दिल्ली और मध्य प्रदेश में मौसम का मिजाज बदला कड़ाके की ठंड और मावठे ने मचाई हलचल

आईएमडी (India Meteorological Department) की रिपोर्ट के अनुसार, 29 दिसंबर को दिल्ली में मौसम सामान्य से अधिक ठंडा रहेगा और बादल भी छाए रहेंगे।

  • दिल्ली में मौसम का बिगड़ता मिजाज
  • मध्य प्रदेश में मावठे की मार
  • आने वाले दिनों में मौसम

Mousam  Update : दिल्ली और मध्य प्रदेश में मौसम का मिजाज इन दिनों बिल्कुल बदल गया है। 27 दिसंबर, शुक्रवार को दिल्ली में दिनभर हुई मूसलधार बारिश ने तापमान को गिरा दिया और समूचे उत्तर भारत में ठंड का असर बढ़ा दिया।

साथ ही, दिल्ली में नए साल की शुरुआत भी ठंडी और बादल छाए रहने के आसार हैं। दूसरी ओर, मध्य प्रदेश में मावठा गिरने से किसानों के चेहरों पर चिंता की लकीरें हैं, क्योंकि इस मौसम ने उनकी फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है।

दिल्ली में मौसम का बिगड़ता मिजाज

दिल्ली में 27 दिसंबर को दिनभर हुई बारिश ने न केवल मौसम को ठंडा किया, बल्कि लोगों के लिए परेशानियां भी खड़ी कर दीं। बारिश के बाद राजधानी दिल्ली का मौसम एकदम बदल गया। आईएमडी (India Meteorological Department) की रिपोर्ट के अनुसार, 29 दिसंबर को दिल्ली में मौसम सामान्य से अधिक ठंडा रहेगा और बादल भी छाए रहेंगे।

दिल्ली में सुबह 6:35 बजे का तापमान 13.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था, और आने वाले दिनों में इस तापमान में गिरावट हो सकती है। 28 दिसंबर को भी दिल्ली का मौसम ठंडा रहा और लोगों ने भारी स्वेटर और गर्म कपड़े पहनने शुरू कर दिए।

मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है, जिसके कारण यह अनुमान लगाया जा रहा है कि नए साल की शुरुआत भी ठंडी होगी। 29 दिसंबर को दिल्ली का न्यूनतम तापमान 9 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 17 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। दोपहर के समय भी बादल छाए रह सकते हैं और बारिश का भी अंदेशा है।

यह भी पढिये :-
शादी सीजन में सोना-चांदी हुआ सस्ता:14 नवंबर 2024 के सोने-चांदी के भाव, खरीदारी का सुनहरा मौका

मौसम के इस बदलाव के साथ दिल्लीवासियों को एक और ठंडी सर्दी का सामना करना पड़ सकता है, विशेषकर रात के समय तापमान में गिरावट हो सकती है। आने वाले दिनों में भी तापमान और गिर सकता है, जिससे ठंड और बढ़ने की उम्मीद है।

मध्य प्रदेश में मावठे की मार

मध्य प्रदेश में शनिवार, 28 दिसंबर को लगातार दूसरे दिन मावठा गिरा। मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में मूसलधार बारिश और ओले गिरे, जिसने किसानों के लिए समस्याएं खड़ी कर दीं। खासकर, जबलपुर, इंदौर, भोपाल, सागर, रीवा और नर्मदापुरम जैसे जिलों में भारी बारिश के साथ ओले गिरे, जिससे फसलों को नुकसान पहुंचा।

रीवा में 9 घंटे में 4.2 इंच बारिश रिकॉर्ड की गई, जो वहां के लिए एक असामान्य घटना थी। उमरिया, बैतूल, जबलपुर, नर्मदापुरम, नरसिंहपुर, और खंडवा में भी मावठा गिरने से किसानों को काफी नुकसान हुआ। कई स्थानों पर अनाज भीगने की खबरें आईं।

भोपाल, इंदौर और सागर जैसे बड़े शहरों में भी बारिश हुई, जिससे सर्दी और बढ़ गई है। इन बारिशों के कारण खजुराहो, नौगांव, सतना, नरसिहपुर,जबलपुर ,टीकमगढ़, दमोह और पचमढ़ी में भी हल्की से लेकर भारी बारिश तक हुई।

इस बारिश के साथ साथ ओलावृष्टि ने किसानों को और ज्यादा चिंता में डाल दिया है। खासकर, सोयाबीन, मक्का, तुअर दाल और अन्य फसलों पर इसका असर पड़ा है। फसलें बर्बाद होने की स्थिति में किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।

मध्य प्रदेश और दिल्ली में मौसम की यह स्थिति क्यों बनी?

दिल्ली में हो रही ठंड और मध्य प्रदेश में मावठे के गिरने की वजह मौसम में हो रहे बदलाव हैं। उत्तर भारत में पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) का असर देखा जा रहा है, जो दिल्ली और आसपास के इलाकों में बारिश और ठंड तेज हो गई है ।

यह भी पढिये :-
इंडोनेशियाई गेमिंग स्टार लिडिया ओनिक का MMS लीक,वायरल वीडियो पर मचा हड़कंप

इस मौसम में हवाओं की दिशा बदलने और ऊपरी हवा की स्थिति भी अहम भूमिका निभाती है। पश्चिमी विक्षोभ के कारण ठंडी हवाओं की गति तेज हो जाती है और इस कारण से दिल्ली और उत्तर भारत में तापमान गिर जाता है।

वहीं, मध्य प्रदेश में मावठा गिरने की वजह से ठंडी हवाएं और नमी बनी हैं। इस समय पश्चिमी विक्षोभ का असर मध्य प्रदेश पर ज्यादा है, जिसके कारण वहां बारिश और ओलावृष्टि हो रही है। यह मौसम किसानों के लिए चिंता का विषय बन गया है, क्योंकि यह उनके द्वारा की गई मेहनत को बर्बाद कर सकता है।

आने वाले दिनों में मौसम

दिल्ली के मौसम में और अधिक ठंडक बढ़ने की संभावना है, क्योंकि 29 और 30 दिसंबर को तापमान में गिरावट जारी रहने की संभावना है। नए साल के पहले दिन, 1 जनवरी को भी ठंड बनी रहने की संभावना है। साथ ही, दिल्ली वासियों को बारिश और बादलों का सामना करना पड़ सकता है।

मध्य प्रदेश में मावठा और ओलावृष्टि का सिलसिला कुछ दिनों तक और जारी रह सकता है। हालांकि, कुछ स्थानों पर बारिश कम हो सकती है, लेकिन कई इलाकों में इसका असर फिलहाल देखा जा सकता है। किसान अभी भी अपनी फसल बचाने के बारे मे सोच रहे होंगे, क्योंकि इस मौसम का सीधा असर उनकी उपज पर पड़ा है।

Related Articles