सोयाबीन के रोग एवं उनका नियंत्रण के लिए किसान भाई यह काम करें

सोयाबीन की फसल ( Soybean Diseases and Their Control ) को कीट रोग एवं इल्लियों से कैसे बचाएं

सोयाबीन की फसल ( Soyabean Cultivation ) एक ऐसी फसल होती है जिसको तैयार होने मे 40 दिन लग जाते हैं और अभी सोयाबीन में फूल आने लगे हैं और सोयाबीन की फसलों में फूल आने के साथ-साथ फलिया भी आने लगे हैं वैज्ञानिकों के अनुसार यह बताया जाता है कि जब सोयाबीन की फसलों में फूल और छोटी-छोटी फलियां आने लगती हैं तब सोयाबीन की फसल को बहुत ज्यादा देखरेख की आवश्यकता होती है क्योंकि यह वही समय होता है

जब सोयाबीन की फसलों में कीड़े और इन्हें लगने की संभावना अधिक होती हैं और इस समय जो कीड़े और लिया सोयाबीन की फसलों में लगते हैं तो वह फूलों के साथ-साथ फलियों को भी खाया करते हैं और इससे सोयाबीन की फसल में अच्छा उत्पादन नहीं हो पाता है जिससे किसानों को का हानि सामना करना पड़ता है

किसान यदि चाहती हैं कि उनके द्वारा दी गई सोयाबीन की फसलों में अच्छा पैदावार हो तो इसके लिए उनको खरपतवार के साथ-साथ कीट रोग और इल्लियो  से सोयाबीन को बचाना होगा अभी हाल ही में यह देखने को मिल रहा है कि इस समय सोयाबीन की फसलों में अधिक गीत रोग लगने और इंडियन लगने की संभावना है और कृषि वैज्ञानिकों ने सोयाबीन की फसलों को देखते हुए कहा है कि उन्होंने किसानों को सोयाबीन की फसल को कीट रोग से बचने के लिए कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण सुझाव देने जा रहे हैं

सोयाबीन की फसल  ( Soybean Diseases and Their Control ) को कीट रोग एवं इल्लियों से कैसे बचाएं

बिहार हेयरी कैटरपिलर का प्रकोप से फसल को कैसे बचाएं(Soyabean Cultivation)

यहां पर कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जहां पर स्वयं इनकी फसलों में बिहार हेयरी कैटरपिलर के रोगों की शुरुआत सोयाबीन की फसलों में देखने को मिल रहा है और कृषि के अधिकारी किसानों को यह राय दे रहे हैं कि जब सोयाबीन की फसल में यह है बिहार हरी कैटरपिलर का प्रकोप होता है तो शुरू शुरू में यह झुंड में रहने वाली इन हिंडियों को पौधों के साथ खेत से अलग कर देना चाहिए

 और इसको कम करने के लिए सोयाबीन की फसलों पर   क्वनलफोर्स 25 इसी (1 लीटर प्रति हेक्टेयर) या फिर लेमबड़ा सायहेलोथ्रिन हैं 4.90cm 300 मिलीलीटर प्रति हेक्टेयर का इंडोक्साकब्र 15.8 एससी 333 प्रति हेक्टेयर का छिड़काव करना चाहिए और वहीं पर कुछ क्षेत्रों में रायजोक्टोनिया एरिअल ब्लाइट का बहुत ज्यादा सोयाबीन की फसलों में  प्रकोप हो रहा है

इन सभी परिस्थितियों को देखते हुए इन सभी से अपनी फसलों को सुरक्षा करने के लिए उनको हेक्साकोन झोल  5 ईसी प्रति लीटर पानी में डालकर छिड़काव करना होगा जिससे किसानों को अपनी सोयाबीन की फसलों में इन सभी बीमारियों से सोयाबीन की फसलों की सुरक्षा कर सकें

सफेद मक्खी के नियंत्रण के लिए यह करें ( Soybean Diseases and Their Control )

 जब सोयाबीन की फसलों(Soyabean Cultivation)  में फूल और फल ली आने लगती हैं तब किसानों को प्रतिदिन नियमित रूप से अपने स्वयं की फसलों की देखरेख करनी चाहिए और और उसी के साथ-साथ तीन या चार स्थान से पौधों को हिला हिला कर यह देखना होगा

कि आपके खेत में लगी सोयाबीन की फसल ( Soyabean Cultivation ) में इटली या किसी भी तरह की किट तो नहीं है यदि है तो ऐसी स्थिति में आपको क्या करना चाहिए आपको तुरंत उन कीड़ों और इल्लियों को नष्ट करने के उपाय को अपनाना होगा पीला मोजेक रोग से रक्षा करने के लिए रोगवाहक कट सफेद मक्खी को नष्ट करने के लिए अपने खेत में अनेक जगहों पीला मोजेक को नष्ट करने के लिए दवाइयां का उपयोग करना होगा

तन मक्खी के नियंत्रण हेतु यह उपाय करें ( Soybean Diseases and Their Control )

 यदि आपने भी सोयाबीन की फसल वही है और उस सोयाबीन की फसलों में बहुत ज्यादा हानि पहुंचाने वाली का नाम मक्खी कीट लग गए हैं और उनको आप नष्ट करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको कृषि वैज्ञानिकों के राय लेनी होगी और उसके बाद ही आप अपनी फसलों में लगे बहुत ज्यादा क्षति पहुंचाने वाली तना मक्खी को नियंत्रित करने के लिए कीटनाशक यायोमिथोक्सम 12.7 प्रतिशत +लैमबड़ा सायहेलोथ्रिन 9.50 प्रतिशत+ जेडली (125 125 म प्रति हेक्टर)का छिड़काव करना बहुत जरूरी है

और उसी के साथ-साथ आपको सोयाबीन की फसलों ( Soyabean Cultivation ) में पक्षियों की बैठने के लिए एक बड़े आकार में पिंजरा टाइप का बनना चाहिए जिससे पक्षी वहां पर आकर बैठ सकें और आपकी सोयाबीन की फसलों में जो इल्लियों या कीड़े लगे होते हैं पक्षी इल्लियों और कीड़ों को खाकर आपकी फसलों में लगे इल्लियों और कीड़ों की संख्या को कम कर सकते हैं

पत्ती खाने वाले कीड़ों से फसल की सुरक्षा हेतु यह करें ( Soybean Diseases and Their Control )

सोयाबीन की फसल (Soyabean Cultivation) एक ऐसी फसल होती है जिसमें हर तरह के कीड़े और इंडिया लग जाती हैं जैसे की सोयाबीन की फसलों में तंबाकू में लगने वाली इल्ली और चने में लगने वाली इंद्रियों का भी प्रभाव बहुत अधिक देखने को मिलता है और इसके लिए किसानों को बाजार में जो कट विशेष फेरोमोन ट्रैप या फिर प्रकाश प्रपंच लगाने पर जहां पर फसल 15 से 20 दिन की हो गई है तो इन दोनों फसलों की पत्ती खाने वाले कीड़े लगने की संभावना अधिक रहती है

तो इन कीड़ों से पट्टी और फूलों को सुरक्षित करने के लिए पहले ही सोयाबीन की फसल में क्लोरा टोनीलिप्रोल 18.5 एससी 150 मिली प्रति हेक्टेयर का छिड़काव किसानों को सोयाबीन की फसल में इन परिस्थितियों के समय करना चाहिए और जब आप इस दवाई का छिड़काव सोयाबीन की फसल में करेंगे तो 30 दिनों तक पढ़ने पाण्भक्षी कीड़ों से इन सोयाबीन की फसल की सुरक्षा होगी

तंबाकू इल्ली पर नियंत्रित के लिए यह उपाय करें ( Soybean Diseases and Their Control )

कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार यदि आपकी सोयाबीन की फसलों(Soyabean Cultivation)  में तंबाकू की इल्लियों का प्रकोप हो गया है तो उसे अपनी सोयाबीन की फसलों की सुरक्षा करने के लिए आपके यहां पर निम्न में से कोई एक कीटनाशक दवाई का छिड़काव कर सकते हैं और इससे आप अपनी सोयाबीन की फसलों में लगने वाली तंबाकू की इल्लियों से अपनी फसल की सुरक्षा कर सकते हैं

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 लेमबड़ा सायहेलो थ्रिन 4.90% सीएस( 300 मिलीलीटर प्रति हेक्टेयर) या फिर क्वनालफॉस 25 इसी (1 लीटर प्रति हेक्टेयर )या क्योरएंटीनीलीप्रोल 50.5 एसी (150 मिली लीटर प्रति हेक्टेयर) या इमामेकिलबेजोएंड 1.90 (425 मिलीलीटर प्रति हेक्टेयर) या इंडोक्साकॉर्न 15.8एससी (333 मिली लीटर प्रति हेक्टेयर )या प्रोफेनोफॉस 50 इसी (1 लीटर प्रति हेक्टेयर) या स्पायनेटोरम 11.7 एससी( 450 मिलीलीटर प्रति हेक्टेयर)

सोयाबीन की इस अवस्था में यह करें ( Soybean Diseases and Their Control )

बहुत से ऐसे क्षेत्रों पर जहां पर सोयाबीन की फसल (Soyabean Cultivation) की बोनी हो चुकी है और उन सोयाबीन की फसलों में फूल आने शुरू हो गए हैं और ऐसी अवस्था में सोयाबीन की इन फूलों के स्थान पर कहीं-कहीं कर भी बनने लगे हैं और जब यह कर बनने लगते हैं तो यह सोयाबीन की मुख्य क्रांतिक अवस्था होती है

और यह अवस्था R – 2 अवस्था कही जाती है और ( Soybean Diseases and Their Control ) जब सब इनकी फसल में और 2 की अवस्था चलती है तब इस अवस्था में सोयाबीन में कीड़े लगने की संभावना अधिक होती है और ऐसी इल्लियों जो सेमिलूपर जाति की मानी जाती हैं सोयाबीन की इस अवस्था में इन दिनों का प्रकोप फूलों पर ज्यादा होता है जिससे फूलों को बहुत अधिक नुकसान होता है और जबकि दूसरी इल्लियां केवल पत्तियों को नुकसान पहुंचाती हैं

इनकी निर्माण के लिए प्रोफेनोफ्रॉस 50% इसी 1 लीटर प्रति हेक्टेयर के साथ आईएमए में कुटन इमामे एक्टिन  5% इसी 300 ग्राम प्रति हेक्टेयर का छिड़काव करना बहुत जरूरी है यदि आपकी सोयाबीन की फसलों में सेमिलूपर इल्लियां का प्रभाव बहुत ज्यादा दिखाई देता है

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तो इसके लिए आपको इमामे एक्टिन बेन जॉइंट के साथ प्रोफेनोफॉस 40% इसी के सायपर मेथ्रीन 4% ईसी@750 मिली लीटर प्रति हेक्टेयर को ले सकते हैं और इसके अतिरिक्त यदि किसी भी किसान भाइयों ने इमामे एक्टिन बेन जॉइंट  छिड़काव पहले अपनी सोयाबीन की फसल में छिड़काव कर चुके हैं तो उनको सिर्फ क्लोरेट्रनीलीप्रोल 18.50 प्रतिशत एससी का ही सोयाबीन की फसल में छिड़काव कर देने से सो सोडा मिलीलीटर प्रति हेक्टेयर करना होगा

किसान  इस बात का विशेष ध्यान दें ( Soybean Diseases and Their Control )

ऐसा बहुत सी बार होता है जब सोयाबीन की फसलों(Soyabean Cultivation)  के खेतों में इल्लियां पौधों पर दिखाई नहीं देती है लेकिन सोयाबीन के पत्तों को देखकर ऐसा लगता है जैसी उनकी पत्तियों को इल्लियों ने खाया है ऐसी परिस्थिति आए तो उसके लिए आपको विशेष रूप से यह ध्यान रखना होगा कि समय ऐसी स्थिति में कैटरपिलर किट की इल्लियों की प्रजाति का का प्रकोप सोयाबीन के पौधों में हो सकता है इसके लिए आपको यह बहुत ध्यान रखना होगा

कि भले ही आपको सोयाबीन के पौधों में इल्लियों नहीं दिखाई दे रही हैं परंतु पत्तों के बीच में जो गोलाकार और अंडाकार की तरह कटे हुए पत्ते हैं उसे यह साबित होता है कि आपकी सोयाबीन की पत्तियों में इल्लियों का प्रभाव है और इस प्रकार की प्रजातियां वाली इल्लियों को होलिको वर्षा या आर्मीगेरा और स्पोडाटेरा लिट्रा कैटरपिलर की प्रजाति का प्रकोप होने की आशंका होती है

कैटरपिलर का शरीर बेलन के होता है और बहुत से हिस्सों में बटा हुआ होता है और यह कीड़ा हरे काले गुलाबी रंग का होता है कैटरपिलर दिन के समय में सोयाबीन की फसलों के पौधों की जड़ों के आसपास रहते हैं और पत्तियों के नीचे छुपे रहते हैं और जब रात हो जाती है तब वह इन पत्तियों को खा जाते हैं यदि आपके भी सोयाबीन की फसलों में इस तरह की पत्तियां दिखाई देती हैं और इल्लियां नहीं दिखाई दे रही हैं तो समझ जाइए कि आपको कीटनाशक का छिड़काव समय रहते कर लेना चाहिए

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