सोयाबीन की यह 7 नई किस्में जलवायु परिवर्तन में भी देगी बंफर पैदावार

सोयाबीन की नई किस्में (New Soybean MP 2023) जलवायु परिवर्तन से लड़ने में सक्षम मिलेगी अच्छी पैदावार इसके बारे में जानिए

मध्य प्रदेश के किसानों के लिए अच्छी खबर है वैज्ञानिकों ने दिन-रात कड़ी मेहनत करके किसानों के लिए कुछ उन्नत किस्मों के सोयाबीन (New Soybean MP 2023) के बीज तैयार किए हैं यह सोयाबीन के बीज विपरीत मौसम में भी अच्छी पैदावार देने में सक्षम होंगे आपको बता देंगे सोयाबीन बोने के बाद जो प्राकृतिक जलवायु मैं जो परिवर्तन होता है उसका सीधा असर फसलों पर पड़ता है अचानक होने वाली बारिश और आंधी तूफान ओले गिरने से फसलों को बहुत हानि पहुंचती है

इसके कारण फसल खराब हो जाती हैं और जब किसान अपनी फसल काटते हैं तब उनको ज्यादा मुनाफा नहीं होता है और बाजार में भी उस फसल के कम दाम मिलते हैं इससे किसानों को बहुत अधिक हानि होती है जिसके कारण कई बार किसानों को कर्ज भी लेना पड़ता है फसलों की दवाई के लिए और अन्य सारी फसलों से संबंधित खर्चों के लिए कई बार किसानों को ऋण लेना पड़ता है

इन सभी समस्याओं को वैज्ञानिकों ने देखते हुए कृषि वैज्ञानिक ने जलवायु को बदलते हुए देखा तो फसलों को विकसित करने के लिए किसानों को फायदा दिया जा रहा है जिससे जो जलवायु परिवर्तन होता है जैसे अचानक ओलावृष्टि आंधी तूफान जोरों की बारिश होना आदि सभी समस्याओं के समाधान के लिए जो आने वाली खरीद की फसल का मौसम को लेकर कृषि वैज्ञानिकों ने सोयाबीन (Soybean New variety 2023) की अन्य किस्मों को तैयार किया है

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यदि अचानक प्राकृतिक आपदा होती है ज्यादा बारिश होना ओलावृष्टि होना उसके बाद भी इन किस्म की फसलों की अच्छी पैदावार होगी सोयाबीन की यह किसने मध्य प्रदेश के साथ-साथ बाकी सभी राज्यों के लिए भी तैयार की गई है आज हम आपको आर्टिकल के माध्यम से सोयाबीन की अनेक वैरायटीयों (New Soybean MP 2023) के बारे में बताने जा रहे हैं

खेती के लिए जलवायु परिवर्तन होना बड़ी चुनौती है (Soybean Variety 2023)

पिछले कुछ सालों से प्राकृतिक आपदा के कारण बहुत नुकसान हो रहा है कुछ दिनों से मानसून ठीक नहीं बरसात कभी भी शुरू हो जाती है और कुछ दिनों से यह बात भी सामने आ रही है कि मानसून के कारण चार-पांच दिन तो बहुत तेज धूप निकलती है और उसके बाद फिर मानसून बिगड़ने लगता है अर्थात कभी भी बात तेज बारिश होने लगती है और पांच 6 दिन बाद फिर धूप निकलने लगती है तो इन सबका असर फसलों पर बहुत पड़ता है

मानसून का ट्रेंड बदला (Soybean Variety 2023) सोयाबीन की फसल पर  विपरीत असर

सोयाबीन किसानों की आर्थिक स्थिति बदलने वाली फसल है सोयाबीन की फसल से किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार किया जा सकता है सोयाबीन की फसलों से किसानों को काफी लाभ हो जाता है सोयाबीन की फसल किसानी मैं भी अनुकूल का यह बहुत अच्छा नियम तारीफ के काबिल है और इस प्रकार क्रम में कृषि अनुसंधान केंद्र से लेकर कृषि विश्वविद्यालय के माध्यम से सोयाबीन की अनेक नई किस्मों को तैयार किया गया है

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 सोयाबीन की नई किस्में 15 से 20 दिन तक पानी नहीं मिलने की स्थिति में भी पक जाती हैं और अचानक होने वाली बारिश और ओलावृष्टि के प्रभाव को भी सहन कर लेती हैं मानसून के शुरू होते ही 5 दिन की खबर से कोई असर नहीं होता है परंतु अब मौसम में काफी बदलाव हो रहा है जलवायु में आए दिन बदलाव हो रहा है गर्मी के 15 से 20 दिन हो गए हैं पानी सूखे का समय 15 से 20 दिन हो गया है ऐसी स्थिति में मानसून मैं लंबा ड्राई स्पेल होने की वजह से सोयाबीन की फसल पर बहुत असर पड़ा है

ऐसी स्थिति में बहुत बार ऐसा हुआ है कि सोयाबीन के छोटे पौधे सूख जाते हैं जिसके कारण किसानों को सोयाबीन की दोबारा बोनी करवानी पड़ती है मानसून परिवर्तन के कारण बहुत बार कई दिनों तक धूप निकली रहती है उस समय ऐसा महसूस होता है जैसे भीषण गर्मी आ गई हो यह अपने आप में एक चिंता का विषय बनता जा रहा है

जब फसलों को पानी की जरूरत होती है जब तो वर्षा होती नहीं है लेकिन जब फसल पकने वाली होती है तब वर्षा होती है अभी कुछ दिनों से तो मानसून जाने का नाम ही नहीं ले रहा है वर्षा होने के साथ-साथ ओलावृष्टि की स्थिति भी सामने आ जाती है किसानों को अभी से इस स्थिति में ध्यान देने की बहुत जरूरत है

सोयाबीन की यह 7 किस्म जलवायु परिवर्तन में भी देगी अधिक पैदावार (New Soybean MP 2023)

सोयाबीन राष्ट्रीय अनुसंधान केंद्र के माध्यम से एनआरसी 150 एनआरसी 141 एनआरसी 148 एनआरसी 157 इन सारी सोयाबीन की किस्मों को वैज्ञानिकों द्वारा तैयार किया गया है और कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर के माध्यम से आरवीएस 18 24 और 25 की सोयाबीन की किस्म बाजार में आई है यह सोयाबीन (New Soybean MP 2023) की यह किस्म जलवायु में परिवर्तन होता है उससे लड़ने में सक्षम होती है

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और तो और यदि मानसून में परिवर्तन होता है और यदि 15 से 20 दिन तक बारिश नहीं होती है तब भी इस स्थिति में वैज्ञानिकों द्वारा तैयार की गई सोयाबीन की फसल इस लड़ने के लिए तैयार रहती है जबकि परंपरागत सोयाबीन की वैरायटी इस तरह की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार नहीं रहती है इस वैरायटी में तनाव मक्खी सफेद मक्खी से लेकर मडल बीटल आदि कीड़ों से लड़ने के लिए सक्षम रहती है

सोयाबीन की किस्म (Soybean New variety 2023) प्रति हेक्टेयर पैदावार बढ़ेगी

आने वाले 2 महीनों में बारिश का मौसम शुरू हो जाएगा और उस समय फिर सोयाबीन की बोनी का समय हो जाएगा इसलिए अब किसानों के पास 2 महीने से भी कम समय बचा है तो उन किसानों को वैज्ञानिकों द्वारा तैयार की गई नई सोयाबीन की किस्म के लिए बाजार में संपर्क करना चाहिए

अभी हाल में किसान 4 से 5 क्विंटल  प्रति बीघा सोयाबीन की फसल का उत्पादन प्राप्त कर रहा है लेकिन किसान इन नई किस्मों का उपयोग करके 6 से 7 क्विंटल प्रति बीघा उत्पादन प्राप्त कर सकता है किसानों को यह ध्यान रखना होगा कि उनको सोयाबीन बोने से पहले इन नई सोयाबीन किस्म के बारे में जानकारी प्राप्त कर लेनी होगी और आने वाले 2 महीनों बाद इन नई सोयाबीन की किस्मा कोबो ना होगा इन नई सोयाबीन (Soybean New variety 2023) की फसलों से किसानों को काफी मुनाफा होगा

एनआरसी 150 किस्म (New Soybean MP 2023) के बारे में जानिए

इंदौर की सोयाबीन अनुसंधान केंद्र में सोयाबीन की वैरायटी एनआरसी 150 को वैज्ञानिकों द्वारा तैयार किया गया है सोयाबीन की इस एक खास विशेषता यह है कि यह केवल 51 दिनों में पक कर तैयार हो जाती है जिससे किसानों को अधिक मुनाफा होता है यह सोया गंध के लिए जानी जाती है लईपोक्सिजीनेज-2 एजाइम अलग है और यह रोग प्रतिरोधक भी है इस प्रश्न में जल्दी कीड़े नहीं लगते हैं और यह जल्दी खराब भी नहीं होती है

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बी एल एस 99 इस किसने की सोयाबीन की फसल उतरी पहाड़ी क्षेत्रों में बोनी के लिए तैयार की गई है और मध्य क्षेत्र के लिए 4 किस्मों को तैयार किया गया है एनआरसी 152 एनआरसी 150 जेएस 12 ,72 और हिम्सो -1689 इन नई सोयाबीन की नई किस्मों को तैयार किया गया है

एनआरसी 149 सोयाबीन की किस्म (New Soybean MP 2023) के बारे में जानिए

सोयाबीन की यह एनआरसी 149 किसमें की फसल केवल उत्तरी मैदानी क्षेत्रों मैं बोने के लिए तैयार की गई है और यह फसल पीलामोक राईको टोनिया एरियल व्हाइट गार्डल नीटल और परभक्षी कीड़ों के लिए प्रतिरोधक है अर्थात यह इन सब कीड़ों से लड़ने में सक्षम है

एनआरसी 152 सोयाबीन की किस्म (Soybean New variety 2023)के बारे में जानिए

एनआरसी 152 नाम की सोयाबीन की किस्में ( Soybean Variety 2023 ) की एक खासियत यह है कि यह बहुत जल्दी पक जाती है इसने में 90 दिन से कम समय लगता है और यह खाद गुणों से भरपूर है आपको स्टेट कलुनित ट्रिप्सिंग inhibiter और लायपऑक्सी जेनेस एसिड 2। जैसे लक्षणों से मुक्त होते हैं

जीएस 2172 सोयाबीन की किस्म (Soybean New variety 2023) के बारे में जानिए

मध्यप्रदेश के जबलपुर में स्थित जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर केंद्र के द्वारा सोयाबीन की एक नई किस्म (New Soybean MP 2023) 2172 को तैयार किया गया है इसमें की यह खासियत है कि यह पीलमोक वायरल चारकोलरोट बैक्टीरियल फास्ट यूज़ और लीफ स्पॉट रोग के लिए प्रतिरोधी होने के साथ-साथ 96 दिनों में पक कर तैयार हो जाने वाली फसल है इन सभी बीमारियों से लड़ने के लिए तैयार की जाने वाली सोयाबीन की एक बहुत अच्छी किस्म की फसल है

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