Aaj Ka Mousam : मध्यप्रदेश में मावठे की बारिश और ठंड का डबल डोज, 72 घंटों में इन जिलों में हो सकती है मावठे की बारिश जानें मौसम का हाल

सोमवार, 23 दिसंबर को यहां 20 से अधिक जिलों में बारिश होने की संभावना है।

Aaj Ka Mousam : मध्यप्रदेश में इस बार सर्दियों का मौसम थोड़ा अलग नजर आ रहा है। सामान्य ठंड के साथ अब मावठे की बारिश भी प्रदेश के कई हिस्सों में दस्तक देने वाली है। सोमवार, 23 दिसंबर को यहां 20 से अधिक जिलों में बारिश होने की संभावना है।

मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक अगले तीन दिनों तक मध्यप्रदेश के कई शहरों में रुक-रुककर बौछारें पड़ सकती हैं, जिससे दिन और रात के तापमान का अंतर कम होगा और ठंड में ज्यादा गलन का एहसास होगा।

मावठे की बारिश दिसंबर और जनवरी में

मध्यप्रदेश में ठंड के मौसम में मावठे की बारिश अक्सर देखी जाती है। इसे “मावठा” कहा जाता है। यह बारिश खासकर दिसंबर और जनवरी में होती है और इसका कारण पश्चिमी विक्षोम होता है। मावठे की बारिश ठंड में अचानक से तापमान में गिरावट आती  है और साथ ही ठंड  बढ़ा देती है। इस बार भी 23 दिसंबर को प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में मावठे की बारिश का अनुमान है।

मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, मावठे की बारिश में तापमान में अचानक बदलाव होने के कारण ठंड  ज्यादा महसूस होगी । अगले कुछ दिनों तक तापमान में काफी गिरावट देखने को मिलेगी। खासकर जनवरी के पहले हफ्ते में ठंड अपने चरम पर पहुँचने का अनुमान है।

आज 23 दिसंबर को इन जिलों में बारिश का अनुमान

23 दिसंबर, सोमवार को मध्यप्रदेश के 20 से अधिक जिलों में बारिश होने की संभावना है। इनमें सागर, विदिशा, बैतूल, बुरहानपुर, शिवपुरी, अशोकनगर, भिंड, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर,रायसेन, सीहोर, नर्मदापुरम, नरसिंहपुर, हरदा, खंडवा, अलीराजपुर, पन्ना और दमोह शामिल हैं। मौसम विभाग के मुताबिक, अगले 24 से 72 घंटों में अन्य जिलों में भी मावठे की बारिश हो सकती है।

मौसम विभाग ने बताया कि पश्चिमी विक्षोम के कारण कई जिलों में बारिश के साथ ओलावृष्टि भी हो सकती है। इससे प्रदेश के प्रमुख शहर जैसे भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर भी प्रभावित हो सकते हैं। इस बारिश के बाद ठंड में और वृद्धि होगी, जिससे जनवरी के पहले हफ्ते में ठंड अपने चरम पर पहुँच सकती है।

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ओलावृष्टि की संभावना

वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के कारण न सिर्फ बारिश बल्कि ओलावृष्टि की संभावना भी बनी हुई है। मध्यप्रदेश के विभिन्न हिस्सों में बारिश के साथ ओले गिरने के संकेत मिल रहे हैं, जिनका असर खासकर कृषि क्षेत्र पर पड़ सकता है। ओलावृष्टि से किसानों को अपने फसल की रक्षा के लिए खास सतर्कता बरतनी होगी। मौसम विभाग ने इस बारे में भी अलर्ट जारी किया है।

मावठा क्या होता है?

मध्यप्रदेश में मावठे की बारिश की प्रमुख वजह पश्चिमी विक्षोम है। जब यह विक्षोम उत्तर-पश्चिमी हवाओं के साथ आकर अरेबियन सी से नमी लेकर आता है, तो यह मावठे की बारिश का कारण बनता है। साथ ही, बंगाल की खाड़ी से आने वाली हवाएं इस नमी को और भी बल देती हैं, जिससे प्रदेश में तेज बारिश और ओलावृष्टि के संकेत होते हैं।

भोपाल के मौसम वैज्ञानिक वेद प्रकाश सिंह के मुताबिक, “पश्चिमी विक्षोम के कारण उत्तर पश्चिमी हवाएं अरेबियन सी से नमी लेकर आ रही हैं, और बंगाल की खाड़ी से आ रही हवाएं इस नमी को और बढ़ा रही हैं। यही कारण है कि मध्यप्रदेश में मावठे की बारिश और ओलावृष्टि का खतरा बना हुआ है।”

पचमढ़ी में सबसे कम तापमान

मध्यप्रदेश के हिल स्टेशन पचमढ़ी में इस समय सबसे कम तापमान रिकॉर्ड किया जा रहा है। यहां रविवार को तापमान 4 डिग्री बढ़कर 7.9 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। शनिवार रात को पचमढ़ी का तापमान 3.9 डिग्री था, जो कि इस सीजन का सबसे कम तापमान था।

मौसम विभाग के मुताबिक, हवा में आई नमी और बादलों के कारण पचमढ़ी के अलावा प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में भी तापमान में कुछ उछाल देखा जा सकता है। हालांकि, मावठे की बारिश के बाद तापमान में बड़ी गिरावट हो सकती है। इससे मध्यप्रदेश में ठंड का असर और भी बढ़ेगा।

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मावठे की बारिश का कृषि असर

मध्यप्रदेश कृषि प्रधान राज्य है और यहां के किसानों के लिए मौसम का बड़ा महत्व है। मावठे की बारिश कृषि के लिए वरदान या फिर मुसीबत बन सकती है, यह पूरी तरह से बारिश की तीव्रता और समय पर निर्भर करता है। अगर मावठा सही समय पर और सही मात्रा में होता है तो यह फसलों के लिए अच्छा साबित हो सकता है, क्योंकि इससे मिट्टी में नमी बनी रहती है।

लेकिन यदि मावठा अत्यधिक और अनियमित रूप से होता है, तो यह फसलों को नुकसान भी पहुंचा सकता है। खासकर गेहूं, चना और अन्य रबी फसलों के लिए मावठा जोखिम भरा हो सकता है, क्योंकि बारिश और ओलावृष्टि से फसलें खराब हो सकती हैं।

ऐसे में किसानों को बारिश के दौरान उचित उपायों का पालन करना जरूरी होगा, जैसे कि ओले गिरने से फसल की सुरक्षा के लिए जाली लगाना और खेतों में पानी भरने की स्थिति में उचित जल निकासी की व्यवस्था करना।

ठंड का असर

मौसम विभाग के मुताबिक, मावठे की बारिश और ओलावृष्टि के बाद तापमान में गिरावट आ सकती है, जिससे ठंड  अधिक महसूस होगा। अगले कुछ दिनों में दिन और रात के तापमान में अंतर कम होगा  इससे मध्यप्रदेश के लोगों को अधिक ठंड का सामना करना पड़ेगा, खासकर उन जिलों में जहां मावठे की बारिश और ओलावृष्टि अधिक होगी।

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