छत्तीसगढ़ में मचा राजनीतिक भूचाल: पूर्व मुख्यमंत्री के कई ठिकानों पर ईडी की छापेमारी
शराब घोटाले की जांच के तहत ईडी की टीम ने भिलाई में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के घर छापेमारी की, दस्तावेज जब्त, बघेल ने बताया ‘राजनीतिक प्रतिशोध’, मामला गरमाया।
- भिलाई में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आवास पर ईडी की छापेमारी।
- शराब घोटाले से जुड़े दस्तावेज खंगाले गए, बघेल ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध बताया।
- छत्तीसगढ़ की राजनीति में इस कार्रवाई से मचा हड़कंप।
- छापेमारी से मचा हड़कंप
Cg ED Raid : सोमवार की सुबह भिलाई में उस वक्त हलचल मच गई जब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आवास पर छापेमारी की। यह कार्रवाई शराब घोटाले से जुड़े कथित अनियमितताओं की जांच के तहत की गई। छापेमारी के दौरान ईडी ने कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों को जब्त किया और अन्य ठिकानों पर भी जांच जारी रखी।
भूपेश बघेल ने क्या कहा?
इस कार्रवाई के बाद भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए इसे ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ बताया। उन्होंने कहा कि यह पूरी जांच विपक्ष को दबाने की एक कोशिश है और वह कानून का पूरा पालन करेंगे। उन्होंने यह भी दावा किया कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं और जनता सच्चाई जानती है।
क्या है शराब घोटाले का मामला?
छत्तीसगढ़ में यह घोटाला शराब व्यापार से जुड़ा है, जिसमें सरकारी शराब दुकानों और निजी शराब निर्माताओं के बीच मिलीभगत के आरोप लगे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस घोटाले के जरिए सरकारी खजाने को करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचाया गया। ईडी पहले से ही इस मामले की जांच कर रही थी और कई अन्य व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई कर चुकी है।
ईडी की टीम ने किन दस्तावेजों की जांच की
सूत्रों के अनुसार, ईडी की टीम ने बघेल के आवास से कई दस्तावेज जब्त किए हैं, जिनकी गहन जांच की जा रही है। टीम यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या वाकई भूपेश बघेल या उनके करीबी इस घोटाले से जुड़े थे।
पूर्व में किन लोगों पर हुई थी कार्रवाई
इस घोटाले में पहले भी कई बड़े नाम आ चुके हैं। आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के तत्कालीन एमडी एपी त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर पहले ही जांच के घेरे में आ चुके हैं। अब ईडी इस मामले में नए सिरे से जांच कर रही है, जिससे और बड़े नाम सामने आ सकते हैं।
राजनीतिक हलचल
ईडी की इस कार्रवाई के बाद छत्तीसगढ़ की राजनीति गरमा गई है। कांग्रेस पार्टी ने इसे केंद्र सरकार की ‘एजेंसियों का दुरुपयोग’ करार दिया है। वहीं, भाजपा ने निष्पक्ष जांच की मांग की है और कहा है कि यदि कोई दोषी है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।