भारत में सन 1996 में की गई थी (Toll Tax Rules) इसकी राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम, 1956 अधिनियम संख्या 1956 का 48 [11 सितंबर, 1956] अंतर्गत हुई थी
देश की हर सड़कों को देश के विकास को आगे बढ़ाया जाता है सड़कों को एक नई रूपरेखा प्रदान की जाती है क्योंकि वाहन के रखरखाव हेतु सड़को को मजबूत बनाया है सरकार के द्वारा साल में जाने कितने क्षेत्रों में सड़कों का निर्माण करवाया जाता है वाहनों के संरक्षण करने के लिए जिस तरह से सरकार देश की संपत्ति को लेकर जागरूक रहती है ठीक वैसे ही सड़कों की मरम्मत करवाने में कोई कमी नहीं छोड़ती क्योंकि सड़क अगर अच्छी है तो यात्रा करने वाले लोगों को टाइम कम लगता है
पेट्रोल की बचत डीजल की बचत भी होती है साथ में टाइम की भी बचत होती है सड़कें अगर अच्छी है तो 2 घंटे का सफर 1 घंटे पर हि तय किया जा सकता है साथ में यात्री जरूरी काम से जा रहा है जो बहुत ज्यादा जरूरी है तो वह समय से पहले ही पहुंच सकता है
दूसरी तरफ बात करें तो की हाईवे की सड़कों की तो हाईवे की सड़कों को एक स्पेशल रूप दिया जाता है इसलिए इसमें टैक्स के रूप में पैसा भी दिया जाता है यहां से वाहन निकालने हेतु चार्ज लगता है देश के नागरिकों के साथ साथ सब एकजुट होकर इसका टैक्स भरते है हाईवे पर चलने के लिए कुछ संपत्ति ज्यादा तौर पर लगती है जो सरकारी माना जाता है
टोल नाका टैक्स तो देश की सरकार द्वारा चलाया गया नियम काफी सालों से चलता रहा है हर वाहन चालक जो हाईवे रोड पर यात्रा के दौरान आते जाते हैं तथा उनका टैक्स लगना सौभाग्य की बात है हर कहीं टोल का चार्ज Toll Tax देना हीं पड़ता है
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इस जानकारी के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा कुछ नए नियम (Toll Tax Rules) चालू किए गए है जैसे 25 लोगों को नही देना पड़ेगा टैक्स भारत सरकार द्वारा नियम के अनुसार 25 लोगों पर प्रतिबंध लगाया गया है जिन्हें टैक्स नहीं देना होगा
टोल टैक्स (Toll Tax) क्यों लगता है (Why toll tax is applicable)
टोल टैक्स Toll Tax नाकों में टोल टैक्स लेने के दौरान पैसा इकट्ठा करके सरकार हाईवे तथा एक्सप्रेस वे का निर्माण कार्य शुरू करने की योजना बनाती है तथा सड़कों को मजबूत करने हेतु अच्छे से रखरखाव का निर्माण करती है
भारत में टोल टैक्स (Toll Tax) कब शुरू हुआ (When did toll tax start in India)
टोल टैक्स (Toll Tax Rules in Iindia) की शुरुआत कई सालों पहले भारत में सन 1996 में की गई थी इसकी राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम, 1956 अधिनियम संख्या 1956 का 48 [11 सितंबर, 1956] अंतर्गत हुई थी टोल टैक्स को लोग टोल नाका भी कहा जाता है टैक्स से तात्पर्य है कि यात्रा के दौरान शुल्क जमा करना पड़ता है पैसे की राशि जमा होती है एक प्रकार का आपको इंटरेस्ट के रूप में भरना पड़ता है वाहन चालक को इंटरेस्ट एक्सप्रेस वे नेशनल हाईवे रोड से निकलने पर देना पड़ता है
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जहां यह राशि जमा करना पड़ता है उसे टोल नाका कहा जाता है टोल नाका के संबंधित प्रबंध पूरा नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया(NHAI) करता है टोल नाका की दूरियों की बात करें तो इनमें दूरियां 60 किलोमीटर की होती है ज्यादा पास या नजदीक नहीं होती
रोड टैक्स और टोल टैक्स एक ही है (Road tax and toll tax are same)
रोड टैक्स और टोल टैक्स के बारे में वाकई लोगों के दिमाग में दोनों ही सवाल ज्यादा उठते हैं कि यह दोनों टैक्स क्या एक ही है या अलग अलग् आप की जानकारी को बता दें कि दोनों रोड टैक्स तथा टोल टैक्स दोनों ही अलग-अलग होते हैं तथा इनके नाम भी अलग-अलग है रोड टैक्स से तात्पर्य RTO द्वारा लिया जाता है आप जब एक ही राज्य में रहते हैं तथा अलग-अलग सड़कों का इस्तेमाल करते हैं और इसके अंतर्गत आपको रोड का टैक्स भरना पड़ता है जबकि टोल टैक्स की बात करें तो टोल के द्वारा इंटर स्टेट हाईवे रोड का इस्तेमाल करने पर लिया जाता है
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NHAI के द्वारा यात्रियों की सुविधा हेतु नई तकनीकी के द्वारा टोल टैक्स (Toll Tax) पर जल्दी से जल्दी लोगों की सुविधा प्राप्त हो टाइम ना लगे इसके लिए नई तकनीकी का इस्तेमाल किया गया है इसी नई तकनीकी का नाम है Fastag यह तकनीक है जो वाहन के अंदर साइड में शीशे की तरफ लगा होता है इसके द्वारा वाहन के मालिक से उनके बैंक अकाउंट से पैसे ट्रांसफर किए जा सकते हैं और ऐसे वाहनों को घंटो तक इंतजार नहीं करना पड़ता है वे पैसे ट्रांसफर करके तुरंत नाके से निकलकर अपने से टोल क्रॉस कर सकते हैं बिना रोक-टोक के
टोल टैक्स (Toll Tax)रेट कैसे तय होता है How is the toll tax rate determined?
टोल टैक्स को लेकर कई बातों का ध्यान रखा जाता है इससे वाहन की खरीद की कीमत इंजन की छमता लोगों के बैठने की क्षमता इत्यादि शामिल है एक बात और हाईवे टोल टैक्स की दूरी लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर होता है इससे कि कहीं कम ज्यादा दूरी तय होने पर चार्ज अलग अलग हो सकता है तथा टोल ना के रेट में बदलाव हो सकता है इस वर्ष सरकार द्वारा अप्रैल के महीने में टोल टैक्स दामों पर इजाफा किया है इसके अंतर्गत जो छोटे वाहन है उनके लिए टोल टैक्स में 10 तथा बड़े से बड़े वाहन हैं उनके लिए ₹65 बढ़ाए गए हैं
इन लोगों को नहीं लगता टोल टैक्स (These people do not feel toll tax)
को पार करने हेतु चुकाना पड़ता है इन सड़कों को टोल रोड नाका कहा जाता है यह भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण(NHAI) पर नियंत्रण में है टोल टैक्स का उपयोग सड़क का निर्माण कराने हेतु वाहनों को सुरक्षित रखने किया जाता है और इसीलिए टोल टैक्स के द्वारा राशि वसूल की जाती है जिससे पैसे इकट्ठा हो सड़कों रोडो का निर्माण अच्छी तरह से हो सके भारत सरकार द्वारा फास्टैग पेश किया गया है जो कैशलेस टोल ट्रैवल भुगतान के लिए RFID( रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटीफिकेशन) तकनीकी का उपयोग करते हैं
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हालांकि राष्ट्रीय सूचना द्वारा विज्ञान केंद्र( एनआईसी) के द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क जमा करने हेत( दरों और संग्रहण का निर्धारण) नियम 2008 के नियम अनुसार 11 के अनुसार टोल टैक्स का भुगतान से छूट प्राप्त लोगों और वाहनों की सूची किसी भी राज्य के विधानसभा सदस्य और अपने राज्य के अंतर किसी भी राज्य की विधान परिषद के सदस्य यदि राज्य में संबंधित विधानमंडल द्वारा जारी अपना पहचान पत्र प्रस्तुत करता है या नहीं
परमवी चक्र अशोक चक्र महावीर चक्र कीर्ति चक्र वीर चक्र और शौर्य चक्र सम्मानित व्यक्ति यदि ऐसा पुरस्कार प्राप्तकर्ता ऐसे पुरस्कार के लिए उपयुक्त सक्षम प्राधिकारी द्वारा विधिवत प्रमाणित अपना फोटो पहचान पत्र प्रस्तुत करता है
और भी कई अन्य वर्ग के लोग जिन्हें टोल टैक्स पर छूट दी गई है जो केंद्र और राज्य के सशस्त्र बल वर्दी मै इसमें अर्ध सैनिक बल और पुलिस एक कार्य कारी मजिस्ट्रेट अग्निशमन विभागीय संगठन एंबुलेंस के रूप में उपयोग अंतिम संस्कार वेन के रूप में यात्रिक सदन जो विशेष रुप से शारीरिक क्षमता से पीड़ित व्यक्ति के उपयोग के लिए डिजाइन और निर्मित किए जाते हैं
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