MP के हर क्षेत्र के लिए गेंहू कि किस्मे,आप भी जाने, गेंहू उत्पादन की तकनीक से मिलेगी भरपूर  पैदावार

Wheat varieties in Madhya Pradesh मध्यप्रदेश में 5.3 मिली हेक्टेयर क्षेत्रफल में 13.3 मेट्रिक टन का उत्पादन होता है

Wheat varieties in Madhya Pradesh विश्व में गेहूं की फसल है जिस की खेती पूरे विश्व में की जाती है यह प्रमुख खाद्यान्न फसल है जिसका उपयोग बहुत अधिक होता है आज आपको बताते हैं मध्यप्रदेश में कम लागत से अधिक उपज देने वाली नवीनतम गेहूं की उत्पादन तकनीक के बारे में

सबसे पहले आपको देश और प्रदेश में गेहूं के उत्पादन का परिदृश्य बताते हैं

भारत में लगभग 29.7 मिली हेक्टेयर क्षेत्रफल में 93.5 मेट्रिक टन का उत्पादन होता है और इसकी उत्पादकता 31.5 कि/हे. हैंमध्यप्रदेश में 5.3 मिली हेक्टेयर क्षेत्रफल में 13.3 मेट्रिक टन का उत्पादन होता है और इसकी उत्पादक क्षमता 5.3 कि/हे.भारत देश में मध्य प्रदेश की गेहूं की उत्पादन की भागीदारी 18% मिली हेक्टेयर क्षेत्रफल और उत्पादन 14% मेट्रिक टन का है तो उत्पादकता 18% है।

प्रदेश में गेहूं की फसल का बदलता स्वरूप

मध्यप्रदेश में गेहूं की फसल का वर्तमान में स्वरूप बदलता जा रहा है पूर्व के कई वर्षों में संचित रखवा अधिक था अब आसन चित्र कवि में कमी आई है जिसके चलते स्प्रिंकलर सिंचाई ज्यादा प्रचलन में है लगभग पूरे प्रदेश में सिंचाई का उपयोग होता है  असिंचित रखवा अब लगभग मध्यप्रदेश में समाप्त हो गया है

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Wheat varieties in Madhya Pradesh इसके साथ साथ सिंचित क्षेत्रों में गेहूं की सिंचाई उपलब्धता अधिक है संचित मतलब 5 से लेकर 6 सिंचाई गेहूं के लिए पर्याप्त है गेहूं की फसल मैं यह माना जाता है कि समय से बोए गए गेहूं मैं फसल के की सच्चाई के लिए तीन सच्चाई आवश्यक होती हैं और देरी से बुआई की स्थिति में गेहूं की फसल को दो सिंचाई लगती हैं।

प्रदेश में गेहूं उत्पादन की तकनीक

गेहूं उत्पादन की तकनीक के लिए खेत तैयार करने की आवश्यकता होती है best wheat variety in mp ग्रीष्मकालीन जुदाई करें इसके साथ साथ हर 3 वर्ष में एक बार गहरी जुताई करें काली भारी मिट्टी कोभरभरा बनाना कठिन होता है

इसलिए रोटावेटर क उपयोग करें Wheat varieties in Madhya Pradesh इसके साथ साथ असिंचित क्षेत्र के लिए अक्टूबर मध्य से नवंबर के प्रथम सप्ताह तक गेहूं की बुवाई कर दें अर्थ सिंचित क्षेत्र के लिए नवंबर माह का प्रथम पकवाड़ा उपर्युक्त है उसके साथ साथ संचित क्षेत्र के लिए नवंबर माह का दूसरा पखवाड़ा और देरी से संचित के लिए दिसंबर माह का दूसरा सप्ताह है अनुकूल रहता है

मध्यप्रदेश में क्षेत्रवार गेहूं की किस्म district wise wheat varieties in madhya Pradesh

मालवांचल क्षेत्र के लिए अनुकूल गेहूं किस्म

मध्यप्रदेश में मालवांचल क्षेत्र के लिए रतलाम मंदसौर इंदौर उज्जैन शाजापुर राजगढ़ धार देवास सीहोर तथा गुना क्षेत्र का दक्षिणी भाग जहां पर भारी काली मिट्टी पाई जाती है और इस क्षेत्र में औसतन बरसा 750 से 1250 मिलीमीटर होती है इसलिए

असिंचित और अर्ध सिंचित क्षेत्र के लिए जेडब्ल्यू JW- 17, जेडब्ल्यू JW-3269 ,जेडब्ल्यू JW-3288, एच आई HI-1500, एच आई HI-1531, एचडी HD-4672 काठिया उपर्युक्त है। समय से सिंचित गेहूं की फसल के लिए जेडब्ल्यू JW-1201 ,

जेडब्ल्यू JW-322, जेडब्ल्यू JW -273, एच आई HI-1544 ,एचआई HI-8498 काठिया एवं एमपीयू MPO-1215 उपर्युक्त किस में है।वही देरी से सिंचित के लिए जेडब्ल्यू JW-1203, एमपी MP-4010 ,एचडी HD-2864 एच आई HI-14 54 किस में क्षेत्र के लिए अनुकूल है

निमाड़ अंचल क्षेत्र के लिए अनुकूल गेहूं किस्म

best wheat variety in mp निमाड़ अंचल क्षेत्र खरगोन खंडवा धार और झाबुआ में हल्की काली मिट्टी पाई जाती है और क्षेत्रों में वर्षा का हॉस्टल मान 500 से लेकर 1000 मिलीमीटर का होता है इसलिए इन क्षेत्रों में असिंचित और अर्धसिंचित क्षेत्र के लिए जीडब्ल्यू JW-3020 ,जेडब्ल्यू JW-3173, एच आई HI-1500 डब्ल्यू W-3269 गेहूं की किस्म उपर्युक्त हैं

best wheat variety in mp वही समय से सिंचित के लिए जेडब्ल्यू JW-1142, जीडब्ल्यू GW-1201,डीडब्ल्यू DW-366, एच आई HI-1418 हैं इसके अलावा देरी से संचित के लिए इस क्षेत्र में बॉय से बचें समय से हवाई को प्राप्त प्राथमिकता क्योंकि गेहूं फसल को पकने इस समय पानी की कमी होती है इसके लिए जेडब्ल्यू JW-1202, और एच आई HI-1454 उपर्युक्त हैं

नर्मदा घाटी क्षेत्र के लिए उपर्युक्त किस्में

नर्मदा घाटी क्षेत्र हरदा होशंगाबाद नर्मदा पुरम जबलपुर और नरसिंहपुर क्षेत्र मैं मध्य से भारी काली जमीन है और इस क्षेत्र में वर्षा का औसत 1120 से 1250 मिली मीटर है इन क्षेत्रों मैं असिंचित और अर्धसिंचित क्षेत्र के लिए जीडब्ल्यू JW-17 ,जेडब्ल्यू JW-3288, एच आई HI-15310, एचडीH- 4672 काठिया किस्मत उपर्युक्त है

best wheat variety in mp वही समय से सिंचित करने के लिए जेडब्ल्यू JW-1142, जेडब्ल्यू JW-322, जेडब्ल्यू JW-1201, एच आई HI-1544 ,जेडब्ल्यू JW-1106 एच आई HI- 8498, जेडब्ल्यू JW-1215 किस्मत अच्छी मानी जाती हैं तो वही देरी से सिंचाई के लिए जेडब्ल्यू JW-1202,जेडब्ल्यू JW-1203 एमपी MP-4010 एचडी HD-2932किस्म हैं।

विंध्य पठार क्षेत्र के लिए गेहूं की किस्म

मध्य प्रदेश के विंध्य पठार क्षेत्र विदिशा सागर रायसेन और गुना का कुछ भाग यहां मध्य से भारी काली जमीन है Wheat varieties in Madhya Pradesh और इस क्षेत्र में वर्षा का औसत मान 1120 से 1250 मिलीमीटर है इस क्षेत्र में असिंचित और अर्ध सिंचित क्षेत्र के लिए जीडब्ल्यू GW-17, जेडब्ल्यू JW-3173, जीडब्ल्यूGW- 3211, जेडब्ल्यू JW-3288, एच आई HI-1531 ,एच आईHI- 8627 काठिया किस्म

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Wheat varieties in Madhya Pradesh समय से सिंचित के लिए जेडब्ल्यू JW-1142, जेडब्ल्यू JW-1201, एच आई HI-1544, जीडब्ल्यू GW-273, जेडब्ल्यू JW-1106, काठिया एच आई HI-8498, काठिया एमपीओMPO- 1215 काठिया किस्म उपर्युक्त है। तो वही देरी से संचित के लिए जेडब्ल्यू JW-1202, जेडब्ल्यू JW-1203, एमपी MP-4010, एचडी HD-2864, डीएल DL-788 गेहूं की किस्में उपर्युक्त हैं

बाणगंगा क्षेत्र के लिए गेहूं की किस्म

बैंगन का क्षेत्र मध्य प्रदेश के बालाघाट और सिवनी को माना जाता है इस क्षेत्र में जलोढ़ मिट्टी पाई जाती है और यहां पर वर्षा औसत 1250 मिलीमीटर है इस क्षेत्र के लिए असिंचित और अर्ध सिंचित क्षेत्र के लिए जेडब्ल्यू JW-3269, जेडब्ल्यू JW-3211,

जेडब्ल्यू JW-3288, एच आई HI-1544, इसके साथ साथ समय से सिंचाई करने के लिए जेडब्ल्यू JW-1201 ,डीडब्ल्यू DW-366 ,एच आई HI-1544 और राज 3067 उपर्युक्त हेतु वही देरी से सिंचाई के लिए जेडब्ल्यू JW-1202 एचडी HD-2932, डीएल DL-788 इस क्षेत्र के लिए अच्छी किस्में मानी जाती हैं

हवेली क्षेत्र के लिए गेहूं की किस्में

हवेली क्षेत्र मध्य प्रदेश के रीवा जबलपुर का कुछ भाग और नरसिंहपुर का कुछ भाग माना जाता है Wheat varieties in Madhya Pradesh क्षेत्र में हल्की कंकड़ युक्त मिट्टी पाई जाती है इस क्षेत्र में वर्षा के पानी को बंधन के द्वारा खेतों में रोका जाता है और इस क्षेत्र में औसतन बरसा 1000 से 1375 मिली मीटर होती है

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best wheat variety in mp इस क्षेत्र में अर्थसिंचित और असिंचित क्षेत्र के लिए जेडब्ल्यू JW-3020, जेडब्ल्यू JW-3173, जेडब्ल्यू JW-3269, जेडब्ल्यू JW-17, एच आई HI-1500 ,उपर्युक्त है

Wheat varieties in Madhya Pradesh तो समय से सिंचित फसल के लिए जेडब्ल्यू JW-1142, जेडब्ल्यू JW-1201, जेडब्ल्यू JW-1106, जीडब्ल्यू GW-322 और एच आई HI-1544 किस में हैं इसके साथ साथ देरी से सिंचाई के लिए जेडब्ल्यू JW-1202 जेडब्ल्यू JW1203 ,एचडी HD-2864, एचडी HD-2932 किस में हवेली क्षेत्र के लिए उपर्युक्त हैं।

सतपुड़ा पठार क्षेत्र के लिए गेहूं की किस्म

 मध्य प्रदेश का सतपुड़ा पठार क्षेत्र छिंदवाड़ा और बेतूल माना जाता है Wheat varieties in Madhya Pradesh इस क्षेत्र में हल्की कंकड़ युक्त मिट्टी पाई जाती है इसके साथ साथ इस क्षेत्र में 1000 से लेकर 1250 मिलीमीटर तक की औसत वर्षा होती है इस क्षेत्र मैं असिंचित और अर्ध संचित जगह के लिए जेडब्ल्यू JW-17, जेडब्ल्यू JW-3173,

जेडब्ल्यू JW- 3211, जेडब्ल्यू JW-3288 ,एच आई HI-1531, किस्म है तो समय से सिंचित फसल के लिए एच आई HI-14 18, जेडब्ल्यू JW-1201, जेडब्ल्यू JW-1215, जीडब्ल्यू GW-366 किस में अच्छी हैं तो वहीं देरी से संचित फसल के लिए एचडी HD-2864, एमपी MP-4010, जेडब्ल्यू JW-1202, जेडब्ल्यू JW-1203 किस्म सतपुड़ा पठार के लिए ठीक है।

 गिर्द  क्षेत्र के लिए गेहूं की इसमें

madhyapradesh mein gehoon kee kism यह क्षेत्र भिंड मुरैना ग्वालियर और दतिया का कुछ भाग माना जाता है यहां पर जलोढ़ एवं हल्की संरचना वाली जमीन है इस क्षेत्र में औसत वर्षा 750 से 1000 मिली मीटर है क्षेत्र के लिए अर्ध संचित और असंचित जगह के लिए जेडब्ल्यूJW 3288, जेडब्ल्यू JW-32, एच आई HI-1531, जेडब्ल्यूJW- 3269, एचडी HD-4672 गेहूं की किस्में उपर्युक्त है

तो वही समय से सिंचित के लिए एच आई HI-1544 ,जी डब्ल्यूGW- 273, जी डब्ल्यू GW-322 ,जेडब्ल्यू JW-201, जेडब्ल्यू JW-1106, जेडब्ल्यू JW-1215, एच आईHI- 8498, किस्म उपर्युक्त है तो देरी से संचित के लिए एमपी MP-4010, जेडब्ल्यू JW-1203, एचडी HD-2932, एचडी HD-2864 किस क्षेत्र के लिए उपयुक्त ह

बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए गेहूं की किस्में

मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र दतिया शिवपुरी टीकमगढ़ छतरपुर गुना का भाग और पन्ना क्षेत्र का कुछ भाग मैं लाल एवं काली मिश्रित मिट्टी पाई जाती है best wheat variety in mp इस क्षेत्र में 1120 से लेकर 1250 मिली मीटर तक औसत वर्षा दर्ज की जाती है यहां असिंचित और अर्थ संचित जगह के लिए जेडब्ल्यू JW-3288,

जेडब्ल्यू JW-3211, जेडब्ल्यू JW-17, एच आई HI- 153 गेहूं की किस्में क्षेत्र के लिए ठीक है तो समय से फसल संचित करने वाली जगह के लिए जेडब्ल्यू JW-201, जीडब्ल्यू GW-366 ,राज्य 3067, एमपी MP-1215 ,एच आई HI-8498 और देरी से फसल की सिंचाई के लिए एमपीMP- 4010 ,एचडी HD-2864 केस बहुत अनुकूल है

 इसके साथ साथ मध्य प्रदेश के सभी क्षेत्रों में अत्यंत देरी से बुवाई करने की स्थिति में एचडी HD-2404 और एमपी MP-1202 गेहूं के शूज अच्छी मानी जाती हैं

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