Soybean ki Kheti देश में प्री मानसून की बारिश शुरू हो चुका हे । 1 सप्ताह के अंदर मानसून की बारिश होगी। इसके बाद खरीफ फसलों की बुवाई का काम शुरू हो जाएगा। इस बीच किसानों के पास अभी 1 सप्ताह का समय बचा है इस दौरान कृषि से संबंधित यह कार्य करें तो आपकी सोयाबीन की फसल की पैदावार बढ़ जाएगी इस तरह करे ।
Soybean ki Kheti कैसे करें
सोयाबीन की बुवाई जून के प्रथम सप्ताह से शुरू हो जाती है। ऐसे में सोयाबीन की बंपर पैदावार लेने के लिए किसानों को इसकी उन्नत किस्में और बुवाई के सही तरीके की जानकारी होना बेहद जरूरी है। Soybean ki Kheti से किसानों को अच्छे भाव मिलते हैं क्योंकि सोयाबीन से तेल निकाला जाता है। इसके अलावा सोयाबीन से सोया बड़ी, सोया दूध, सोया पनीर आदि चीजें बनाई जाती है।
सोयाबीन तिलहनी फसलों में आता है और इसकी खेती देश के कई राज्यों में होती है। विशेषकर मध्यप्रदेश में इसकी खेती प्रमुखता से की जाती है सोयाबीन का भारत में 12 मिलियन टन उत्पादन होता है। यह भारत में खरीफ की फसल है। Soybean ki Kheti भारत में सबसे ज्यादा सोयाबीन मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान में उत्पादित होती है।
मध्य प्रदेश का सोयाबीन उत्पादन में 45 प्रतिशत जबकि महाराष्ट्र का 40 प्रतिशत हिस्सा है। इसके अलावा बिहार में किसान इसकी खेती कर रहे है। मध्यप्रदेश के इंदौर में सोयाबीन रिसर्च सेंटर है। आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से किसानों को सोयाबीन की खेती की जानकारी दें रहे हैं।
सोयाबीन की खेती के लिए जलवायु
Soybean ki Kheti के लिए जलवायु सोयाबीन फसल के लिए शुष्क गर्म जलवायु की आवश्यकता होती है। इसके बीजों का जमाव 250 सेल्सियस पर 4 दिनों में हो जाता है, जबकि इससे कम तापमान होने पर बीजों के जमाव में 8-10 दिन लगते हैं। अतः सोयाबीन की खेती के लिए 60-65 सें.
मिट्टी परीक्षण
संतुलित उर्वरक प्रबंधन एवं मृदा स्वास्थ्य हेतु मिट्टी का मुख्य तत्व जैसे नत्रजन, फासफोरस, पोटाश, द्वितियक पोषक तत्व जैसे सल्फर, केल्शियम, मेगनेशियम एवं सूक्ष्म पोषक तत्व जैसे जस्ता, तांबा, लोहा, मेगनीज़, मोलिब्डिनम, बोराॅन साथ ही पी.एच., ई.सी. एवं कार्बनिक द्रव्य का परीक्षण करायें ।
सोयाबीन की खेती कहां होती है
मुख्य रूप से सोयाबीन मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान।,छत्तीसगढ़,कर्नाटक में सोयाबीन की खेती अधिक हल्की रेतीली व हल्की भूमि को छोड्कर सभी प्रकार की भूमि में सफलतापूर्वक की जा सकती है परन्तु पानी के निकास वाली चिकनी दोमट भूमि सोयाबीन के लिए अधिक उपयुक्त होती है।
सोयाबीन की खेती mp
मध्यप्रदेश में सोयाबीन खरीफ की एक प्रमुख फसल है, जिसकी खेती लगभग 53.00 लाख हैं. क्षेत्रफल में की जाती है । देश में सोयाबीन उत्पादन के क्षेत्र में म.प्र. अग्रणी है, जिसकी हिस्सेदारी 55: से 60: के मध्य है लेकिन उत्पादन पर नजर डालेंगे तो पायेंगे कि हमारे देश की उत्पादकता 10 कि./हे. हैं,
जो कि एशिया की औसत उत्पादन 15 क्विं /हैक्ट०. की तुलना में काफी कम है । अकेले मालवा जलवायु क्षेत्र में सोयाबीन का क्षेत्रफल लगभग 22 से 25 लाख है । प्रदेश में सोयाबीन का भविष्य इसी क्षेत्र द्वारा नियंत्रित होता है । उज्जैन जिले में सोयाबीन की खेती लगभग 4.00 है, से अधिक क्षेत्र में की जाती है ।
Soybean ki Kheti यदि सोयाबीन उत्पादकता कमी के कारणों को देखे तो सोयाबीन की खेती वर्तमान में विभिन्न प्रकार की विषम परिस्थितियों से गुजर रही है अर्थात दिन प्रतिदिन इसकी खेती में विभिन्न व्यय में अत्याधिक वृद्धि परिलक्षित हो रही है । जिससे कृषकों को आर्थिक दृष्टिकोण से ज्यादा लाभ प्राप्त नहीं हो रहा है ।
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सोयाबीन की खेती में खाद
इसका समतोल उपयोग अवश्य करना चाहिए। प्रति एकड़ 8 किलो नत्रजन, 32 किलो स्फुर, 8 किलो पोटेशियम अनुशंसित है। इसके लिए प्रति एकड़ 40 किलो डीएपी (DAP) 15 किलो पोटाश, 5 किलो बेन्टोसल्फ, 5 किलो सन्निधि, 5 किलो श्रीजिंक आधार खाद के रुप में प्रयोग करें।
सोयाबीन का बीज कहां मिलेगा
कृषि कॉलेज जबलपुर, आरएके कृषि महाविद्यालय सीहोर और सोयाबीन अनुसंधान केंद्र इंदौर ने जेएस-2029, जेएस-2034, एनआरसी-37 और एनसीआर 86 वैरायटी का बीज तैयार किया है। इसका नोटिफकेशन हो चुका है। कृषि विभाग, आत्मा परियोजना, बीज निगम और बाजार के माध्यम से यह वैरायटी इसी खरीफ सीजन से पहले किसानों को मिल जाएगी।
सोयाबीन की उन्नत किस्में….
किस्म | उपज | अवधि | राज्य | गुण |
जे.एस. 335 | 25-30क्वि/हे | 95-100 दिन | मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान | बैंगनी रंग के फूल,काली नाभिका,पीलादाना,बेकटिरियल ब्लाइट, बेकटिरियल पश्च्यूल से प्रतिरोधी,तना मक्खी, बड ब्लाइट से सहनशील ,तेल प्रतिशत 17-19प्रोटीन प्रतिशत 40-41 |
जे.एस. 71-05 | 20-25 क्वि/हे | 90-95 दिन | मध्य प्रदेश का मालवा पठार | पीला बीज पत्र बैंगनी रंग के फूल ,हल्की काली से काली नाभिका,बौनी किस्म,हल्की उथली जमीन के लिए उपयुक्तबेकटीरियल पश्चूल के लिए प्रतिरोधी तेल प्रतिशत 18-19प्रोटीन प्रतिशत 38-39 |
जे.एस.़ 80-21 | 25-30 क्वि/हे | 105-110 दिन | मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ | पीला बीज पत्र बैंगनी फूल काली नाभिका अच्छा अंकुरण,अर्ध्दपरिमित बेकटीरियल पश्चूल,तना फली ब्लाइट के लिए प्रतिरोधी। लीफ स्पाट के प्रति सहनशील। तेल प्रतिशत 18-19प्रोटीन प्रतिशत 38-39 |
पी.के. 564 | 25-30 क्वि/हे | 100-105 दिन | उत्तरीय समतल जोन | पीले मोजाइक, जड़ सड़न एवं पाद सड़न से प्रतिरोधक,जेसिड से सहनशील,तेल प्रतिशत 15-22 प्रोटीन प्रतिशत 40-41 |
जे.एस. 76-205 | 20-25 क्वि/हे | 104-106 दिन | मध्य प्रदेश | बैंगनी फूल अर्धपरिमित विकास काला दाना बर्फ के रंग की नाभिका, बेकटीरीयल पश्चूल, बीज सड़न से प्रतिरोधी कम लागत के लिए उपयुक्त तेल प्रतिशत 17-18 प्रोटीन प्रतिशत 40-41 |
पी.के. 472 | 25-30 क्वि/हे | 100-105 दिन | मध्य क्षेत्र | सफेद फूल, पीले दाने गहरा, हरा पौधा,परिमित विकास कम चटकने वाली किस्म, पीली मोजक वायरस और बेक्टीरियल रोग, जड़ सड़न के लिए सहनशील |
अहिल्या-2 (एन.आर. सी. 12) | 25-30 क्वि/हे | 96-100 दिन | मध्य प्रदेश | इसके बैंगनी रंग के फूल होते हैं। गेंहूये रंग के दाने।भूरे नाभिका।बहुरोग रोधी। |
अहिल्या-3 | 25-35 क्वि/हे | 90-95 दिन | मध्य प्रदेश | बैंगनी फूल निम्न बीज फैलाव पीला दाना,भूरी नाभिका बहुरोग रोधी। |
जे.एस. 90-41 | 25-30 क्वि/हे | 87-98 दिन | मध्य प्रदेश, मध्य क्षेत्र | जल्दी पकने वालीअर्ध्दकुंडलाकार इल्ली से मध्यम प्रतिरोधक। खेतों में पानी जमा रहने पर कम नुकसान, बैंगनी फूल हरे पीले बीज पत्र,काली नाभिका तना ,मक्खी और पीला मोजेक वायरस और जड़ सड़न से प्रतिरोधक।तेल प्रतिशत 18-19 प्रोटीन प्रतिशत 40 |
जे.एस. 72-44 ( गौरव) | 20-25 क्वि/हे | 104-106 दिन | मध्य प्रदेश | पीला दाना गहरी भूरी नाभिकाअर्धपरिमित विकासपत्ती खाने वाले,गर्डल बीटल, तने की मक्खी के लिए रोगग्राही लंबा पौधा बेक्टीरियल पश्च्यूल एवं फल्ली झुलसन के प्रति प्रतिरोधक |
जे.एस. 72-280 ृ( दुर्गा) | 20-22 क्वि/हे | 102-105 दिन | मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ | सफेद फूल पीला दानाकाली नाभिकाअच्छा अकुंरण क्षमताअर्धपरिमित विकास, बेक्टीरियल पश्च्यूल एवं फल्ली झुलसन के प्रति प्रतिरोधक।पीला मोजेक वायरस के प्रति सहनशील।तेल प्रतिशत 19-20 प्रोटीन प्रतिशत 30-37 |
जे.एस. 2 | 18-20 क्वि/हे | 90-95 दिन | मध्य क्षेत्र | पीला दाना भूरी नाभिका बैंगनी फूल परिमित विकास,उच्च फैलाव क्षमता तेल प्रतिशत 19-20 प्रोटीन प्रतिशत 38-39 |
जे.एस. 75-46 | 25-30 क्वि/हे | 100-106 दिन | मध्य प्रदेश | बैंगनी फूल भूरी या गुलाबी नाभिका पीला दाना प्रोटीन प्रतिशत 38-39 अर्धपरिमित विकास,लंबा पौधाबेक्टीरियल पश्चूल एवं फली ब्लाइट के लिए प्रतिरोधक तेल प्रतिशत 18-19 |
एम.ऐ.सी.एस. 58 | 25-35 क्वि/हे | 95-105 दिन | महाराष्ट्र | गहरी भूरी नाभिका बैंगनी फूल अर्ध्दपरिमित विकास पीला दाना ,पानी के जमाव से प्रतिरोधक ,तेल प्रतिशत 15-20 प्रोटीन प्रतिशत 37-39 |
एम.ऐ.सी.एस. 124 | 25-30 क्वि/हे | 95-105 दिन | दक्षिणीय क्षेत्र | गहरे भूरे नाभिका ,बैंगनी फूल,पीला दाना,पानी के जमाव से प्रतिरोधक,अर्धपरिमित विकास तेल प्रतिशत 15-22 प्रोटीन प्रतिशत 35-40 |
पी.के. 1024 | 25-30 क्वि/हे | 115-118 दिन | उत्तरीय मैदानी क्षेत्र | गहरी भूरी नाभिका पीला दाना।सफेद फूल,परिमित विकास सुकुड़ी ,पत्तीकम चटकने वाली किस्म,बहुरोग रोधी। |
पी.के. 1042 | 30-35 क्वि/हे | 110-119 दिन | उत्तरीय मैदानी क्षेत्र | गहरा भूरी नाभिका सफेद फूल परिमित विकास,सुकुड़ी पत्ती कम चटकने वाली किस्म |
पी.के. 1029 | 90-95 दिन | दक्षिणीय क्षेत्र | गहराभूरी ना परिमित विकास भिका सफेद फूल | पीला दाना बहुरोग रोधी।कम चटकने वाली किस्म |
एम.ऐ. यू.एस. -2 ( पूजा) | 25-35 क्वि/हे | 105-110 दिन | महाराष्ट, कर्नाटक | हल्की भूरी नाभिका सफेद फूल अर्ध्दपरिमित विकास,पीला दाना,तेल प्रतिशत 18-19 प्रोटीन प्रतिशत 39-40 |
के.बी. 79 स्नेहा | 17-18 क्वि/हे | 105-110 दिन | कर्नाटक | भूरी नाभिका बैंगनी फूल,परिमित विकास पीला दाना |
पी.के. 416 | 30-35 क्वि/हे | 85-93 दिन | उत्तरीय पहाड़ी और मैदानी क्षेत्र | भूरी नाभिका सफेद फूल पीला दाना,अर्ध्दपरिमित विकास पीला मोजेक वायरस के लिए प्रतिरोधक |
पूसा 20 ( डी. एस. 74-20-2) | 25-30 क्वि/हे | 115-120 दिन | उत्तरीय पहाड़ी क्षेत्र | गहरी भूरी नाभिका सफेद फूल अर्ध्दपरिमित विकास,पीला दाना राईजोक्टोनिया और बेक्टीरियल पश्चूल से प्रतिरोधी पीला मोजेक वायरस के लिए सहनशील |
पूसा 16 | 25-30 क्वि/हे | 100-120 दिन | मध्य प्रदेश, उत्तरीय पहाड़ी और मैदानी क्षेत्र | बैंगनी फूल पीला दाना स्लेटी नाभिका,सुदृढ़ पौधा राईजोक्टोनिया और बेक्टीरियल पश्चूल से प्रतिरोधी पीला मोजेक के लिए सहनशील अच्छा अकुंरण |
एम.ऐ.सी.एस. 13 | 25-30 क्वि/हे | 90-100 दिन | मध्य क्षेत्र | भूरी फली काली नाभिका अपरिमित विकास,बेक्टीरियल पश्चूल के लिए प्रतिरोधी तेल प्रतिशत 15-22 प्रोटीन प्रतिशत 35-40 |
एन.आर.सी.-37 | 35-40 क्वि/हे | 96-101 दिन | मध्य प्रदेश | पीला दाना सफेद फूल,भूरी नाभिकातना मक्खी एवं लीफ माइनर के लिए प्रतिरोधक। |
एन.आर.सी. 7 ( अहिल्या -3) | 25-30 क्वि/हे | 100-105 दिन | मध्य प्रदेश | गहरी भूरी नाभिकासफेद फूल अर्धपरिमित विकास,पीला दानाबहुरोग रोधी। |
इन्द्र सोया 9 | 20-25 क्वि/हे | 120-122 दिन | भूरी नाभिका बैंगनी फूल | अर्ध्दपरिमित विकास पीला दाना,पीला दाना भूरे धब्बा,एन्थ्रेकनोज, सोयाबीन के मोजेक वायरस के लिए प्रतिरोधक |
वी.एल. सोया 21 | 20-25 क्वि/हे | 120-122 दिन | उत्तरीय उत्तर प्रदेश | भूरी नाभिका सफेद फूल, परिमित विकास ,पीला दाना, अच्छा अकुंरण |
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