विश्व शौचालय दिवस 2024 : प्रदेश में स्वच्छता की मिसाल, 8 लाख+ नए शौचालय और 16 हजार+ सामुदायिक परिसरों का निर्माण

आइए जानते हैं, कैसे इस पहल ने न केवल लोगों के जीवन में बदलाव लाया है बल्कि स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाई है। 

World Toilet Day 2024 : विश्व शौचालय दिवस 2024 पर प्रदेश ने स्वच्छता के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। सरकार की ठोस योजनाओं और सामूहिक प्रयासों के तहत, स्वच्छ भारत अभियान को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया गया है। आइए जानते हैं, कैसे इस पहल ने न केवल लोगों के जीवन में बदलाव लाया है बल्कि स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाई है।

8 लाख से अधिक नए शौचालयों का निर्माण

प्रदेश में 8 लाख से अधिक नए शौचालयों का निर्माण किया गया है। यह उपलब्धि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लिए एक बड़ा कदम है। इन शौचालयों ने लाखों परिवारों को शौचालय की सुविधा प्रदान की है, जिससे उनके जीवन में स्वच्छता और स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित हो सकी है।

शौचालय निर्माण के फायदे

  • स्वास्थ्य में सुधार:खुले में शौच की समस्या को कम करके जलजनित बीमारियों पर रोकथाम।
  • महिलाओं की सुरक्षा:महिलाओं को अब सुरक्षित और निजी स्थान उपलब्ध।
  • पर्यावरण संरक्षण:स्वच्छता से गंदगी और प्रदूषण पर नियंत्रण।
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6,000 से अधिक सामुदायिक स्वच्छता परिसरों की स्थापना

केवल व्यक्तिगत शौचालय ही नहीं, बल्कि सामुदायिक स्तर पर भी 16,000 से अधिक सामुदायिक स्वच्छता परिसरों की स्थापना की गई है। ये परिसर उन क्षेत्रों में स्थापित किए गए हैं जहां शौचालय की पहुंच अभी भी चुनौती है।

सामुदायिक परिसरों की विशेषताएं

  • हर वर्ग के लिए उपलब्ध।
  • नियमित सफाई और रखरखाव की सुविधा।
  • पानी और बिजली की उचित व्यवस्था।

41,000+ गांव बने ODF प्लस मॉडल

प्रदेश के 41,000 से अधिक गांवों ने खुद को ODF (Open Defecation Free) प्लस मॉडल के रूप में स्थापित किया है। इसका मतलब है कि न केवल खुले में शौच की समस्या समाप्त हो गई है, बल्कि ठोस और तरल कचरे का प्रभावी प्रबंधन भी किया जा रहा है।

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ODF प्लस मॉडल के फायदे

  1. स्वच्छता प्रथाओं का पालन: गांवों में स्वच्छता को जीवनशैली का हिस्सा बनाया गया।
  2. कचरे का पुनर्चक्रण: ठोस कचरे का पुनर्चक्रण कर खाद और अन्य उपयोगी उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं।

3.पानी की बचत: जल संसाधनों का सही उपयोग और संरक्षण।

सरकार की प्रतिबद्धता और योजनाएं

इन उपलब्धियों के पीछे सरकार की योजनाएं और जमीनी स्तर पर किए गए प्रयास शामिल हैं। जागरूकता अभियान, स्वच्छता कार्यशालाएं, और सरकारी अनुदान ने इस पहल को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई।

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