मुंबई-आहमदाबाद बुलेट ट्रेन: भारत का पहला ‘मेक इन इंडिया’ 200 मीटर स्टील पुल लॉन्च के लिए तैयार, विस्तार से जानें

भारत के पहले 200 मीटर लंबे 'मेक इन इंडिया' स्टील पुल का उद्घाटन मार्च 2025 में गुजरात के नडियाद के पास, नेशनल हाइवे-48 पर होने वाला है। यह बुलेट ट्रेन परियोजना भारत के उच्च गति रेल नेटवर्क के विकास में महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होने जा रही है।

  • भारत का पहला ‘मेक इन इंडिया’ स्टील पुल मुंबई-आहमदाबाद बुलेट ट्रेन के लिए। 
  •  कुल 28 स्टील पुल, जिनमें से 17 गुजरात में बनाए जाएंगे। 
  • अगस्त 2025 तक पूरा पुल तैयार हो जाएगा।
  • मुंबई-आहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना पर एक नजर

Mumbai Ahmedabad steel bridge : यह परियोजना राष्ट्रीय उच्च गति रेल निगम लिमिटेड (NHSRCL) द्वारा लागू की जा रही है। 200 मीटर लंबा यह स्टील पुल, भारत में निर्मित सबसे पहले इस तरह का पुल होगा, जो न केवल भारत की इंजीनियरिंग क्षमता को प्रदर्शित करेगा, बल्कि ‘मेक इन इंडिया’ पहल को भी प्रोत्साहित करेगा।

बुलेट ट्रेन परियोजना में कुल 28 स्टील पुलों का निर्माण किया जाएगा, जिनमें से कुछ महाराष्ट्र में और कुछ गुजरात में बनाए जा रहे हैं। इसके अलावा, गुजरात में छह पुल पहले ही सफलतापूर्वक बनकर तैयार हो चुके हैं। यह बुलेट ट्रेन परियोजना देश को एक नई दिशा देने में मदद करेगी, क्योंकि इसका उद्देश्य ट्रेन को 320 किमी प्रति घंटे की गति से चलाना है, जो भारत की मौजूदा रेल गति से कई गुना तेज है।

भारत में पहली बार बनने वाला स्टील पुल और इसकी विशेषताएं

यह पुल दो 100 मीटर के स्पैन में बांटा गया है, जिसमें कुल चौड़ाई 14.3 मीटर और ऊंचाई 14.6 मीटर है। इस पुल का कुल वजन लगभग 1500 मेट्रिक टन होगा। इसे उत्तर प्रदेश के हापुड़ स्थित सलासर वर्कशॉप में निर्मित किया गया है।

पुल का निर्माण विशेष प्रकार के उच्च गुणवत्ता वाले टेंशन कंट्रोल हाई-स्टेंथ बोल्ट्स (TTHSB) से किया गया है, जो इसे 100 सालों तक टिकाऊ बनाते हैं। इसके अलावा, पुल की संरचना को C-5 सिस्टम पेंटिंग से कोट किया गया है, जिससे इसकी स्थायित्व और मजबूती में वृद्धि होती है।

Ahmedabad steel bridge
Ahmedabad steel bridge

भारत की इंजीनियरिंग और निर्माण क्षमता का नया उदाहरण

यह पुल भारतीय इंजीनियरिंग के क्षेत्र में एक नया मील का पत्थर है। भारतीय तकनीकियों ने इस पुल को पूरी तरह से भारतीय भूमि पर निर्मित किया है, जिससे यह साबित होता है कि भारत अब उच्च गति रेल के निर्माण में भी पूरी तरह से सक्षम है। यह परियोजना न केवल भारत के लिए एक गर्व का विषय है, बल्कि यह ‘मेक इन इंडिया’ पहल को भी मजबूती प्रदान करेगा, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई थी।

इस परियोजना का महत्व

इस पुल का निर्माण एक महत्वपूर्ण कदम है, जो भारत को उच्च गति रेल नेटवर्क के मामले में अग्रणी बना सकता है। भारत में हाई स्पीड रेल की मांग तेजी से बढ़ रही है और यह परियोजना इस दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकती है। बुलेट ट्रेन परियोजना से न केवल यातायात के समय में कमी आएगी, बल्कि यह भारतीय रेल नेटवर्क को विश्वस्तरीय बनाएगा। इसके साथ ही, यह लाखों लोगों के लिए रोज़गार के अवसर भी पैदा करेगा।

क्यों है स्टील पुल जरूरी

भारत में रेलवे पुलों के निर्माण में स्टील की अहम भूमिका है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां पुलों को अधिक मजबूती और सुरक्षा की आवश्यकता होती है। हाई स्पीड बुलेट ट्रेन के लिए खासतौर पर स्टील पुलों का निर्माण किया जा रहा है, क्योंकि यह तेज गति से चलने वाली ट्रेनों के लिए सर्वोत्तम विकल्प हैं।

सामान्य ट्रेनों के लिए प्री-स्ट्रेस्ड कंक्रीट पुल अधिक उपयुक्त होते हैं, लेकिन बुलेट ट्रेन के लिए स्टील पुल बेहतर रहते हैं, क्योंकि ये ज्यादा हल्के और मजबूत होते हैं।

लेट ट्रेन परियोजना भारत में एक नई उम्मीद लेकर आई

बुलेट ट्रेन परियोजना भारत में एक नई उम्मीद लेकर आई है। इस परियोजना के तहत, मुंबई और अहमदाबाद के बीच ट्रेन की गति 320 किमी प्रति घंटे तक बढ़ाई जाएगी, जिससे यात्रा का समय बहुत कम हो जाएगा। इस परियोजना में भारत की इंजीनियरिंग क्षमताओं का भी परीक्षण हो रहा है, और यह साबित हो रहा है कि भारत अब हाई-स्पीड रेल नेटवर्क के मामले में भी दुनिया के सबसे अग्रणी देशों में शुमार हो सकता है।

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