1 लाख पहले और बाद में 2 लाख रुपए की रिश्वत लेते,राजस्व विभाग का यह कर्मचारी पकड़ाया
आरोपी पहले ही एक लाख रुपया रिश्वत ले चुका था। इसके बाद भी उसने काम के लिए दूसरी किस्त मांग ली थी
- ईओडब्ल्यू की बड़ी कार्यवाही
- पटवारी को रिसवत लेते रंगे हाथ दबोचा
- आरोपी पहले ही एक लाख रुपया रिश्वत ले चुका
EOW Action : मध्य प्रदेश में राजस्व के काम में पटवारी का भ्रष्टाचार काफी बढ़ता ही जा रहा है। जिलों में आए दिन रिश्वतखोरी के मामले सामने आ रहे हैं।हजारों की जगह आप बात छोटे से कामों के लिए भी लाख रुपए से शुरू हो रही है।
पटवारी को रंगे हाथ दबोचा
ऐसे ही एक ताजा मामला सामने आया है। जिसमें आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ ईओडब्ल्यू इंदौर ने शिकायत पर कार्यवाही की है। और पीथमपुर के पटवारी प्रशांत त्रिपाठी को रंगे हाथ दबोचा है।दरअसल मामला ₹300000 की रिश्वत का है। अब इसमें ईओडब्ल्यू व अधिकारियों की भूमिका की भी जांच कर रहे हैं।
यह था पूरा मामला
दरअसल मामला यह है कि पीथमपुर में तैनात पटवारी प्रशांत त्रिपाठी को एक लाख को रुपए की रिश्वत लेकर हेतु रंगी हाथों पकड़ा गया है। पटवारी पहले भी एक लाख रुपए की रिश्वत ले चुका था।उसने बाडगंगा इंदौर निवासी देवेंद्र नरवरिया और कैलाश नरवरिया से ₹3 लाख की रिश्वत की मांग की थी। और शिकायतकर्ता ने बताया है कि 21 फरवरी 2024 को ईओडब्ल्यू में शिकायत करी गई थी।
पटवारी को मौका मोआयना रिपोर्ट लगाना था
शिकायतकर्ता के द्वारा बताया गया है कि उनकी मां और मामा की पीथमपुर में जमीन है।इसका बंटवारा आवेदन तहसीलदार के पास लगा हुआ था। इस मामले में पटवारी को मौका मोआयना रिपोर्ट लगाना था। पटवारी प्रशांत ने ₹3 लाख की रिश्वत की मांग कर दी थी।
आरोपी पहले ही एक लाख रुपया रिश्वत ले चुका था। इसके बाद भी उसने काम के लिए दूसरी किस्त मांग ली थी। पटवारी ने होते पीथमपुर के हाउसिंग चौराहा स्थित शिवाजी महाराज की प्रतिमा के पास बुलाया था।
और अपनी गाड़ी में एक लाख रुपए लिए आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा (7) C के तहत केस दर्ज किया गया। और इस कार्यवाही में एक डीएसपी 4 निरीक्षक समिति 8 अन्य सदस्य शामिल हुए थे।
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