नरसिंहपुर, त्रि- स्तरीय पंचायतों के आम निर्वाचन 2022 के मद्देनजर निर्बाध, स्वतंत्र, निष्पक्ष, शांतिपूर्ण निर्वाचन प्रक्रिया संपन्न कराने और आशंकित खतरों को समाप्त कर लोक परिशांति बनाए रखने के दृष्टिकोण से भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत जिला दंडाधिकारी श्री रोहित सिंह ने प्रतिबंधात्मक निषेधाज्ञा जारी की है। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा तथा निर्वाचन सम्पन्न होने तक प्रभावशील रहेगा।
इस सिलसिले में जारी प्रतिबंधात्मक निषेधाज्ञा के तहत नियत अवधि के दौरान जिले के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक स्थलों पर न तो अस्त्र- शस्त्र धारण ही करेगा, न लाएगा और न ही प्रदर्शन करेगा। कोई भी व्यक्ति अस्त्र- शस्त्र, बंदूक, रायफल, पिस्टल, भाला, वल्लम, बरछी, लाठी या अन्य प्रकार के घातक हथियार, विस्फोटक सामग्री लेकर सार्वजनिक स्थान, रास्ता, सार्वजनिक सभाओं व अन्य स्थानों पर नहीं चलेगा। कोई भी राजनैतिक दल या अभ्यर्थी सशस्त्र जुलूस नहीं निकालेगा और ना ही आपत्तिजनक नारे ही लगाएगा और ना ही आपत्तिजनक पोस्टर वितरित करेगा।
यह आदेश उन शासकीय अधिकारियों/ कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा, जिन्हें अपने शासकीय कार्य के संपादन के लिए लाठी या शस्त्र रखना आवश्यक है। यह आदेश उन शासकीय कर्मचारियों पर भी लागू नहीं होगा जिन्हें चुनाव/ मतदान के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस अधिकारी नियुक्त किया गया है। यह आदेश उन व्यक्तियों पर भी लागू नहीं होगा जिन्हें शारीरिक दुर्बलता/ वृद्धावस्था तथा लंगड़ापन होने के कारण लाठी रखना आवश्यक है।
जारी आदेशों के अनुसार जिले में कलेक्टर कार्यालय, संबंधित क्षेत्र में मतदान केंद्र, मतगणना स्थल, तहसील, ब्लॉक एवं अनुविभागीय अधिकारियों के कार्यालयों के परिसर के बाहर न तो भीड़ एकत्र होगी और ना ही धरना दिया जाएगा और न ही नारेबाजी की जाएगी।
संबंधित क्षेत्र में किसी भी राजनीतिक दल अथवा व्यक्ति द्वारा आम सभा, जूलूस एवं धरना आयोजित करने के पहले उसकी लिखित सूचना कानून व्यवस्था से जुड़े सक्षम अधिकारी को देना अनिवार्य होगी और विधिवत लिखित अनुमति प्राप्त करने के बाद ही संबंधित राजनीतिक दल/ व्यक्ति आमसभा, जुलूस एवं धरना का आयोजन कर सकेंगे। किसी व्यक्ति द्वारा कोई भी ऐसा कार्य नहीं किया जायेगा, जो विभिन्न जातियों और धार्मिक या भाषायी समुदायों के बीच विद्यमान मतभेदों को बढ़ाये या घृणा की भावना उत्पन्न करे या तनाव पैदा करे।
जब अन्य राजनैतिक दलों की आलोचना की जाये, तब वह उनकी नीतियों और कार्यक्रम, पुराने आचरण और कार्य तक ही सीमित रहेगी। व्यक्तिगत जीवन के ऐसे सभी पहलुओं की आलोचना नहीं की जायेगी, जिनका संबंध अन्य दलों के नेताओं या कार्यकर्ताओं के सार्वजनिक क्रियाकलाप से नहीं हो। सार्वजनिक रूप से किन्ही भी ऐसे आरोपों की आलोचना नहीं की जायेगी, जिनकी सत्यता प्रमाणित नहीं हुई हो।
कोई भी व्यक्ति मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए जातीय या साम्प्रदायिक भावनाओं की दुहाई नहीं देगा। मस्जिदों, गिरजाघरों, मंदिरों या पूजा के अन्य स्थानों का चुनाव प्रचार के लिए मंच के रूप में उपयोग नहीं किया जा सकेगा।
कोई व्यक्ति निर्वाचन विधि के अधीन भ्रष्ट आचरण और अपराध नहीं करेगा। जैसे मतदाताओं को रिश्वत देना, अभित्रस्त करना, मतदाताओं का प्रतिरूपण, मतदान केन्द्र के 100 मीटर के भीतर चुनाव प्रचार, मतदान समाप्ति के लिए नियत समय खत्म होने वाली 48 घंटे की अवधि के दौरान सार्वजनिक सभायें करने, मतदाताओं को सवारी से मतदान केन्द्रों तक ले जाना और वहां से वापस लाना तथा जिले के बाहर निवासरत मतदाताओं को मतदान हेतु जिले में लाना/ ले जाना।
प्रत्येक व्यक्ति के शांतिपूर्ण और विघ्नरहित घरेलू जिंदगी के अधिकार का आदर किया जायेगा। व्यक्तियों के विचारों व कार्यों का विरोध करने के लिए किसी भी व्यक्ति के घर के सामने धरना या प्रदर्शन नहीं किया जायेगा।
राजनैतिक दलों द्वारा आयोजित सभाओं, जुलूसों आदि में बाधायें उत्पन्न नहीं की जायेंगी, न ही उन्हें भंग किया जायेगा। सभाओं में मौखिक रूप से या लिखित रूप से प्रश्न पूछकर या अन्य दल के परचे वितरित करके गड़बड़ी पैदा नहीं की जायेगी। जुलूस उस स्थान से होकर नहीं ले जाये जायेंगे, जिन स्थानों पर पूर्व से सभायें चल रही हों। एक दल द्वारा निकाले गये पोस्टर दूसरे दल के कार्यकर्ता द्वारा नहीं हटाये जायेंगे।
किसी भी प्रस्तावित सभा के स्थान और समय की लिखित सूचना स्थानीय पुलिस अधिकारी को पर्याप्त समय पूर्व दी जायेगी, ताकि उनके द्वारा यातायात को नियंत्रित करने और शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए आवश्यक व्यवस्था की जा सकेगी।
किसी भी प्रस्तावित स्थान पर सभा करने के पूर्व यह सुनिश्चित किया जायेगा कि उस स्थान पर जहां सभा करने का प्रस्ताव है, कोई निषेधाज्ञा लागू नहीं है। यदि ऐसे आदेश लागू हों, तो उनका कड़ाई के साथ पालन किया जायेगा। यदि ऐसे आदेशों में कोई छूट अपेक्षित हो, तो उनके लिए समय से आवेदन सक्षम अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत कर सभा करने के पूर्व छूट प्राप्त की जायेगी।
यह भी पढ़िये :- मंदिर में साईं मूर्ति देख भड़के स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद : – फिर क्या कहा देखे वीडियो
किसी प्रस्तावित सभा के संबंध में लाउड स्पीकरों के उपयोग या किसी अन्य सुविधा के लिए अनुमति या लायसेंस प्राप्त करना हो, तो संबंधित अधिकारी के पास काफी पहले ही आवेदन किया जायेगा और इसकी अनुमति या लायसेंस प्राप्त कर लिया जायेगा।
किसी सभा के आयोजक, सभा में विघ्न डालने वाले व्यक्तियों से निपटने के लिए ड्यूटी पर तैनात पुलिस की सहायता प्राप्त करेंगे। आयोजक स्वयं ऐसे व्यक्तियों के विरूद्ध कोई कार्रवाई नहीं करेंगे। जुलूस का आयोजन करने के पहले यह निश्चित कर लिया जायेगा, कि जुलूस किस समय और किस स्थान से शुरू होगा, किस मार्ग से होकर जायेगा और किसी समय और किस स्थान पर समाप्त होगा। सामान्यत: निर्धारित कार्यक्रम में कोई फेरबदल नहीं किया जायेगा।
आयोजकों द्वारा किसी भी कार्यक्रम के आयोजन की अग्रिम सूचना स्थानीय पुलिस को दी जायेगी, ताकि आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके। आयोजक यह सुनिश्चित करेंगे कि जिन इलाकों में जुलूस होकर गुजरना है, उनमें कोई निर्बन्धात्मक आदेश लागू नहीं है। सक्षम अधिकारी द्वारा विशेष रूप से छूट दिये जाने तक उन निर्बन्धनों का पालन किया जायेगा। यातायात के नियमों और निर्बन्धनों का पालन किया जायेगा।
आयोजकों द्वारा जुलूस का इंतजाम ऐसे ढंग से किया जायेगा, जिससे कि यातायात में कोई रूकावट या बाधा उत्पन्न नहीं हो। यदि जुलूस बहुत लंबा हो, तो उसे उपयुक्त लंबाई वाले टुकड़ों में संगठित किया जायेगा, ताकि सुविधाजनक अंतरालों पर विशेषकर उन स्थानों पर जहां जुलूस को चौराहों से होकर गुजरना है, रूके हुए यातायात के लिए समय- समय पर रास्ता दिया जा सके और इस प्रकार भारी यातायात के जमाव से बचा जा सके। जुलूसों की व्यवस्था ऐसी की जायेगी कि जहां तक हो सके, उन्हें सड़क के दायीं ओर रखा जाये और ड्यूटी पर तैनात पुलिस के निर्देश और सलाह का कड़ाई से पालन किया जायेगा।
यदि दो या अधिक राजनैतिक दलों या अभ्यर्थियों ने लगभग एक ही समय पर उसी रास्ते या उसके भाग से जुलूस निकालने का प्रस्ताव किया है, तो आयोजक समय से काफी पहले आपस में सम्पर्क स्थापित कर ऐसी योजना बनायेंगे, जिससे जुलूसों में टकराव नहीं हो या यातायात को बाधा नहीं पहुंचे। आयोजकों द्वारा इस संबंध में स्थानीय पुलिस से सम्पर्क कर संतोषजनक इंतजाम किया जायेगा। इस संबंध में स्थानीय कार्यपालक दंडाधिकारी/ पुलिस का निर्णय अंतिम होगा। जुलूस में कोई भी व्यक्ति ऐसी वस्तु लेकर नहीं चलेगा, जिससे उत्तेजना फैले व शांति व्यवस्था प्रभावित हो। इस संबंध में आयोजक नियंत्रण रखेंगे। किसी भी व्यक्ति का पुतला लेकर चलने, प्रदर्शन करने व उसके दहन की कार्रवाई पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगी।
इसके साथ ही आदर्श आचार संहिता के अन्य सभी प्रावधानों का पालन भी सुनिश्चित करना होगा। सभा, जुलूस, लाउड स्पीकर, रैली, वाहन के माध्यम से प्रचार- प्रसार आदि सभी प्रकार के कार्यक्रम संबंधित क्षेत्र के सक्षम अधिकारी से अनुमति लेकर ही किये जायेंगे। यदि किसी व्यक्ति द्वारा इस आदेश का उल्लंघन किया जाएगा तो वह भारतीय दण्ड विधान की धारा 188 के अन्तर्गत दण्ड का भागी होगा। विभिन्न परिस्थितियों को देखते हुए उक्त आदेश एकतरफा कार्रवाई कर पारित कर तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है। इस सिलसिले में संबंधित अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया है।
“त्रिस्तरीय पंचायत आम निर्वाचन 2022” कोलाहल नियंत्रण अधिनियम के प्रावधानों के उल्लंघन पर होगी दंडात्मक कार्रवाई
मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग त्रिस्तरीय पंचायतों के आम निर्वाचन 2022 के कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही जिले में आदर्श आचार संहिता प्रभावशील हो गयी है। लोक परिशांति बनाये रखने तथा निर्वाचन प्रक्रिया के शांतिपूर्ण परिसंचालन के लिए जिला दंडाधिकारी श्री रोहित सिंह ने मध्यप्रदेश कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 तथा ध्वनि प्रदूषण विनियमन एवं नियंत्रण नियम 200 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश तत्काल प्रभाव से प्रभावशील किया है, जो आदर्श आचार संहिता प्रभावशील रहने तक लागू रहेगा।
यह भी पढ़िये :- खुशियों की दास्तां” मजदूरी करके अपना भरण- पोषण करने वाले का हुआ मुफ्त इलाज
इस सिलसिले में जारी आदेश के अनुसार कोई भी व्यक्ति लाउड स्पीकर, डेक, डीजे जैसे ध्वनि विस्तार यंत्र का उपयोग या प्रदर्शन बिना अनुमति के किसी भी आम सभा, सम्मेलन, जुलूस, कार्यक्रम, जलसा, टीव्ही, एलसीडी या चलित वाहन में नहीं कर सकेगा। इस आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध मप्र कोलाहल नियंत्रण अधिनियम के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जायेगी।
आदेश में कहा गया है कि अनुविभागीय दंडाधिकारी निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार 48 घंटे पूर्व की सूचना के उपरांत प्रात: 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक ध्वनि विस्तारकों के 1/ 4 वॉल्यूम में जिसका ध्वनि स्तर परिवेशी ध्वनि 10 डेसीबल से अनधिक पर अनुमति दे सकेंगे। सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार रात्रि 10 बजे से प्रात: 6 बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। उक्त कार्य राज्य निर्वाचन आयोग के दिशा निर्देशों के अनुरूप सम्पादित करना सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये हैं।
“त्रिस्तरीय पंचायत आम निर्वाचन 2022” जिले में शस्त्र लायसेंस निलंबित
मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा त्रिस्तरीय पंचायतों के आम निर्वाचन 2022 के कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही जिले में आदर्श आचार संहिता प्रभावशील हो गयी है। जिले में त्रिस्तरीय पंचायत आम निर्वाचन शांतिपूर्ण संपन्न कराने के उद्देश्य से जिला दंडाधिकारी श्री रोहित सिंह ने शस्त्र अधिनियम 1959 के प्रावधानों के तहत जिले के प्रपत्र 3/ 5 के समस्त लायसेंस धारियों के शस्त्र लायसेंस तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश आदर्श आचार संहिता प्रभावशील रहने तक के लिए जारी किया है।
इस सिलसिले में जिला दंडाधिकारी ने आदेशित किया है कि सभी शस्त्र लायसेंसधारी अपने शस्त्र लायसेंस में दर्ज शस्त्र तत्काल संबंधित थानों में 3 जून 2022 तक जमा कर पावती प्राप्त करें। आदेश का उल्लंघन पाये जाने पर सख्त वैधानिक कार्रवाई की चेतावनी दी गयी है। यह आदेश बैंक सुरक्षा गार्डों, शासन के स्वीकृत गार्ड/ सुरक्षा बलों, पुलिस सुरक्षा बलों, अर्द्धसैनिक सैनिक बलों पर लागू नहीं होगा।
इस आदेश की व्यक्तिश: तामीली संभव नहीं होने के कारण समस्त थाना/ चौकी प्रभारियों को आदेश के व्यापक प्रचार- प्रसार के निर्देश दिए गए हैं। जिला दंडाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया है।
![alok](https://tandavmedia.com/wp-content/uploads/2024/06/alok.jpg)
Alok Singh (Editor in Chief) has brought you information and news with impartial, fearless, positive, factual, complete truth and authenticity. I will try to reach you through Hindi language, we will fulfill all those obligations. We will also follow whatever is in the interest of the country. The medium of news will be named tandavmedia.com (Tandav Media) in which we will do journalism while doing fair journalism.