आज हम आपको गेहूं की एक ऐसी उन्नत किस्म के बारे में बता रहे हैं Shree Ram 303 Wheat Variety जो बंजर जमीन पर 30 क्विंटल से अधिक और अच्छी जमीन पर 70 से 80 कुंटल तक का उत्पादन देती है इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह मध्य प्रदेश के किसानों के लिए खास तौर पर विकसित की गई है किसान इसका उपयोग करके अच्छा खाता मुनाफा कमा सकते हैं
Shree Ram 303 Wheat Variety श्रीराम 303 गेहूं की खासियत बंजर जमीन के साथ-साथ अच्छी जमीन में भी मिलेगी बंपर पैदावार
श्रीराम 303 वैरायटी मध्य प्रदेश के किसानों के लिए कंपनी द्वारा यह है किस्म तैयार की गई है Shree Ram 303 Wheat Variety श्री राम फार्म सलूशन ने इस उन्नत तकनीक को को विकसित किया है Shree Ram 303 Wheat Variety श्री राम फर्टिलाइजर एंड केमिकल के वैज्ञानिकों ने इस किस्म को विकसित किया गया है इसके दाने की खासियत यह है कि अन्य अन्य सामान्य गेहूं की तुलना में इसका दाना बड़ा है।
इन क्षेत्रों के लिए अच्छी किस्म है श्रीराम 303 Shree Ram 303 Wheat Variety
Shree Ram 303 Wheat Variety मध्य प्रदेश सहित पूर्वांचल बिहार उत्तराखंड और तराई वाले क्षेत्रों में श्रीराम 303 गेहूं की किस्म किसान काफी पसंद कर रहे हैं किसानों के बीच में यह वैरायटी की लोकप्रियता काफी अधिक है और Shree Ram 303 Wheat Variety इन क्षेत्रों में इसकी मांग भी ज्यादा है ।
श्री राम गेहूं की विशेषता Shree Ram 303 Wheat Variety
गेहूं की यह किस्म की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह बहुत जल्दी या कम अवधि में भरपूर उत्पादन देती है इसके साथ-साथ बीमारियों को सहन करने की भी क्षमता है।
बाली आने की समयावधि – श्रीराम 303 गेहूं की किस्में पौधे में बुवाई की 70 से 80 दिनों के बीच में इसमें बाली भी आ जाती है।
Shree Ram 303 Wheat Variety 303 गेहूं दाना – श्रीराम सुपर 303 गेहूं का दाना चमकदार और ज्यादा वजनदार होता है सामान्य गेहूं की तुलना में इसका गाना का आकार बड़ा होता है
Shree Ram 303 Wheat Variety 303 गेहूं पकने का समय – यह लगभग 110 दिन में पक कर तैयार हो जाती है
श्रीराम सुपर 303 गेहूं की उत्पादन क्षमता- इस किस्म की उत्पादन क्षमता की बारे में अगर बात करें तो पौधों में कदमों की मात्रा अधिक होने के कारण इसका उत्पादन 70 से 80 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक हो सकता है।
इसके आलावा गेहूं की 5 नई उन्नत किस्में
1, करण बंदना
यह गेहूं की विशेष किस्म है जिसे बीबीडब्ल्यू 187 भी कहते हैं करण वंदना किस्म की यह फसल लगभग 120 दिन में पक कर तैयार हो जाती है और इस की औसतन उपज 75 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है ।
2, करण नरेंद्र
गेहूं की यह किस्म खास किस्मों में से एक है best wheat variety इसमें किस्म को बीबीडब्ल्यू 222 के नाम से जानि जाती है करण नरेंद्र किस्म लगभग 143 दिन में पक कर तैयार हो जाती है इसकी उपज लगभग 65% प्रति हेक्टेयर होती है आपको बता दें कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद करनाल द्वारा इस किस्म को विकसित किया गया था जो किसानों के लिए सन 2019 में आई थी जब से यह काफी लोकप्रिय है ।
3, पूसा यशस्वी
पूसा यशस्वी के समय खास तौर पर हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और कश्मीर राज्य में उगाई जाती है इस किस्म की उपज 57% से लेकर 79% प्रति हेक्टेयर तक हो सकती है इस किस्म की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह फफूंदी और सड़न रोग के लिए रोग प्रतिरोधी है इसके साथ साथ इस फसल का बुवाई का समय नवंबर माह होता है ।
4, करण श्रेया
उत्तर प्रदेश बिहार झारखंड और पश्चिम बंगाल राज्यों में गेहूं की किस्म की अधिक खेती की जाती है इसे पकने में लगभग 125 दिन लगते हैं और इस किस्म की उपज लगभग 55% प्रति हेक्टेयर होती है ।
5, डी डी डब्ल्यू 47
गेहूं की किस्में राजस्थान छत्तीसगढ़ गुजरात मध्य प्रदेश के राज्यों में सबसे ज्यादा उगाई जाती है इस केस में से दलिया और सूजी अधिक बनाई जाती है यह किस्म की उपज लगभग 70% प्रति हेक्टेयर से अधिक होती है खास बात यह होती है कि इस केस में में बीमारियों से लड़ने में स्वयं ही सक्षम होती है इसलिए किसान फसल को अधिक पसंद करते हैं
5, डी डी डब्ल्यू 47
गेहूं की किस्में राजस्थान छत्तीसगढ़ गुजरात मध्य प्रदेश के राज्यों में सबसे ज्यादा उगाई जाती है इस केस में से दलिया और सूजी अधिक बनाई जाती है यह किस्म की उपज लगभग 70% प्रति हेक्टेयर से अधिक होती है खास बात यह होती है कि इस केस में में बीमारियों से लड़ने में स्वयं ही सक्षम होती है इसलिए किसान फसल को अधिक पसंद करते हैं ।
5, डी डी डब्ल्यू 47
गेहूं की किस्में राजस्थान छत्तीसगढ़ गुजरात मध्य प्रदेश के राज्यों में सबसे ज्यादा उगाई जाती है इस केस में से दलिया और सूजी अधिक बनाई जाती है यह किस्म की उपज लगभग 70% प्रति हेक्टेयर से अधिक होती है खास बात यह होती है कि इस केस में में बीमारियों से लड़ने में स्वयं ही सक्षम होती है इसलिए किसान फसल को अधिक पसंद करते हैं ।
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अच्छी पैदावार के लिए यह भी कर सकते हैं
किसान गेहूं की अच्छी पैदावार के लिए डीएपी के स्थान पर अन्य उर्वरकों के विकल्प भी मौजूद हैं अन्य और वर्गों में एनपीके 12 : 32 :16 तथा सिंगल सुपर फास्फेट के साथ-साथ गेहूं की आवश्यकता अनुसार पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए रासायनिक उर्वरकों का भी उपयोग किया जा सकता है।
मिट्टी परीक्षण जरूर करें
Shree Ram 303 Wheat Variety Detail किसान फसल की बुवाई से पूर्व अपने खेत की मिट्टी का परीक्षण जरूर करवाएं इस परीक्षण से आपको पता चल जाता है कि मिट्टी में किस चीज की आवश्यकता है सिंगल सुपर फास्फेट एवं पोटाश की मात्रा निर्धारित हो जाती है जिंक सल्फेट की जानकारी मिल जाती है Shree Ram 303 Wheat Variety बुवाई के समय अगर सुपर कोटा तथा नत्रजन मात्रा का उपयोग करें या ना करें इसके साथ साथ पहली और दूसरी सिंचाई के समय नत्रजन का उपयोग किया जा सकता है।
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यूरिया का भी उपयोग करें
गेहूं की फसल के लिए यूरिया का उपयोग किया जा सकता है best wheat variety in india यूरिया 260 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर सिंगल सुपर फन फैक्ट 375 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर कोटा 67 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर तथा एनपीके 200 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर का उपयोग भी किया जा सकता है
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आपको पसंद आयेगी यह जानकरी किसान के साथ साथ कृषि वैज्ञानिक से ली गई है। हमारा मकसद आपको एक अच्छी जानकारी उपलब्ध करना है उत्पादन कम या ज्यादा हो सकता है।
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