदेश के पुजारी आंदोलन करेंगे।
संगठन ने एक पत्र जारी कर लिखा है कि ये सिर्फ एक पुजारी नहीं, बल्कि संपूर्ण हिंदू समाज का अपमान है। देवालयों में ऐसे VIP हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
धार्मिक स्थलों का अपमान या सियासी शक्ति प्रदर्शन?
मंदिर एक ऐसा स्थान होता है जहां इंसान अपने सभी गुस्से, घमंड और अहंकार को छोड़कर आता है। लेकिन जब कोई VIP या नेता के रिश्तेदार वहां आकर शक्ति प्रदर्शन करता है, तो वो आस्था का मज़ाक उड़ाने जैसा होता है।
यह पहली बार नहीं है जब किसी रसूखदार ने धार्मिक स्थल पर अपने पावर का गलत इस्तेमाल किया हो। इसमें देवी के दरबार की मर्यादा तोड़ी गई है और एक पुजारी को अपमानित किया गया है।
गाड़ी जब्त हो चुकी
पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है, गाड़ी जब्त हो चुकी है, लेकिन असली सवाल है—क्या रुद्राक्ष शुक्ला पर कोई ठोस कार्रवाई होगी? या फिर ये मामला भी बाकी मामलों की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा? पुजारी संघ के विरोध और समाज के आक्रोश को देखकर लगता है कि इस बार मामला इतना आसान नहीं होगा।
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