जबलपुर और ग्वालियर समेत इन जिलों मे लागू पुलिस कमिश्नर प्रणाली! जाने क्या होगा फायदा, मिलेंगे यही जवाब

इंदौर व भोपाल (Police Commissioner System)के बाद अब जबलपुर और ग्वालियर में पुलिस आयुक्त व्यवस्था लागू

जबलपुर और ग्वालियर समेत इन जिलों मे लागू पुलिस कमिश्नर प्रणाली! जाने क्या होगा फायदा, मिलेंगे यही जवाब आपको इसकी जानकारी के लिए बता देते है की यह इंदौर व भोपाल के बाद मे अब यह जबलपुर और ग्वालियर में भी Police Commissioner System लागू करने से पहले ही मध्य प्रदेश सरकार इसमे सबसे बड़ा बदलाव करने की तैयारी करने जा रही है।

जी हा यह नई व्यवस्था में Police Commissioner System वाले जिले के ग्रामीण क्षेत्र को भी अब इसमे शामिल किया जाएगा।जिसके क्या फायदे है आपको यह सभी नीचे देखने को मिल जाएगा पूरी खबर जानने के लिए नीचे दिया हुआ आर्टिकल पढे-

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उत्तर प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्र भी शामिल

आपको इसकी जानकारी के लिए बता देते है की यह उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने वर्ष 2022 में लखनऊ, कानपुर और वाराणसी में यह Police Commissioner System में एक बहुत ही बड़ा बदलाव कर के जिले के ग्रामीण क्षेत्रों को भी इसमे शामिल कर दिया था। जी हा और उसी तर्ज पर अब यह मध्य प्रदेश में भी बहुत ही जोरों शोरों से तैयारी की जा रही है।

जिसमे पुलिस मुख्यालय की सीआईडी शाखा प्रस्ताव को तैयार कर रही है, और उसमे यह भी बताया हूआ है की यह शहरी और देहात क्षेत्र मे अलग-अलग होने से इस प्रकार की दिक्कतें भी आ रही हैं।

शिवराज सरकार ने लागू की थी व्यवस्था

आपको इसकी जानकारी के लिए बता देते है की यह मध्य प्रदेश में दिसंबर 2021 में तत्कालीन शिवराज सरकार ने इंदौर और भोपाल में भी यह Police Commissioner System को लागू की थी।जिसमे ग्रामीण क्षेत्र के थानों को इससे अलग कर दिया था।

जी हा और उसमे शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में अलग-अलग व्यवस्था भी होने से कानून व्यवस्था में दिक्कत आ रही है। यह सीमा विवाद भी होता है।जिसको समन्वय बनाने में बहुत ही मुश्किल होती है।

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पूरे जिले में एक जैसी व्यवस्था

आपको इसकी जानकारी के लिए बता देते है Police Commissioner System की वजह से पूरे जिले में एक जैसी व्यवस्था की जाएगी। जी हा और एक कारण से यह भी है कि भोपाल और इंदौर में लगभग तीन चौथाई शहरी थाने हैं,

जिसके लिए जिले के सभी थानों को एक व्यवस्था में लाना बेहतर माना जा रहा है। और इसमे बता दें कि भोपाल में 38 शहरी और सात ग्रामीण, इंदौर में 34 शहरी और 13 ग्रामीण इसमे थाने हैं।

जाने किस तरह आ रही दिक्कत

यह पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों ने इसकी जानकारी को देते हुए बताया कि सबसे अधिक दिक्कत कानून-व्यवस्था को बनाने में समन्वय को लेकर के आती है। जी हा और यह देहात पुलिस के पास मे संसाधन कम हैं। जिसमे उन्हें Police Commissioner System कार्यालय से मदद को लेनी पड़ती है।

जी हा और यह देहात में पुलिस लाइन ऑफिस भी नहीं हैं। और उसके बल की भी उनके पास मे कमी रहती है। यह Police Commissioner System में आने पर संसाधनों का समुचित इस्तेमाल हो सकेगा।

ग्वालियर व जबलपुर में जल्द होगी लागू

यह सरकार ने अब ग्वालियर और जबलपुर में भी इसी वर्ष मे Police Commissioner System को लागू करने की तैयारी भी कर ली है। जी हा जिसमे भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में भी इसकी घोषणा को कर दिया था। और यह पुलिस मुख्यालय की CID शाखा दोनों शहरों में होने वाले सभी अपराध के आंकड़े को एकत्र कर रही है।

और उसी के आधार पर यह भी निर्धारित होगा कितना बल जरूरी होगा। और उसके बाद मे यह पद स्वीकृत करने की प्रक्रिया भी होगी। जिसमे इस वर्ष के अंत तक के दोनों शहरों में Police Commissioner System लागू करने की तैयारी है।

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