Earth Day 2025 : धरती का सम्मान, हमारी ज़िम्मेदारी: विश्व पृथ्वी दिवस पर नरसिंहपुर में बच्चों ने दिखाया पर्यावरण संरक्षण का जज़्बा, कलेक्टर की प्रेरणादायक मौजूदगी ने बढ़ाया उत्साह”
Earth Day 2025 : नरसिंहपुर में विश्व वसुंधरा दिवस पर बच्चों ने पेंटिंग, भाषण और नाटक से दिया पर्यावरण का संदेश, कलेक्टर शीतला पटले ने की सराहना और बच्चों को किया सम्मानित।

- बच्चों ने भाषण, चित्रकला व नाटक के माध्यम से दिया जलवायु चेतना का संदेश
- कलेक्टर ने लगाए जल पात्र, बच्चों को किया पुरस्कृत
- धरती हमारी मां है” की भावना से कार्यक्रम में भरा नया जोश
Earth Day 2025 नरसिंहपुर का उत्कृष्ट विद्यालय सिर्फ एक स्कूल नहीं बल्कि पर्यावरण प्रेम का सजीव उदाहरण बन गया। विश्व पृथ्वी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में ना सिर्फ बच्चों ने पर्यावरण संरक्षण की अहमियत को दिखाया, बल्कि खुद कलेक्टर श्रीमती शीतला पटले भी बच्चों के जोश में पूरी तरह शामिल रहीं।
जहां आमतौर पर ऐसे आयोजनों में सिर्फ औपचारिकताएं होती हैं, वहीं यहां बच्चों ने दिल से प्रयास किए। भाषण, नाटक, पेंटिंग – हर माध्यम से उन्होंने ये बताने की कोशिश की कि अगर आज हम नहीं चेते, तो आने वाली पीढ़ियां पानी, हवा और हरियाली को तरस जाएंगी।
बच्चों की कला में दिखा धरती के लिए प्यार
कार्यक्रम में जब बच्चों की पेंटिंग्स की प्रदर्शनी लगी, तो हर एक चित्र कुछ कहता नजर आया। किसी ने सूखती नदियों को दिखाया, तो किसी ने ग्लोबल वॉर्मिंग के असर। कलेक्टर श्रीमती पटले ने खुद बच्चों की बनाई पेंटिंग्स देखीं और सराहना करते हुए कहा कि *”बच्चों ने जो कुछ कागज़ पर उतारा है, वो असल में हम सबके मन की आवाज़ है।”
पक्षियों के लिए सकोरे – छोटा प्रयास, बड़ी सोच
आज के समय में जब लोग अपने लिए भी पानी नहीं बचा पा रहे, ऐसे में बच्चों के साथ मिलकर कलेक्टर ने पक्षियों के लिए *सकोरे* (जल पात्र) लगाए। ये एक छोटा-सा लेकिन बेहद प्रभावशाली संदेश था – “पर्यावरण सिर्फ इंसानों का नहीं, हर जीव का हक है।”
भाषण और नाटक – जब बच्चों ने संभाली चेतना की बागडोर
कार्यक्रम में भाषण प्रतियोगिता ने माहौल में संजीदगी घोल दी। चांवरपाठा विद्यापीठ की छात्रा तृषा कोष्टी, उत्कृष्ट विद्यालय की आराध्या मालवीय और चांवरा विद्यापीठ की प्रमांशी कौरव ने अपने विचारों से सबका दिल जीत लिया।
नाटक के मंच पर केन्द्रीय विद्यालय के बच्चों ने जल संरक्षण पर एक शानदार प्रस्तुति दी, जिसमें यह दिखाया गया कि कैसे इंसान खुद अपने भविष्य को खतरे में डाल रहा है। “पानी बचाओ, जीवन बचाओ” जैसे संवादों ने दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर दिया।
कला प्रतियोगिता में छाया टैलेंट
चित्रकला प्रतियोगिता में 57 विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। समृद्धि नेमा (PM श्री केंद्रीय विद्यालय) प्रथम, दीक्षा बरकड़े द्वितीय और सृष्टि चौरसिया (उत्कृष्ट विद्यालय) तृतीय रहीं। बच्चों की सोच, कल्पनाशक्ति और पर्यावरण के प्रति गंभीरता उनके चित्रों से साफ झलक रही थी।
कलेक्टर का संदेश – धरती को घर समझें
कलेक्टर श्रीमती शीतला पटले ने कार्यक्रम के दौरान बहुत ही सरल लेकिन प्रभावशाली बातें कहीं। उन्होंने कहा कि:
“हम अपने घर की सफाई खुद करते हैं, तो इस धरती की जिम्मेदारी क्यों नहीं लेते? ये भी हमारा ही घर है। अगर आज हमने जल बचाया, पौधे लगाए और कचरे का सही प्रबंधन किया, तभी आने वाली पीढ़ी सुरक्षित रह सकेगी।उन्होंने जल गंगा संवर्धन अभियान की भी जानकारी दी जो 30 जून तक चलेगा और लोगों को जल स्रोतों की सफाई, संरक्षण और जिम्मेदार उपयोग के लिए प्रेरित करेगा।