किसान ऋण माफी योजना मैं किसान से हुई धोखाधड़ी

यूनियन बैंक मैनेजर पर लगा ऋण माफी योजना Karj Mafi Yojana Fraud में धोखाधड़ी का आरोप हुई शिकायत

बैंक आपके पैसे के लिए सबसे सुरक्षित जगह मानी जाती है अगर बैंक में ही आपके साथ ठगी होने लगे तो इसे क्या कहेंगे ऐसा ही एक मामला नरसिहपुर करेली  के यूनियन बैंक का हें जहा  ऋणमाफी योजना के तहत गरहा गांव के एक किसान के साथ कर्जमाफी में धोखाधड़ी हुई है उक्त मामले की किसान ने लिखित शिकायत पुलिस अधीक्षक कार्यालय में भी की है।

किसान विजय कुशवाहा ने बैंक मैनेजर पर धोखाधड़ी के आरोप लगाते हुये बताया है कि बैंक मैनेजर ने ऋण माफी योजना (Kisan Karj Mafi Yojana ) की बात कहकर डेढ़ लाख रुपये शाखा के अंदर डेढ़ लाख रुपये लिए थे जबकि खाते में मात्र 70 हजार रुपये जमा किये गए है और लोन अकाउंट बन्द कर दिया गया है। वही किसान का कहना है कि रुपये जमा के सीसीटीव्ही फुटज भी बैंक में मौजूद है।

दिये डेढ़ लाख जमा हुए 70 हजार Karj Mafi Yojana Fraud

किसान विजय कुशवाहा ने आरोप लगाते हुए कहा है कि उसने अपने पिता दमरुलाल कुशवाहा के खाते एनपीए होने के बाद कर्ज माफी योजना के तहत 17 फरवरी को कुल डेढ़ लाख रुपये ब्रांच मैनेजर को बैंक में ही नगद दिए थे।यह रुपये उसने सेंट्रलबैंक की जोहरिया शाखा से स्वयं के खाते से निकालकर मैनेजर को दिए थे और यह रुपये भी निकालने के लिए यूनियन बैंक मैनेजर ने सेंट्रल बैंक मैनेजर को फोन किया था।

यह बात 17 फरवरी को शाम 4 बजे के बाद कि है। (Karj Mafi Yojana Fraud) रुपये यूनियन बैंक मैनेजर को देने के बाद से ही मैनेजर से लगातार जमा रुपये की रसीद मांगते रहे लेकिन साहब टालते रहे। 28 फरवरी को पुनः जब बैंक पहुँचे तो साहब ने खाता क्लोज होने की बात कहकर कोई जानकारी नही मिलेगी का कह दिया। बैंक स्टेटमेंट से पता चला कि उसके पिता के उसी लोन अकाउंट में मात्र 70 हजार रुपये जमा हुए है। जिसके बाद धोखाधड़ी की शिकायत पुलिस में की है।

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शिकायत वापस लेने बना रहे दबाव Kisan Karj Mafi Yojana

Karj Mafi Yojana Fraud किसान ने ये भी बताया जब उसने बैंक में 17 फरवरी को जाकर नगद डेढ़ लाख रुपये जमा कराए तो उसके खाते में 22 फरवरी को नगद 70 कैसे जमा हुए है जबकि किसान 22 फरवरी को बैंक गया ही नही। जिससे पता चलता है कि बैंक मैनेजर द्वारा 5 दिन तक उसके डेढ़ लाख रुपये का उपयोग किया जाता रहा। वही लोन अकाउंट में डेढ़ लाख रुपये में से 70 हजार ही जमा कर लोन खाता बन्द किया गया वही बचे 80 हजार रुपये बैंक मैनेजर ने रख लिया है।

जब पुलिस में मामले की शिकायत की तो बैंक के दलाल सक्रिय हो गए और एक दलाल द्वारा शिकायत वापस लेने लगातार प्रलोभन का काम शुरू कर दिया है जब हम लोग नही माने तो अब दबाव भी बना रहे है। पुलिस से मामले की सूक्ष्मता से जांच की मांग करते हुये बताया है कि मेरे द्वारा रुपये जमा करने के फुटेज बैंक में देखे जा सकते है। जो साक्ष्य के रूप में बैंक के सीसीटीवी में है।साथ ही सेंट्रल बैंक जोहरिया के सीसीटीवी  में मुझे रुपये निकालते हुए देखा जा सकता है।

करेली पुलिस का रवैया संदेहास्पद Karj Mafi Yojana Fraud

इस मामले की जांच में करेली पुलिस का रवैया संदेह के घेरे में आ रहा है।आखिर किसान ने एस पी कार्यालय में पहली शिकायत 1 मार्च और दूसरी शिकायत 6 मार्च को की थी करेली  जांच के लिए आदेशित भी किया गया है जानकारी के अनुसार अभी तक करेली पुलिस ने नाही किसान और ना ही इस संबंध में बैंक कर्मचारियों से कोई बात की है बरहाल इस पूरे मामले की जांच जल्द होने की उम्मीद लगाई जा रही है और पीड़ित किसान को न्याय मिले सके

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इनका कहना है।

किसान के आरोप झूठे हैए उसने लोन अकाउंट में ऋण माफी योजना के तहत  70 हजार ही जमा किये थे। किसी के बहकावे में आकर ही उसने शिकायत की होगी है।

अरविंद कुमार आर्य

बैंक मैनेजर यूनियन बैंक करेली


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