अयोध्या राम मंदिर के लिए 9 दिन तक जेल में रहें एकमात्र शंकराचार्य जानिये

Ayodhya Ram Mandir: लगभग 9 दिन तक जेल में रखा गया 9 दिन बाद उन्हें पूरे सम्मान के साथ जेल से मुक्त कर दिया गया

इतिहास गवाह है कि शंकराचार्य जी ने अयोध्या के राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) के लिए कितनी बड़ी जोखिम का सामना किया था शंकराचार्य जी महाराज ज्योतिष एवं द्वारका पीठ के जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती (Jagatguru Shankaracharya Swami Swaroopanand Saraswati) इतिहास के ऐसे पहले जगतगुरु शंकराचार्य जी महाराज है जो राम मंदिर के लिए जेल गए हैं

प्रत्येक मुश्किलों का सामना करते हुए भगवान श्री राम का निवास स्थल बनवाने के लिए उन्हें जेल की सलाखों के पीछे रहना पड़ा और इनका नाम कौन नहीं जानता पुरी दुनिया के जगत पिता है ये  भगवान श्री राम की मातृभूमि का निवास स्थल बनवाने हेतु अपनी जान की बाजी लगाने वाले दुनिया के जगत पिता शंकराचार्य जी महाराज जाने जा रहे है

अयोध्या राम मंदिर ( Ayodhya Ram Mandir )

यह घटना 30 अप्रैल 1990 की है,जहां पर यह घटनाक्रम देखा गया राम मंदिर को बनवाने के लिए इन्होंने प्राण प्रतिज्ञा लेते हुए पुरी निष्ठा से इस मंदिर को खड़ा करवाने के लिए अपनी जिंदगी की बाजी लगा दी जिसके कारण आज इनके पुरी दुनिया में गुणगान किये जा रहे हैं

जबकि उसे समय कांग्रेस सरकार के ग्रहमंत्री बूटा सिंह ने संघ ओर विहिप के साथ मिलकर शंकराचार्य के विरोध में अयोध्या में गर्भ ग्रह से 192 फीट दूर शिलान्यास किया था,जिसका विरोध स्वामी स्वरूपानंद जी महाराज ने किया था शंकराचार्य जी ने उसे समय विश्व हिंदू परिषद के सम्मिलित किये गए संयंत्र का  पर्दाफाश किया था सारे विरोधियों को पीछे छोड़ते हुए राम मंदिर के लिए पुरी निष्ठा से संघर्ष किया पर धर्म विरोध कार्य का समर्थन नहीं किया

रात के वक्त हुई थी गिरफ्तारी

30 अप्रैल 1990 की बात है यहां पर शंकराचार्य द्वारका से दिल्ली से होते हुए राम जन्मभूमि का शिलान्यास करने के लिए एवं इस कार्य को चुनौती के साथ पूर्ण करने के लिए आजमगढ़ निकल पड़े थे आजमगढ़ पहुंचते  ही ठीक रात को ही चुनाव का गर्म माहौल होने के कारण मुलायम सिंह की सरकार ने उनको गिरफ्तार करवा लिया जनता का अधिक दबाव होने के कारण उन्हें लगभग 9 दिन तक जेल में रखा गया 9 दिन बाद उन्हें पूरे सम्मान के साथ जेल से मुक्त कर दिया गया

गर्भ ग्रह में शिलान्यास करने की थी संतों की जिद (Ram Mandir Ayodhya )

संतो द्वारा यह तय किया गया था कि जगद्गुरु शंकराचार्य (Jagatguru Shankaracharya Swami Swaroopanand Saraswati) के नेतृत्व में उत्तरायण के शुभ मुहूर्त में 7 मई  1990 को अयोध्या में राम मंदिर का शिलान्यास करेंगे तो करेंगे ही यह संतों की पुरी जिद थी और तब तक केंद्र सरकार बन चुकी थी केंद्र में बीपी सिंह कीऔर राज्य में मुलायम सिंह की सरकार बन ही चुकी थी

अपने और देश के प्राण प्रतिष्ठा के लिए शंकराचार्य जी महाराज ने एक इतिहास को पलट कर हि रख दिया और उन्हें यथा पूर्व जेल से 9 दिन बाद पूरे  सम्मान के साथ छुड़ाया गया और शंकराचार्य जी ने अपने सपनों को सरकार करते हुए अयोध्या की नीव रची

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