कांग्रेस ने 4 राज्यों में किसान कांग्रेस के अध्यक्ष बदले, मध्य प्रदेश में धर्मेंद्र सिंह को मिली कमान

किसान कांग्रेस के अध्यक्ष पद में बदलाव के पीछे छुपा है रणनीतिक सोच, जानिए कैसे धर्मेंद्र सिंह ने पाई जिम्मेदारी

  • दिनेश गुर्जर की जगह धर्मेंद्र सिंह को किसान कांग्रेस अध्यक्ष बनाया गया।
  • कांग्रेस पार्टी ने विभिन्न राज्यों में किसानों के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया है।
  • मध्य प्रदेश में यह बदलाव आगामी चुनावों के लये महत्वपूर्ण है।

MP Kisan Congress President : कांग्रेस पार्टी में हाल ही में किसान कांग्रेस के अध्यक्ष पद को लेकर बड़ा बदलाव हुआ है। बुधवार, 26 फरवरी को कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और त्रिपुरा के किसान कांग्रेस अध्यक्षों का ऐलान किया।

इन बदलावों के पीछे पार्टी की नई रणनीति का असर साफ देखा जा सकता है। खास बात यह है कि मध्य प्रदेश में धर्मेंद्र सिंह चौहान को किसान कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है, जबकि छत्तीसगढ़ में अभिषेक मिश्रा को यह जिम्मेदारी दी गई है।

कांग्रेस के इस कदम से किसान कांग्रेस की दिशा और दशा को लेकर काफी चर्चाएं हो रही हैं। खासकर मध्य प्रदेश में यह बदलाव क्यों हुआ, यह सवाल लोगों के जहन में उठ रहा है।

दरअसल, इससे पहले दिनेश गुर्जर किसान कांग्रेस के अध्यक्ष थे, लेकिन मुरैना से विधायक बनने के बाद वह संगठन के कामकाज में पर्याप्त समय नहीं दे पा रहे थे। इसीलिए पार्टी ने उनके स्थान पर सीहोर के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह चौहान को किसान कांग्रेस की जिम्मेदारी सौंपी है।

बदलाव के पीछे क्या है रणनीति?

मध्य प्रदेश में कांग्रेस के अंदर इस बदलाव को लेकर तरह-तरह की बातें हो रही हैं। दिनेश गुर्जर का नाम राज्य में कृषि और किसान आंदोलन से जुड़ा हुआ है, लेकिन उन्हें संगठन के स्तर पर पूरी तरह से समय देना संभव नहीं हो पा रहा था।

विधानसभा में अपनी जिम्मेदारी निभाने के कारण वह किसान कांग्रेस के कार्यों में उतना ध्यान नहीं दे पा रहे थे। ऐसे में पार्टी ने उनकी जगह धर्मेंद्र सिंह को यह जिम्मेदारी सौंपी है, जो पार्टी में एक नए जोश और उत्साह के साथ काम कर सकते हैं।

क्या खासियत है धर्मेंद्र सिंह में

धर्मेंद्र सिंह चौहान एक अनुभवी नेता हैं और सीहोर के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रहे हैं। उनके पास संगठन की अच्छी समझ है और साथ ही उन्होंने अपनी जमीन पर अच्छे से काम किया है।
उन्हें किसानों के मुद्दों पर गहरी समझ है, और यही वजह है कि उन्हें इस महत्वपूर्ण पद पर नियुक्त किया गया है।

मध्य प्रदेश में किसान कांग्रेस की स्थिति

मध्य प्रदेश में किसान कांग्रेस के अंदर यह बदलाव न केवल संगठन को मजबूत करने के लिए किया गया है, बल्कि आगामी चुनावों के लिहाज से भी यह कदम महत्वपूर्ण है।

किसान आंदोलन के दौर में जब कांग्रेस पार्टी को किसानों के मुद्दे पर व्यापक समर्थन मिला था, तब यह बदलाव उस समर्थन को और अधिक सुदृढ़ बनाने के लिए हो सकता है। पार्टी इस बदलाव के जरिए किसान वोटरों को एक नए नेतृत्व के साथ जोड़ने की कोशिश कर रही है।

अन्य राज्यों में भी हुए बदलाव

मध्य प्रदेश के अलावा छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और त्रिपुरा में भी किसान कांग्रेस के अध्यक्षों का चयन किया गया। छत्तीसगढ़ में अभिषेक मिश्रा को किसान कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया है, जबकि आंध्र प्रदेश में कामना प्रभाकर राव को यह जिम्मेदारी दी गई है।

त्रिपुरा में अशोक कुमार वैद्य को यह पद सौंपा गया है। इन बदलावों के माध्यम से कांग्रेस पार्टी हर राज्य में अपनी कृषि नीतियों को मजबूती देने की दिशा में काम कर रही है।

मध्य प्रदेश में क्यों जरूरी था यह बदलाव?

मध्य प्रदेश में किसान आंदोलन की सफलता को देखते हुए कांग्रेस पार्टी इस बदलाव को अहम मान रही है। पार्टी को लगता है कि दिनेश गुर्जर के पास विधान सभा में कामकाज संभालने के बाद समय की कमी थी, और उनका ध्यान पूरी तरह से किसान कांग्रेस की ओर नहीं था।
ऐसे में धर्मेंद्र सिंह चौहान की नियुक्ति ने इस समस्या का समाधान किया। धर्मेंद्र सिंह को कांग्रेस पार्टी ने किसानों से जुड़ी मुद्दों पर ध्यान देने के लिए चुना है।

कागजों से बाहर खेतों तक तक पहुंचने का समय

कांग्रेस के इस फैसले को लेकर कई नेताओं का कहना है कि अब किसान कांग्रेस को सिर्फ कागजों पर ही नहीं, बल्कि खेतों में जाकर काम करना होगा। धर्मेंद्र सिंह के नेतृत्व में यह उम्मीद जताई जा रही है कि कांग्रेस पार्टी किसानों के लिए लंबी अवधि तक काम कर पाएगी। यह भी कहा जा रहा है कि धर्मेंद्र सिंह के नेतृत्व में किसान कांग्रेस और पार्टी दोनों को फायदा होगा, खासकर जब चुनाव नजदीक हों।

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