Uttarakhand Avalanche : बर्फ में दबे मजदूरों की जिंदगी बचाने की जंग, राहत कार्य तेज

उत्तराखंड के चमोली में माणा हिमस्खलन में फंसे मजदूरों के लिए जारी है संघर्ष, राहत और बचाव कार्य में जुटे हैं कई टीमें।

  • Four workers died in Chamoli accident
  • Relief work continues with seven helicopters
  • GPR system helps in searching missing workers

Uttarakhand Avalanche : उत्तराखंड के चमोली जिले में माणा के पास हुए हिमस्खलन ने 54 मजदूरों की जिंदगी को दांव पर लगा दिया। ये सभी मजदूर सीमा सड़क संगठन (BRO) के थे, जो 3200 मीटर की ऊंचाई पर काम कर रहे थे। शुक्रवार को बर्फीला तूफान आया और वो बर्फ में दब गए।

शुरुआत में तो इनकी संख्या 55 बताई गई थी, लेकिन बाद में एक मजदूर के अपने घर सुरक्षित पहुंचने की खबर आई, और संख्या 54 हो गई। अब तक राहत कार्य में भारी मशक्कत के बाद शनिवार तक 50 मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया गया। इनमें से चार मजदूरों की इलाज के दौरान मृत्यु हो गई, जबकि बाकी मजदूरों का इलाज चल रहा है। राहत और बचाव कार्य में सेना, एनडीआरएफ, और एसडीआरएफ की टीमें लगातार लगी हुई हैं।

आप सोच रहे होंगे, ये बर्फीला तूफान किस कदर खतरनाक था? तो आपको जानकर आश्चर्य होगा कि, अब तक सात हेलीकॉप्टर इस ऑपरेशन में शामिल हो चुके हैं। एक निजी हेलीकॉप्टर और सेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर राहत कार्य में जुटे हैं। ये हेलीकॉप्टर बर्फ में दबे मजदूरों को बाहर निकालने में मदद कर रहे हैं।

इसके अलावा, चमोली के जिलाधिकारी डॉ. संदीप तिवारी ने बताया कि मौसम अब साफ है, और उम्मीद है कि राहत कार्य में तेजी आएगी। इसके साथ ही, लापता मजदूरों के लिए जीपीआर सिस्टम भी मंगवाया गया है, जिससे तलाशी अभियान में मदद मिलेगी।

यहां तक कि मध्य कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता और उत्तर भारत के जीओसी, लेफ्टिनेंट जनरल डी.जी. मिश्रा भी हिमस्खलन स्थल पर पहुंचकर खुद राहत कार्य की निगरानी कर रहे हैं।

बर्फ में दबे मजदूरों की तलाश और उनके बचाव के लिए यह अभियान अभी भी जारी है। हर कोई यही उम्मीद कर रहा है कि जल्द ही बाकी लापता मजदूरों का पता चल जाएगा।

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