91 दिन वाली सोयाबीन की नई किसमें, मध्य प्रदेश सहित इन चार राज्यों के किसानो की मिलेगी बंपर पैदावार

मध्यप्रदेश के अलावा चार राज्यों में भी होगा बंपर ( Soyabean Varieties for MP ) का उत्पादन

यदि आप भी मध्यप्रदेश में 91 दिन वाली सोयाबीन की नई किस्म की फसल को होते हैं तो आपको इस किस्म की फसल में बहुत बड़ा फायदा होगा मध्यप्रदेश के अलावा और अन्य चार राज्यों में भी इस सोयाबीन की किस्म का फसल को वह वोय जायेगा (Soyabean Varieties for MP) जिससे उन 4 राज्यों को भी बहुत बड़ा फायदा होगा आज दिन मौसम में परिवर्तन होने के कारण सोयाबीन की खेती की  बोनी करने में बहुत परेशानी हो रही है किसान सोयाबीन की बोनी नहीं कर पा रहे हैं

क्योंकि मौसम इस तरह परिवर्तन हो रहा है जिससे बोनी नहीं हो पाएगी सोयाबीन की फसल में होने वाले रोगों और वर्षा ना होने के कारण भी इस फसल पर बहुत प्रभाव पड़ता है इसके कारण किसानों को आय में बहुत परेशानी होती है कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों की इन्हीं सारी परेशानियों को ध्यान में रखते हुए स्वयं इनकी अनेक प्रकार की सोयाबीन की किसने बनाई गई हैं यह ऐसी किस्म की फसल है जो कम वर्षा में भी अच्छी पैदावार होगी

जल्दी पकने पर अधिक फोकस (NRC Soyabean Varieties for MP)

जिस तरह मौसम में परिवर्तन होता है सोयाबीन की फसल होने में परेशानियां होती हैं यदि इसके बाद भी पानी नहीं गिरता है उसके बाद भी किसमें की सोयाबीन की फसल उत्पादन बहुत अच्छा होता है और तो और रोग प्रतिरोधक क्षमता होने के बावजूद भी सोयाबीन की फसल रक्षा होती है

(NRC Soyabean Varieties for MP) कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा बनाई गई ऐसी सोयाबीन की फसल एनआरसी प्रजाति इसमें के बारे में बताया गया है किस फसल की यह खासियत होती है यह कम दिनों में भी पक कर तैयार हो जाती है और इसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत अच्छी होती है सोयाबीन की उन्नत किस्मों के बारे में जाने

NRC 150 किस्म के बारे मैं जानिए (Soyabean Varieties for MP)

जानकारी के अनुसार इंदौर के सोयाबीन अनुसंधान केंद्र में अखिल भारतीय सोयाबीन अनुसंधान परियोजना की बैठक के बाद सोयाबीन की ऐसी का चुनाव किया गया है यह मालवा मध्य प्रदेश की मौसम की स्थितियों के तहत अच्छे फसल का उत्पादन करती है अनुसंधान केंद्र में ही विकसित एनआरसी 150 इसमें के उपयोग अनुसंधान पहचान समिति ने की है फसल की एक बहुत अच्छी विशेषता यह है कि 1 दिन में तैयार हो जाती है और यह सोया गंध के लिए जिम्मेदार लायपोक्सेजीनेज -2 है एंजाइम से अलग होता है यह रोग प्रतिरोधक भी होता है

ये  प्रजातियां अनुशंसित की गई हैं (NRC Soyabean Varieties for MP )

सोयाबीन अनुसंधान संस्थान की कार्यवाही निर्देशक डॉ नीता खांडेकर सोयाबीन की किस्म की पहचान समिति ने देश के तीन कृषि जलवायु क्षेत्रों में खेती करने के लिए अच्छी किस्म की एनआरसी सोयाबीन वैरायटी फॉर एमपी बी एल एस 99 (उत्तरी पहाड़ी क्षेत्र के लिए) एनआरसी 149 (उत्तरी मैदानी क्षेत्र के लिए) और मध्य प्रदेश के लिए 41 किस्म। NRC 142।    NRC। 150 Js। 21 – 72 और हिग्सो – 1689 की पहचान की गई है इस साल सोयाबीन अनुसंधान संस्थान सोयाबीन की 3 किस्मों को तैयार करने में सफल हुए हैं

रोग प्रतिरोधक गुण NRC प्रजाति की यह किस्म (Soyabean Varieties for MP)

सोयाबीन किस में 149 को उत्तरी मैदानी क्षेत्र के प्रमुख पीला मुख रोग रायोटनिया एरियल प्लास्टिक के सात गार्डन विटल और पक्षी किरणों के लिए प्रतिरोधक होता है एनआरसी 152 नामक किस्म बहुत जल्दी पकने वाली किस्म की फसल है यह 90 दिनों में पक कर तैयार हो जाती है और इसमें खाद गुणों के लिए अच्छा आप आ पोस्टिक इन हिविटर एसिड बहुत से गुण पाए जाते हैं

150 गंध रहित सोयाबीन की किस्म (NRC Soyabean Varieties for MP)

सोयाबीन में प्राकृतिक एक ऐसी महक होती है जिसको लोग सहन नहीं कर पाते इसलिए इस से बने खाद्य पदार्थों का उपयोग करने से पहले परहेज करते हैं इंदौर के भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान आइआइएसआर वैज्ञानिकों ने इस समस्या का समाधान निकालते हुए सोयाबीन महक आती है

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उससे निपटारा पाने के लिए एनआरसी सोयाबीन वैरायटी फॉर एमपी विकसित होने में सफल हो गई है यदि आप भी मध्यप्रदेश में 91 दिनों में तैयार होकर पक जाने वाली नई किस्म की सोयाबीन की फसल को बुरा चाहते हैं तो इससे आपको बहुत फायदा होने वाला है

मध्यप्रदेश के अलावा चार राज्यों में भी होगा बंपर उत्पादन (Soyabean Varieties for MP)

अखिल भारतीय संबिनित सोयाबीन अनुसंधान परियोजना कि इंदौर में अभी संपन्न हुई 52 वी वार्षिक समूह की बैठक के अनुसार बहुत अच्छी किस्म की फसल एनआरसी 150 की खेती करने के लिए कहा जा रहा है आई आई एस आर वैज्ञानिकों 2 सालों की मेहनत के बाद अनुसंधान में विकसित मैं बनाई गई यह सोयाबीन की किस्म प्राकृतिक गंध के लिए जिम्मेदार एंजाइम मुक्त है

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से बनने वाले पदार्थ स्वयं इन पनीर सोया टोफू आदि उत्पादों में सोयाबीन की महक नहीं आती है आई आई एस आर के कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक एनआरसी 150 किसने की सोयाबीन की फसल प्रोटीन और अन्य पोषण तत्वों से परिपूर्ण होती है और इसमें कुपोषण दूर करने के गुण भी पाए जाते हैं उन्होंने यह बताया है कि सोयाबीन से जो अनचाही महक आती है उसको दूर करने के लिए सोयाबीन की इस नई किस्म एनआरसी 150 से जो खाद पदार्थ बनेंगे उससे सोयाबीन की अनचाही महक नहीं आएगी

सोयाबीन एनआरसी 152 के बारे में जानिए (NRC Soyabean Varieties for MP)

सोयाबीन की एनआरसी 152 किस एनआरसी सोयाबीन वैरायटी फॉर एमपी आईसीएआर भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान इंदौर मैं बनाई गई है एनआरसी 152 नाम की यह सोयाबीन की 90 दिनों में पक कर तैयार हो जाने वाली किस्म की फसल है यह घाट गुणों के लिए उपयुक्त और आप पोस्टिक और भी अधिक गुणों के लिए उपयुक्त है

मध्यप्रदेश के अलावा चार राज्यों में भी होगा बंपर उत्पादन (Soyabean Varieties for MP)

मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश का बुंदेलखंड क्षेत्र, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र विदर्भ और मराठवाड़ा आदि क्षेत्रों में इस किस्म की फसल को बोया जाएगा

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