बंपर उत्पादन देने वाली चने की टॉप उन्नत किस्म जानिये

चने की उन बेस्ट किस्म Chana ki Best Variety के बारे में जो आगे थी बुवाई के बाद देगी बम्फर उत्पादन

 इस साल खरीफ की बुवाई का सीजन चल रहा है किसान रवि के मौसम में बोने वाली फसलों की तैयारी में लग गए हैं यह बताया जा रहा है कि इस साल सितंबर महीने में जो बारिश हुई है उसे बारिश की वजह से किसानों को रवि की फसल बोने के लिए अच्छा मौका मिल गया है और इसके कारण गेहूं का रखवा भी बढ़ेगा परंतु ऐसे बहुत से इलाके हैं जहां पर सिंचाई के साधन उपलब्ध नहीं है तो ऐसे इलाकों में चने की खेती की जाएगी

जो किसान चने की खेती करते हैं वह किसान अगेती की बुवाई करना अधिक पसंद करते हैं इसका एक कारण यह है कि ठंड के मौसम में चने की यह फसल को ज्यादा नुकसान नहीं हो पता है 2 से चार बार सिंचाई करने से ही चने की फसल को अच्छा पैदावार करने योग्य बनाया जा सकता है

यहां पर अब आपको चने की उन बेहतर किस्म (Chana ki Best Variety) के बारे में बताया जा रहा है जो की कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा बनाई गई हैं और यह है चने की नई किस्म है और यह चने की फसल अच्छा उत्पादन भी देती है

Chana ki Best Variety in Hindi

चना पहले विक्रांत

चने की इस किस्म (Chana ki Best Variety) की यदि बात की जाए तो चैन की यह किस्म बहुत ही उन्नत और नवीन किस्म की महात्मा फूले कृषि विश्वविद्यालय शहरी के द्वारा अभी हाल ही में जारी की गई किस में है फुले विश्वविद्यालय से पहले चने की और अधिक लोकप्रिय किसने की विजय विशाल एवं विधि जय पहले ही प्रकाशित कर दी जा चुकी थी परंतु यह किम बहुत पुरानी हो चुकी है

नहीं इसमें की इन की फसलों को यदि किसान अपने खेत में लगाते हैं तो इससे किसानों को चैन से अच्छा पैदावार हो सकता है यह नई परिस्थितियों और वातावरण के हिसाब से एक नई किस्म है जो की बीमारियों और कीटों के प्रतिरोधकता के साथ इस चने की नई किस्म को तैयार किया गया है

किसानों को इस नई चने की फसल की बुवाई करने से उनको अच्छा उत्पादन प्राप्त हो सके और उसके अतिरिक्त अच्छा मुनाफा भी किसानों को प्राप्त हो सके इसलिए चने की इस कि एम को विकसित करने की आवश्यकता पड़ी

इन्हीं सभी बातों का ध्यान रखते हुए मध्य और शहरी जमीनों के लिए 20 अक्टूबर से रवि की बुवाई करने के लिए बीज दर 30 किलोग्राम एकड़ रखना और इस चने की किस्म में जब आप बुवाई करेंगे तब इसमें सिर्फ एक या दो बार पानी देने से ही इसमें अच्छा उत्पादन की पैदावार होगी

चना पहले विक्रांत असिंचित क्षेत्र के लिए (Chana ki Best Variety in Hindi)

यह चने की (Chana ki Best Variety) एक ऐसी किस्म है इलाकों में पानी की कमी है तब भी यदि चने की इस किस्म को किस बोलते हैं तो इससे किसानों को चने की फसल से अच्छा उत्पादन प्राप्त होगा और नहीं किस्म के चने की किस्म का दाना आकर्षण रंग पीला ब्राउन जाकर मध्य और बट के लिए प्रतिरोधकता वाली किस्म आदि हैं और यदि किन किस्म को पानी वाले इलाकों में यदि बोया जाता है

तो इससे किसानों को और अधिक उत्पादन क्षमता 42 क्विंटल हेक्टेयर और व्यावहारिक परिस्थितियों में किसानों को इस चने की फसल से और अधिक उत्पादन प्राप्त हो सकता है कोई किसान चने की खेती से लाभ प्राप्त करना चाहता है तो इस काम के लिए चने की इस किस्म का उत्पादन जब अच्छा पैदावार होगा तब किसानों को इससे अच्छा उत्पादन प्राप्त हो सकता है और चने की यह फसल 105 से 110 दिनों में पककर तैयार हो जाती है

चना पहले विक्रांत की विशेषताएं (Chana ki Best Variety in Hindi)

चने की यह वेराइटी (Chana ki Best Variety) बहुत ही अच्छी वैरायटी है चने की यह किस मत सुख और कीटों के प्रति प्रतिरोधक जाती है यह चने की किस्स 110 से 115 दिन में पकड़ तैयार हो जाती है और इस किस्म की फसल को जब होते हैं तो 40 से 45 दिनों में इन चने की फसलों में फूल आने लगते हैं

इन 100 दोनों के भजन 28 ग्राम होता है और बीज दर 50 किलो प्रति एकड़ होने का आदर्श समय 20 अक्टूबर से 10 नवंबर तक बताया जा रहा है किसान इस बीच में अपनी चने की फसल को अपने खेत में बोल सकते हैं क्योंकि इस समय में बोने वाली फसलों को  115 दिन में पककर तैयार हो जाएगी

चना विशाल (Chana ki Best Variety in Hindi)

चने की इस किस में के (Chana ki Best Variety) दाने आकर्षण बड़े टपोरेदने नाम के तौर पर विशाल आकार और विशाल गुना के चने की सबसे अच्छी किस्म है और इस चने की फसल को चने का राजा कहा जाता है और यह चने की किम सर्वगुण संपन्न जाती आकर्षण पौधा इसकी ऊंचाई मध्य रहती है

हरे रंग की चौड़ी पत्तियों पाई जाती हैं शास्त्रीय वृद्धि अधिकतम उत्पादन क्षमता 35 क्विंटल हेक्टर होता है और यह की फसल जब पक्का तैयार हो जाती है तो इसका दाना पीले रंग उच्च गुणवता वाला होता है जिसके कारण दूसरे चरणों की किस्म से 300 400 प्रति क्विंटल से ज्यादा बाजार के भाव और मंडी में सबसे ज्यादा बिकने वाला एकमात्र चना की यह प्रजाति है

सिंचित खेती करने के लिए सबसे ज्यादा दाल की मात्रा इन चना की किस्म से उत्पादन होती है सबसे ज्यादा दाल की मात्रा 80% होती है और दाल मिलों में इन दलों की मांग सबसे ज्यादा होती है क्योंकि इन चरणों में प्रोटीन व निथी ओनाईन का उत्पादन बहुत अच्छा होता है

चना फूले जी 08108 ( Chana ki Best Variety in Hindi)

आवश्यकता आविष्कार की जननी है और इस वाक्य का तात्पर्य यह है की चने की अंतरराष्ट्रीय स्तर की सबसे अच्छी चने की किस्म फूले विक्रम है जो कि महात्मा फुले कृषी विद्यापीठ राहुरी से जुलाई 2027 में मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के लिए जारी की गई थी और यह गजट में भी नोटि फाइट हो चुकी है

इस किसने की (Chana ki Best Variety)अच्छी उत्पादन के लिए इस चने की फसलों को आप हार्वेस्टर से भी कटवा सकते हैं यदि आप इस चने की फसल को हाथ से काटते हैं तो इसके लिए आपको मजदूर की जरूरत पड़ेगी और मजदूरों को ढूंढने के लिए परेशानी का सामना करना पड़ता है और किसानों को इन सारी समस्याओं से निजात दिलाने के लिए चने की इन किस्म की फसल को हार्वेस्टर से काटा जाता है और हार्वेस्टर से काटने पर लागत भी कम लगती है

पहले विक्रम की विशेषताएं (Chana ki Best Variety in Hindi)

चने की इस किस्म (Chana ki Best Variety in Hindi) के फसलों के पौधे सीधे ऊंचाई के होते हैं और यह लगभग 30 इंच और जमीन से 30 सेंटीमीटर ऊपर से फल लगते हैं जिस की हार्वेस्टर से काटने में बहुत ही आसानी होती है और जब हार्वेस्टर से चने की कटाई की जाती है तो उसे चने की फली को कोई भी नुकसान नहीं हो पता है

चने की यह नई किस्म विक्रम फूले पूर्व में प्रचलित है किस्मत से 10 से 22% ज्यादा उत्पादन देने वाली और फ्यूजेरियम बिल्ट के लिए उच्च प्रतिरोधक रखने वाली इसमें की फसल 105 दिन से 110 दिन में पककर तैयार हो जाएगी

यदि इस किसने की फसल को खेत में लगाते हैं तो 30 किलो चने से एक एकड़ जमीन में 75 किलो हेक्टर प्राप्त होता है और लाइन की दूरी 16 इंच पौधों से पौधों की दूरी 4 इंच होती है और इसके परिणाम के लिए सावधानों का वजन लगभग 21 ग्राम और जब खेत में इस चने की बुवाई हो जाती है तो 45 दिनों में इन कॉन के पौधों में फूल आने लगते हैं और इन फूलों का कलर गुलाबी होता है

जब इन फूलों से चैन होते हैं तो इन चरणों का दान बहुत ही आकर्षक गोल्ड और यह खाने में बहुत ही स्वादिष्ट लगते हैं और इन चना के भाव भी किसानों को अच्छे मिलते हैं जिससे मंडी बाजार में इन चीन ऑन की मांग अधिक होती है चरणों की अपेक्षा इस चने की किस्म बिल्कुल अलग है और यह नई किस्म के चने हैं जिसकी उत्पादकता भी बहुत अधिक होती है

बाजार में किस-किस में की फसल नई दिशा और नई तकनीक का आगाज बनाएगी और यह है चने की किस्म एडवांस जनरेशन की किस्मत होने के कारण इस चने की किस्म को भारत के खेतों में अधिक बोया जाता है और एक किस्म की फसल को खेती की भविष्य के रूप में भी देखा जाता है

चना फूले ( Chana ki Best Variety in Hindi )

विश्वराज बने चने की बेस्ट वैरायटी (Chana ki Best Variety) है और चने की यह नई किस्म महात्मा फुले विश्वविद्यालय राहुरी से विकसित की गई सबसे नई किस्म की फसल है इस किस्म कंचन का दाना पिला ब्राउन आकर्षक मध्यम आकार होता है और सोने की दोनों का वजन 23 ग्राम होता है और इस चने की किस्म को पानी वाले स्थान और बिना पानी वाले स्थान दोनों ही स्थितियों में इस चैन को लगाया जा सकता है

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दोनों ही स्थान पर लगाने में इस किसने की फसल से च (Chana ki Best Variety) ने की अच्छी पैदावार हो जाएगी और इन मैं किस्म के चने मे उपयुक्त कीट एवं बीमारियों जैसे क्यूजेरियम बिल्ट के लिए प्रतिरोधकता का गुण रखने वाली यह किस्म है 30 किलो चने के बीच से यदि बुवाई की जाए तो एक एकड़ में अच्छा उत्पादन किसानों को प्राप्त होता है

ध्यान देने योग्य बात सभी किसान 20 अक्टूबर से 10 नवंबर तक अपने खेत में चना की बनी कर सकते हैं यदि इस समय किस अपने खेत में चने की बुवाई करेंगे तो यह सबसे उत्तम होगा यह नए चने की किस्म की क्वालिटी इतनी अच्छी है कि यह 90 से 105 दिनों में पकड़ तैयार हो जाती है और चने की यह नई किस्म अपनी उत्पादक क्षमता और गुना की वजह से अपने नाम के अनुरूप वृक्ष पर राज करती है

चना आर बी जी 204 (RVSSG  8102)

चने की एक अत्यंत उत्तम की चैन की किस्म (Chana ki Best Variety)है के पौधे की ऊंचाई बहुत अच्छी होती है जिसके कारण इस चने की किस्म को हार्वेस्टर से काटना सबसे उत्तम होता है चने की इस नई किस्म को राजमाता सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के सीहोर केंद्र में साल 2021 में विकसित किया गया था

इस आने की किस्म को मध्य क्षेत्र मध्य प्रदेश राजस्थान गुजरात महाराष्ट्र बुंदेलखंड में बुवाई करने के लिए तैयार की थी और इस किस्म को ICCV 10 व ICCL 87322 और इन चरणों की किस्म से इस नई किस्म को बनकर तैयार किया गया है

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इस चने की किस्म (Chana ki Best Variety) का दाना आकर्षक और मध्यम आकार का होता है और इस चने की किस्म सो दानी का वजन 24 ग्राम होता है और इस किस्म की फसल को पानी वाले स्थान पर लगाया जाता है और यह दोनों में पककर तैयार हो जाती है इस नई किस्म को एडवांस जनरेशन की किस्म के रूप में एक बड़ा नाम किसानों के बीच में दिया जा रहा है

क्योंकि रोग प्रतिरोधकता उच्च उत्पादक हार्वेस्टर से काटना सबसे अच्छा होता है क्योंकि यदि इस फसल को हाथों से काटा जाएगा तो उसके लिए मजदूरों की आवश्यकता पड़ेगी जिससे किसानों की ज्यादा लागत लग जाएगी और उसे किसने की बचत भी नहीं होगी

जिससे किसानों को फिर बाजार में अच्छा उत्पादन नहीं मिल पाएगा इसलिए इन किस्म की फसलों को हार्वेस्टर से काटना सबसे उत्तम होता है इससे कम लागत भी किसानों की लगती है और इस नई किस्म को एक बड़े कृषि क्षेत्र में अच्छादित कर देंगे

चने की टॉप उन्नत किस्म (Chana ki Best Variety)

  • देशी चने की किस्म = सीसीएस जे 515 (C5 – 515)
  • जी एन जी 1958 (GNG 1958) जी एन जी 1581 (GNG 1581) पूसा 5023 पूसा 547 पूसा 1103 जी जी एस जी 2171 (GNG 2171) आदि

काबुली चने की उन्नत किस्म (Chana ki Best Variety)

 बल्लभ काबुली चना 1 पूसा 3022 पूसा 2024 हरियाणा काबुल चना 1 पूसा 1108 आदि

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