सोयाबीन की अच्छी उपज के लिए इस्तेमाल करे ये उपाय आइए जानते हैं

सोयाबीन की अच्छी उपज के लिए कौन-कौन से पोषक तत्व (Soybean ki Upaj Badhane Ke Upay) का इस्तेमाल अभी करना होगा

सोयाबीन की फसल 90 दिन से लेकर 105 दिनों में पक कर तैयार हो जाती है और हाल ही में सोयाबीन की फसलों का समय 1 महीने से ज्यादा हो गया है और कहीं कहीं पर तो 40 लीटर दिनों में सोयाबीन हो जाता है जो सोयाबीन की अर्ली वैरायटी होती है वह शीघ्र ही 90 दिन में पक्का तैयार हो जाती है और 90 दिन में पककर होने वाली 9560 और 203 4 में फूल आने लगते हैं

और कहीं कहीं पर ऐसा होता है कि सोयाबीन Cultivate Soybean की लगभग आधी उम्र हो जाने के पश्चात भी बहुत से खेतों में सोयाबीन की फसल की अच्छी ग्रोथ नहीं हो पाती है जिसकी वजह से पैदावार को भी प्रभावित होने पड़ता है और यहां पर कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार यह जानते हैं कि क्यों सोयाबीन की फसलों की ग्रोथ अच्छी नहीं हो पाती क्या कारण है या फिर सोयाबीन की अच्छी ग्रोथ के लिए सोयाबीन की फसल को कौन-कौन से पोषण तत्वों की जरूरत होती है यह सभी के बारे में कृषि वैज्ञानिकों से जानते हैं

सोयाबीन की अच्छी फसल के लिए यह करें ( Soybean ki Upaj Badhane Ke Upay )

यदि आप चाहते हैं कि आपकी सोयाबीन (Cultivate Soybean) की फसल अच्छा हो तो इसके लिए आपको खरपतवार और कीटनाशक का प्रयोग करने के बाद फसलों को पोषण तत्व प्रधान करना होगा जिससे आपकी सोयाबीन की फसल में अच्छी ग्रोथ आ सके और कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक सोयाबीन की इस अवधि में नैनो डीएपी और सागरिका उपयोग करना चाहिए जिससे कि डीएपी फर्टिलाइजर का इस्तेमाल भी करना होगा

और कृषि वैज्ञानिक यह भी बताते हैं कि प्रति हेक्टेयर में एक बोरी डीएपी फर्टिलाइजर का यदि खेत में लगी फसलों में उपयोग करते हैं तो यह फसलों के लिए अच्छा रहेगा और उसी के साथ-साथ सोयाबीन की दूसरी वैरायटी में जहां पर फूल आ चुके हैं वहां यूरिया का उपयोग नहीं करना चाहिए इसके कारण फूल झड़ने की संभावना हो सकती है और इसके साथ-साथ यदि सोयाबीन की फसलों में जिंक और सल्फर की कमी हो जाती है तो उसको भी पूरा करना बहुत जरूरी है

सोयाबीन की फसल को  रोग से  कैसे बचाएं ( Soybean ki Upaj Badhane Ke Upay )

उन्होंने सोयाबीन (Cultivate Soybean) की फसल की बुवाई की है उनको इन दिनों सोयाबीन की फसलों में तना मक्खी का प्रकोप बहुत ज्यादा बढ़ता हुआ देखना पड़ रहा है वैज्ञानिकों ने तना मक्खी बीट के बचाव के लिए तना मक्खी को कम करने के लिए किसान भाई पूर्व मिश्रित का नाशक बायोमिथोक्सम 12.66 + लेमबड़ा साय हे लोथ्रीन 09. 50% जे सी (125 ml/ हे) और बीटासायक्लोथ्रीन + इमिडाकलोप्रिड (350 ml/हे ) आइसोसाइक्लोसरम 9.2 ww.Dc (10% w/v)DC (600 ml/ हे )  का छिड़काव करना होगा

इसके अलावा ( Soybean ki Upaj Badhane Ke Upay ) इस शांति खाने वाली इल्लियां सेमी डूबा तंबाकू चने की हिंदी और रस चूसने वाले कीड़े जैसे सफेद मक्खी जासीड और तन ठीक करने वाले कीड़ा तना मक्खी चक्र मृंग के प्रकोप से बचाने के लिए पूर्व मिश्रित कीटनाशक जैसे  क्लोरएंट्रानिलीप्रोल 09.30 + लेब्राड़ा  साइहेलोथ्रीन, 09. 50% जेड सी   या थायो मिथोक्सम 12.60% +लैमबड सायहेलोथ्रिन  09. 50% जेड सी (125 ml/हे) या बीटासायाक्लूथिंन +इमिडाक्लोप्रिड (350ml/हे)

सोयाबीन की पत्ती खाने वाले कीड़ों से फसलों की रक्षा करने के लिए फसलों में फूलों के आने से पहले ही सोयाबीन की फसलों में क्लोरइ ट्रॉनिप्रोल 18.5 एससी (150 मिलीलीटर हे) का छिड़काव करना होगा और इसके अगले 30 दिनों तक 40 इंची कीड़ों से भी इन फसलों को सुरक्षा मिल जाएगी

सोयाबीन की फसल में इन बातों का ध्यान रखें ( Soybean ki Upaj Badhane Ke Upay )

जब किसान सोयाबीन (Cultivate Soybean) की फसलों में कीटनाशक दवाइयां का छिड़काव करेंगे तब उसके पहले किसानों को सोयाबीन की फसलों का अच्छी तरह से देख लेना चाहिए की फसलों में कितना नुकसान हुआ है और विशेषज्ञों द्वारा यह बताया गया है कि आर्थिक हानि सीमा अर्थात तीन मी लाइन में एक या एक से ज्यादा इंडिया हो तो और फूल और फलियां की दशा को एक मीटर कतार में एक या एक से ज्यादा इल्ली हो तो एक ही कीटनाशक का छिड़काव करना होगा

लंबे समय मैं अगर सोयाबीन में हम पांच-पांच दिन दवाइयां का छिड़काव करते हैं तो और आगे बढ़ते हैं तो हमारा एक पूरा छिड़काव बन सकता है और लागत कम भी लगेगी और इससे फायदा भी होगा और इसमें ध्यान देने वाली एक प्रमुख बात यह है

कि जब आप सोयाबीन की फसल में पहली बार छिड़काव करेंगे ( Soybean ki Upaj Badhane Ke Upay ) तभी से आपको यह नियम लागू करना होगा और पहला छिड़काव 25 से 35 दिनों के समय में करना होगा जिससे गर्डलबीटर और तन मक्खी को शुरू से कम किया जा सके फास्ट है कि सामग्री को भेजते हैं और खरीदते हैं उसके संबंध में सामग्री का पक्का बेल जरूर होना चाहिए

सोयाबीन की उपज बढ़ाने के उपाय  ( Soybean ki Upaj Badhane Ke Upay )

 यदि किसान भाई चाहते हैं कि उनके द्वारा बोई हुई सोयाबीन की फसल (Cultivate Soybean) मुझको बढ़ाया जा सके तो इसके लिए सबसे जरूरी बात यह है कि सोयाबीन की अच्छी ग्रोथ होना बहुत जरूरी है खरपतवार और कीटनाशक रोक को काबू में रखने से ही सोयाबीन की ग्रोथ अच्छी होती है और उसके साथ-साथ सोयाबीन की फसल की अच्छी उपज भी होती है सोयाबीन के उपज को बढ़ाने के 5 उपाय यहां पर बताए जा रहे हैं

१ सोयाबीन की उपज को बढ़ाने के लिए सबसे मुख्य बात यह है कि सोयाबीन की फसलों में कीट और रोगों पर नियंत्रण रखना बहुत जरूरी है कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक किसानों को कीड़ों और फसलों वाली बीमारियों से बचने की हमेशा सलाह दी जाती है और कृषि वैज्ञानिकों ने यह भी बताया है कि तना मक्खी चक्र भृंग सफेद हर मच्छर को काबू में करने के लिए स्टेट  टेट्रानीलीप्रोंल 18.18 ऐसी 250 एमएल या थायक्लोरप्रिड 21.7 एससी 750 एमएल लेमडा साय हेलोथ्रीन + थायमिथो क्लोराइडपीड 125 ग्राम का उपयोग करें

सोयाबीन की उपज बढ़ाने के उपाय  ( Soybean ki Upaj Badhane Ke Upay )

पत्ती खाने वाली इमली हरी  अर्ध  कुडल तंबाकू की इल्ली चने की इल्ली को रोकने के स्पाई नैटोरम 1.7 एससी 450 एमएल प्रति हेक्टेयर प्रोपेनोफॉस 50 ई सी 125 ली  याईमा बेक्टिनब जोएड 5 एस जी (250 एमएल हेक्टर ) या इंडोकिसाकाब 15.8 एससी 350 एमएल या क्योर एंट्री नीली प्रोल 18 .5 एससी 150/एमएल प्रति हेक्टेयर की दर से 500 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें

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भीम की फसलों में घोंघा स्नेल की बीमारी को रोकने के लिए खेतों के किनारे में लगी झाड़ियां में 10% नामक की भूल का छिड़काव करना होगा और जो सोयाबीन की खड़ी फसल है उसमें डाय फिने थ्यूराम 50 wp 80 हेक्टेयर 50 लीटर पानी के साथ छिड़काव करना होगा

तथा उसके साथ साथ घोंघा को एकत्रित करके कीटनाशक युक्त और नमक युक्त पानी में डालकर समय-समय पर इन कीड़ों को खत्म करना होगा जिससे इनकी संख्या धीरे-धीरे खत्म हो जाए ( Soybean ki Upaj Badhane Ke Upay )और इससे इस फसल को कीटनाशकों से रोकथाम करने के लिए क्लींजिंग का पाउडर खेतों के किनारे किनारे झाड़ियां में डालना होगा

३ सोयाबीन की फसलों को के लिए घुलनशील वो टोन 500 ग्राम चिले  टैडलो 500 या मेको जेब+ कार्ड डाजिब 1.25 किलोग्राम 500 लीटर के साथ प्रति हेक्टर का छिड़काव करना होगा और 10 दिनों के बाद दोबारा से यह प्रतिक्रिया दोहराने होगी इससे फसलों के नुकसान में काफी नुकसान से बचाव करना आसान होगा

सोयाबीन की फसल को बिहार हेरी केटर पिलर कमलिया किट रोग से निजात पाना बहुत जरूरी है बिहार हैरी कटर पिलर का प्रकोप शुरू होने पर किसानों को सलाह दी जाती हैं शुरू शुरू में यह है इल्ली झुंड में रहकर पौधों को नुकसान पहुंचाते हैं फसल पर लैम्बडा सफेलोबिक 04.90CS (300ml/हेक्टेयर) इंडोंसकर 15.8 SC (333ML/हेक्टेयर) छिड़काव करें।

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