गेहूं की बंपर पैदावार बढ़ाने के लिए के लिए रासायनिक खाद कब एवं कितना डालना चाहिए जानिये वैज्ञानिकों के अनुसार

कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार (Fertilizer Application in Wheat Crop ) आप किस प्रकार रवि के फसलों में खाद का उपयोग कर सकते हैं

जैसा कि आप सभी जानते हैं कि रवि की फसल और गेहूं की फसल की बुवाई की तैयारी चल रही हैं और अब समय आ गया है जब गेहूं और रवि की फसल की बुवाई हो जानी चाहिए क्योंकि इस समय में यदि गेहूं और रवि की फसल की बुवाई की जाती है तो इसकी पैदावार अच्छी होती है परंतु किसानों को अपनी गेहूं और रवि की फसलों में यदि अच्छा पैदावार चाहिए तो

इसके लिए उनको सही समय पर और अच्छी खाद की आवश्यकता पड़ेगी जिससे वह समय-समय पर अपनी फसलों में खाद डाल सकें क्योंकि हर समय भी फसलों में खाद की आवश्यकता नहीं पड़ती है किस को इतनी समझ होती है कि वह किस समय या फसलों में हाथ डाल ली है यदि किसान भाई सही समय पर अपनी फसलों में हाथ का उपयोग करते हैं तो उनको अपनी फसलों में हानि नहीं झेलनी पड़ती है बल्कि उनकी फसलों में अच्छा पैदावार होता है

गेहूं की फसल में उर्वरक का प्रयोग (Fertilizer Application in Wheat Crop )

वहीं इसके अतिरिक्त यदि किसान अधिक खाद का उपयोग अपनी फसलों में करते हैं तो उसे खेत की मिट्टी को भी हानि पहुंचती है और वहीं कुछ सालों के बाद मिट्टी में इन खाद का साइड इफेक्ट भी हो जाता है ऐसी स्थिति में यहां पर कृषि वैज्ञानिकों ने बताया है कि किसानों को अपनी फसलों में खाद उर्वरक का इस्तेमाल कब और कितने दिनों के बाद करना चाहिए यहां पर आपको इसकी सारी जानकारियां दी जा रही हैं

मृदा व खेत की तैयारी ( Fertilizer in Wheat )

यदि आप अपने खेतों में गेहूं की बुवाई करना चाहते हैं तो इसके लिए आपके खेत की मिट्टी दोमट उर्वरक और अच्छी जलधारा धारण क्षमता युक्त उपयुक्त मिट्टी होनी चाहिए इसलिए गेहूं की खेती अधिकतर पानी पानी वाले क्षेत्रों में की जाती है गेहूं की बुवाई क्षेत्र में भी की जाती है जहां की चिकनी मिट्टी और पर्याप्त जल धारण क्षमता वाली भूमि होती है

और यदि वहां पर पानी भी नहीं होता है तब भी गेहूं की खेती इन क्षेत्रों में कर सकते हैं और खेत को अच्छे तरह से तैयार करने के बाद दीमक और खेत में रहने वाले अन्य दूसरे कीड़ों को रोकने के लिए क्यूनालफॉस 1.5% चरण 25 किलो प्रति हेक्टेयर की दर से फसल के बीज बोने से पहले अंतिम मोबाइल के समय खेत में मिला देना चाहिए

उपयुक्त समय और बीज की मात्रा (Fertilizer in Wheat)

जिन क्षेत्रों में पानी पर्याप्त होता है उन क्षेत्रों में गेहूं की बुवाई का सही समय नवंबर के प्रथम सप्ताह से तीसरे सप्ताह तक होता है यदि आप बुवाई के दौरान बीच की दर 125 किलो प्रति हेक्टर और कतर से कतर की दूरी 20 से 23 सेंटीमीटर तक का होता है और गेहूं की खेती देर से की जाती है

तो उसका अंतिम समय नवंबर अंतिम सप्ताह से दिसंबर के दूसरे सप्ताह तक होता है इस बीच में किसान अपनी गेहूं की फसल को बोल सकते हैं और किसानों को इस समय बीज बोने के लिए 150 किलो ग्राम प्रति हेक्टेयर और कतर से कतर की दूरी 20 से 23 सेंटीमीटर रखनी पड़ती है

और यदि आप गेहूं की फसल को उसे क्षेत्र में बोलना चाहते हैं जहां पर सिंचित और आसंचित दोनों क्षेत्र में बुवाई के लिए बहुत अच्छा समय अक्टूबर से लेकर नवंबर के बीच में आप इस गेहूं की फसल की हो सकते हैं

गेहूं का बीजोपचार कैसे करें (Fertilizer in Wheat)

जब किसान गेहूं को अपने खेतों में वह देते हैं तो उसे समय किसानों को समय-समय पर फसलों में खाद की आवश्यकता पड़ती है और फसलों में होने वाले रोगों की रोकथाम करने के लिए बीजों को दो ग्राम थैराम या 2.5 ग्राम में का जब प्रति किलोग्राम बीज दर से उपचारित कर काम में ले सकते हैं जहां पर अनवरत कंडबा और पत्ती कंडबा का यदि प्रकोप होता है तो वहां पर उनको नियंत्रित करने के लिए कार्बोकिसन 2 ग्राम प्रति किलो बीज दर के बीच का उपयोग करके इन पर नियंत्रण किया जा सकता है

गेहूं की फसल में उर्वरक का प्रयोग (Fertilizer Application in Wheat Crop )

फसलों में दीमक पर नियंत्रण करने के लिए 600 मिली एन क्लोरपायरीफॉस 20 ई सी और 500 मिमी इथियोन  50 ई सी  लीटर पानी में घोलकर 100 किलो बीज पर सामान्य रूप से छिड़कना होगा इससे फसलों को दीमक के प्रकोप से रोका जा सकता है

छाया को सुखाने के बाद फिर बुवाई करें और आखरी में एजोटोबेक्टर जीवाणु कलर और पीएसबी कलर से बीच का उपचार करके आप बीजों को बोलते हैं तो इससे आपको 20 से किलो 30 किलो प्रति हेक्टेयर नटराजन और 20 से 30 किलो प्रति है फास्फोरस की बचत हो जाएगी और बीजों की देखभाल के लिए 2 घंटे के अंदर बुवाई कर सकते हैं

गेहूं की खेती के लिए आवश्यक खाद व उर्वरक  (Fertilizer Application in Wheat Crop )

आप गेहूं खेती करना चाहते हैं और आपको गेहूं की फसल से अच्छा उत्पादन मिले तो इसके लिए आपको सबसे अच्छा खाद 8 से 10 टन सड़ा हुआ गोबर की खाद का उपयोग करना होगा इसका उपयोग करते हैं तो आपको गेहूं की फसल में अच्छा उत्पादन प्राप्त होगा

पहले के समय में अनेक प्रकार की करो का उपयोग नहीं होता था सिर्फ सड़े हुए गोबर का उपयोग किया जाता था और बुआई के 1 महीने पहले हर 3 साल में एक बार जरूर मृदा परीक्षण के आधार पर उर्वरकों का उपयोग जरूर करना चाहिए

(Fertilizer Application in Wheat Crop ) गेहूं की बुवाई के लिए सिंचित क्षेत्र में सामान्य बुवाई के लिए 120 किलोग्राम नत्रजन 40 किलोग्राम फास्फोरस और 30 किलोग्राम पोटाश प्रति हेक्टेयर के लिए जरूरत पड़ता है और जिस फसल की देरी से विवाह होती है उन फसलों के लिए 90 किलो ग्राम नत्रजन और 35 किलोग्राम फास्फोरस प्रति हेक्टेयर डर की आवश्यकता पड़ती है

जहां पर पानी की कमी होती है उन क्षेत्रों में पेटा का शत मैं 30 किलोग्राम नत्रजन और 15 किलो ग्राम फास्फोरस प्रति हेक्टेयर मोबाइल के समय लगता है और जस्ते की कमी के वजह से पौधों की वृद्धि रुक जाती है और पौधों को छाती भी पहुंच सकती है सिर तो हरी रहती है

गेहूं के लिए प्रति एकड़ कितना उर्वरक? (How Much Fertilizer Per Acre For Wheat?)

परंतु पत्तियों के बीच का सिर के पास समानता पीला पड़ने लगता है और नत्रजन देने के बावजूद भी ऐसे क्षेत्रों में फसलों में हरापन नहीं आ पाता है ऐसी स्थिति में किसानों को एक महत्वपूर्ण काम करना होगा की फसलों की बुवाई के पहले प्रति हेक्टेयर 25 किलोग्राम जिंक सल्फेट और 10 किलोग्राम की चिलेटेड जिंक नत्रजन के साथ मिलकर बुवाई करनी चाहिए फिर जब आप गेहूं को देंगे बाद में फसलों में जिंक की कमी नहीं होगी और वहीं पर 5 किलो जिंक सल्फेट और 250 किलोग्राम बुझे हुए चुने में 1000 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर फसलों में छिड़का जाना चाहिए

गेहूं में कौन सा उर्वरक डालें (Fertilizer in Wheat)

यदि आप गेहूं में उर्वरक का उपयोग करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको सबसे पहले मिट्टी का परीक्षण करना चाहिए उसके आधार पर ही आप गेहूं में उर्वरक का उपयोग कर सकते हैं गेहूं बोने के लिए अच्छी उपज के लिए मक्का धान ज्वार बाजरा की खरीफ फसलों के बाद के जमीन पर 150 : 60: 40 और देरी होने पर 80:40:30 क्रमशः नत्रजन फास्फोरस और पोटाश का प्रति हेक्टेयर की दर से उपयोग करना चाहिए

लगातार होने वाली धान गेहूं की फसलों में चक्र वाले क्षेत्रों में वर्षा होने के बाद गेहूं की बुवाई में पैदावार की कमी होने लगी है ऐसी स्थिति में और ऐसे क्षेत्रों में गेहूं की फसल को काटने के बाद और धान के रोपाई के बीच हरी खाद का उपयोग करना चाहिए (Fertilizer Application in Wheat Crop ) और धान की फसल में 10 से 12 टन प्रति हेक्टेयर गोबर की खाद का उपयोग सबसे अच्छा होगा

गेहूं में खाद लगाने का समय व विधि (Fertilizer in Wheat)

 यहां पर बताया जा रहा है कि उर्वरक की क्षमता को और अधिक बढ़ने के लिए उसका उपयोग अनेक प्रकार की भूमियों पर अनेक प्रकार से किया जाना चाहिए दोमट या मटियार कवर और मार भूमि में नत्रजन का आदि फास्फोरस वपॉट्स की पूरी मात्रा बुवाई के समय पर करो के बीच में दो से तीन सेंटीमीटर नीचे करना होगा नत्रजन की शेष पहली सिंचाई में 24 घंटे और वोट आने पर देनी होगी

दोमट राकड़ और बलाई जमीन में नत्रजन 1/3 मात्र फास्फेट और पोटाश की पूरी मात्रा की बुवाई के समय कंडा के बीच के नीचे देना होगा नत्रजन की आधी मात्रा पहली सिंचाई के (20 – 25) के बाद और बची हुई खाद का उपयोग दूसरी सिंचाई के बाद करना होगा

गेहूं की फसल में उर्वरक (Fertilizer in Wheat)

वैज्ञानिकों के मुताबिक खरीफ फसल की अपेक्षा रवि की फसल में उर्वरक की आवश्यकता अधिक पड़ती है यदि खाद का उपयोग सही समय पर किया जाए तो 3 से 4 महीने की फसलों में बहुत अच्छा उत्पादन होता है और 5 गुना अधिक नाइट्रोजन की खपत भी होती है

वही किसान जब लहसुन की फसल लगते हैं तो लहसुन की फसल में पोषण तत्वों की पूर्ति करने के लिए उर्वरक समूह और उनकी मात्रा किलोग्राम प्रति बीघा के मुताबिक उर्वरक का उपयोग करते हैं जिससे फसलों में इस उर्वरक का अच्छा फायदा हो सके और उत्पादन में वृद्धि हो सके

उर्वरक समूह एक (How Much Fertilizer Per Acre For Wheat?)

 पहले डोज  बुआई के तुरंत या फिर बुआई  के समय

  • यूरिया 22 किलो
  • सिंगल सुपर फास्फेट (राकोडिया 60 किलो)
  • म्यूरेट ऑफ़ पोटाश 9 किलो
  • सल्फर 6 किलो
  • जिंक सल्फेट 5 किलो

(2) दूसरा डोज ( Fertilizer in Wheat )

Fertilizer in Wheat बूआई के 35 से 40 दिन के बाद 22 किलोग्राम यूरिया और 9 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश सिंचाई के तुरंत बाद डालना चाहिए

(3) तीसरा व अंतिम डोज

तीसरा डोज फसलों में तब देना चाहिए जब मोबाइल के 65 से 70 दिन हो जाए उसके बाद ही 9 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश सिंचाई के तुरंत बाद में डालना चाहिए

उर्वरक समूह दो (How Much Fertilizer Per Acre For Wheat?)

(१) पहले डोज बुबाई Fertilizer in Wheat इस उर्वरक का डोज गेहूं की फसल में बुवाई के तुरंत पहले या बुवाई के समय देना होगा

  • डीएपी 22 किलो
  • यूरिया 13 किलो
  • म्यूरेट ऑफ़ पोटाश 9 किलो
  • सल्फर 6 किलो
  • जिंक सल्फेट 5 किलो

दूसरा डोज  दूसरा डोस का उपयोग फसलों की बुवाई के 35 से 40 दिनों के बाद 22 किलोग्राम यूरिया और 9 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश सिंचाई के बाद में करना चाहिए

तीसरा व अंतिम डोज (How Much Fertilizer Per Acre For Wheat?)

इस डोसे का उपयोग फसलों में बुवाई के 65 से 70 दिनों के बाद में 9 किलो म्यूरेट  ऑफ पोटाश का उपयोग सिंचाई के तुरंत बाद में करना चाहिए

उर्वरक समूह तीसरा (How Much Fertilizer Per Acre For Wheat?)

(१) पहला डोज बुवाई के तुरंत पहले या मोबाइल के समय

  • 12:32:16 मिश्रित उर्वरक की 31 किलो
  • यूरिया 13 किलो
  • म्यूरेट ऑफ़ पोटाश नहीं देना है
  • सल्फर 6 किलो
  • जिंक सल्फेट 5 किलो

(२) दूसरा डोज = और दूसरे डोसे का उपयोग फसल की बुवाई के 35 से 40 दिनों के बाद में 22 किलो ग्राम यूरिया और 9 किलो ग्राम म्यूरेट आप पोटाश सिंचाई के तुरंत बाद में कर देना चाहिए

(३) तीसरा व अंतिम डोज = तीसरा और अंतिम डोज फसल की बुवाई के 65 से 70 दिनों के बाद में 9 किलो म्यूरेट आप पोटाश सिंचाई के तुरंत बाद में करना चाहिए

भूमि की उर्वरक शक्ति बनाए रखने के लिए उपयोगी सुझाव (Fertilizer in Wheat)

  • हर साल दो और तीन साल के बाद में एक बार अपने खेतों में सड़े हुए गोबर की खाद का कंपोस्ट और बर्मी कंपोस्ट आदि का प्रयोग करना अच्छा रहता है
  • मुर्गी की खाद 2.5 तन हेक्टेयर और हरी खाद जिसमें  ठेचा और सुनई हो 30 से 35 दिन की फसल को बुवाई के समय खेत में मिला देना चाहिए
  • आप उर्वरक का उपयोग अपने खेतों में करते हैं तब खेतों में नमी होना बहुत जरूरी है
  • आप खरपतवार से मुफ्त खेत में यूरिया का छिड़काव करते हैं तो इससे गेहूं की फसल को अधिक लाभ प्राप्त होता है

गेहूं में पानी कब-कब होना चाहिए (Fertilizer in Wheat)

ज्यादा पानी वाले स्थान में सामान्य गेहूं की प्रजातियां को अधिक उपज प्राप्त करने के लिए हल्की भूमि में सिंचाई को निम्नलिखित अवस्था में करनी चाहिए

  • पहली सिंचाई  पहली सिंचाई फसल की बुवाई के 20 से 25 दिन के बाद( ताजमूल अवस्था)
  • दूसरी सिंचाई  फसल की बुवाई के 40 से 45 दिनों के बाद कली निकलने के बाद
  • तीसरी सिंचाई  फसल की बुवाई के 60 से 65 दोनों के बाद
  • चौथी सिंचाई फसल की बुवाई के 80 से 85 दिनों के बाद (पुष्प अवस्था के बाद)
  • पांचवी सिंचाई  बुवाई फसल के 100 से 105 दिन के बाद ( दुग्ध वस्था)
  • छठी सिंचाई फसल की बुवाई की 115 से 120 दिनों के बा

Fertilizer in Wheat दोमट और भारी दोमट जमीन में चार सिंचाई करके भी अच्छी फसल की उपज को प्राप्त किया जा सकता है परंतु कुछ सिंचाई गहरी 8 सेंटीमीटर तक करनी पड़ती है

सीमित पानी की उपलब्धता में (Fertilizer in Wheat)

अगर आपके पास आपकी फसलों में तीन बार सिंचाई करने की व्यवस्था है तो ( Fertilizer in Wheat )आपको यह तीन सिंचाई फसलों में आपको तब करना होगा जब आपकी फसलों में ताजमूक बाली निकलने के पहले और दुग्ध अवस्था के समय करनी होगी और यदि इसके अतिरिक्त आपके पास सिर्फ दो बार सिंचाई करने की व्यवस्था है

तो आपको अपनी गेहूं की फसल में पहले तो ताजमूक और पुष्प अवस्था पर गेहूं की फसल में सिंचाई करनी होगी यदि आपके पास दो सिंचाई की व्यवस्था भी ना हो तो आप गेहूं की फसल में एक सिंचाई कर सकते हैं और वह भी आप तब कर सकते हैं जब आपकी फसल की स्थिति ताजमूक की अवस्था हो तब आपको सिंचाई करनी होगी

गेहूं की अधिक पैदावार प्राप्त करने के लिए अन्य आवश्यक बातें (Fertilizer in Wheat)

  • क्षेत्र विशेष के लिए अनुशंसित की गई नई प्रजातियों का चुनाव करना होगा
  • प्रमाणित बीज की बोनी करे
  • बीच को संस्तुत कटक नई द्वारा शोधित  करने के लिए उपरांत बनी करें
  • खेत की तैयारी अच्छे तरीके से करनी चाहिए
  • समय पर यदि बनी करते हैं तो फसलों की पैदावार अच्छी होती है
  • करने से पहले मिट्टी की जांच जरुर करना होगा उसके बाद ही उसे मिट्टी पर उर्वरक की मात्रा को निर्धारित करना होगा
  • सभी सूक्ष्म तत्वों की जांच करने के बाद आवश्यक का के अनुसार उनका भी उपयोग करना जरूरी है

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