Saurabh Sharma Case Update : आरटीओ घोटाले में सौरभ शर्मा और शरद जायसवाल को बड़ा झटका जमानत याचिका खारिज, जेल में ही रहेंगे तीनों आरोपी
Saurabh Sharma Case Update : ईडी की सख्त दलीलों पर कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला, आरटीओ घोटाले के मुख्य आरोपी अभी जेल में ही रहेंगे, अगली पेशी 5 मई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी।

- सौरभ शर्मा और शरद जायसवाल की जमानत याचिका कोर्ट ने खारिज की।
- ईडी ने बताया कि जमानत मिलने से जांच में बाधा आ सकती है।
- अगली पेशी 5 मई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से होगी।
Saurabh Sharma Case Update : भोपाल से जुड़े आरटीओ घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक बड़ी जीत दर्ज की है। इस मामले के दो मुख्य आरोपी पूर्व आरटीओ कांस्टेबल सौरभ शर्मा और उसके साथी शरद जायसवाल की जमानत याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी है। इसके साथ ही सौरभ की कंपनी “अविरल फिशरिज” की भी जमानत नहीं मिली है। अब तीनों सौरभ, शरद और चेतन शर्मा को फिलहाल जेल में ही रहना होगा।
आज बुधवार को चली लंबी बहस, कोर्ट ने माना ईडी का पक्ष मजबूत
बुधवार को भोपाल की विशेष अदालत में इस याचिका पर दोनों पक्षों के वकीलों के बीच जोरदार बहस हुई। सौरभ शर्मा की ओर से वकील दीपेश जोशी ने पैरवी की और ईडी की कार्रवाई को “तथ्यहीन” बताया। उन्होंने कहा कि ईडी के पास कोई ठोस सबूत नहीं हैं और सौरभ को गलत तरीके से फंसाया जा रहा है।
शरद जायसवाल की तरफ से वकील रजनीश बरैया ने दलील दी कि उनके मुवक्किल का इस घोटाले में सीधा हाथ नहीं है। लेकिन ईडी की ओर से वकील विक्रम सिंह ने कोर्ट को यह समझाने में सफलता पाई कि अगर इन आरोपियों को जमानत मिलती है, तो जांच प्रभावित हो सकती है।
कोर्ट ने सुनाया सख्त फैसला
विशेष न्यायाधीश सचिन कुमार घोष ने ईडी की दलीलों को गंभीर मानते हुए फैसला सुनाया और तीनों आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी। कोर्ट का कहना था कि आरोप गंभीर हैं और जांच अभी अधूरी है, इसलिए फिलहाल जमानत नहीं दी जा सकती।
ईडी की दलीलें सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते
ईडी ने कोर्ट में यह बताया कि अगर आरोपियों को अभी जमानत मिल जाती है, तो वे सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं या गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। इसके अलावा विदेश भागने का भी खतरा है, खासकर जब सौरभ के पास दुबई वीजा और विदेशी संपत्तियों की बात सामने आई है।
सौरभ के वकील की सफाई
सौरभ शर्मा के वकील का कहना है कि उनके मुवक्किल को एक कंस्ट्रक्शन कंपनी के ब्रोशर के आधार पर 150 करोड़ के विला का मालिक बताकर फंसाया गया है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जो कार सोना और कैश से भरी हुई बताई जा रही है, वो सौरभ के नाम पर रजिस्टर्ड नहीं है। उन्होंने इसे सब “मनगढ़ंत कहानी” बताया।
परिवार वालों को पहले ही मिल चुकी है जमानत
इस केस में एक अहम बात यह भी है कि सौरभ की मां, पत्नी, जीजा और साले को पहले ही कोर्ट से जमानत मिल चुकी है। उन्हें 10 लाख के बॉन्ड पर छोड़ा गया है। लेकिन अब मुख्य आरोपियों को जमानत न मिलने से ईडी को अपनी जांच को और मजबूती से आगे बढ़ाने का मौका मिला है।
अगली पेशी 5 मई को, जेल से ही होगी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए
तीनों आरोपी अभी जेल में ही रहेंगे और उनकी अगली पेशी 5 मई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी। ईडी को उम्मीद है कि तब तक कुछ और पुख्ता सबूत इकट्ठा किए जा सकेंगे।