Union Carbide : भोपाल गैस कांड के कचरे को नष्ट करने के लिए हाईकोर्ट ने हरी झंडी दे दी है, अब इस प्रक्रिया

यूनियन कार्बाइड के कचरे को नष्ट करने को लेकर हाईकोर्ट का बड़ा  फैसला, अब पर्यावरण को नुकसान नहीं होगा

  • हाईकोर्ट ने कचरे नष्ट करने की प्रक्रिया को मंजूरी दी
  • तीन ट्रायल रन की रिपोर्ट पर हुआ फैसला
  • पर्यावरणीय प्रभाव नहीं, विनिष्टीकरण में कोई खतरा नहीं

Union Carbide : भोपाल गैस कांड की त्रासदी से जुड़ा एक बड़ा कदम अब उठाया गया है। बहुचर्चित यूनियन कार्बाइड के कचरे को नष्ट करने के लिए जबलपुर हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है। इस फैसले के बाद, अब इंदौर के पास स्थित पीथमपुर की फैक्ट्री में यूनियन कार्बाइड के खतरनाक कचरे का विनिष्टीकरण शुरू किया जा सकेगा।

कोर्ट ने यह फैसला तीन ट्रायल रन की रिपोर्ट के आधार पर दिया है, जिन्हें राज्य सरकार ने पूरे नियमानुसार किया था। इन ट्रायल्स के दौरान यह साबित हुआ कि कचरे को नष्ट करने से पर्यावरण पर कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा।

क्या कहा कोर्ट ने?

हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि कचरा विनिष्टीकरण प्रक्रिया में पूरी तरह से नियमों का पालन किया जाए और प्रक्रिया को धीरे-धीरे बढ़ाया जाए। कोर्ट ने कचरे के विनिष्टीकरण के इस कदम को मंजूरी देते हुए कहा कि राज्य सरकार को इसमें आगे बढ़ने की पूरी स्वतंत्रता है, बशर्ते वे सभी आवश्यक सावधानियों और पर्यावरणीय नियमों का पालन करें।

Union Carbide news
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कैसे हुआ कचरे का विनिष्टीकरण?

राज्य सरकार ने तीन चरणों में कचरा विनिष्टीकरण के ट्रायल रन किए थे। पहले चरण में 135 किलो कचरा प्रति घंटे नष्ट किया गया, दूसरे चरण में यह आंकड़ा बढ़कर 170 किलो प्रति घंटे हुआ, और तीसरे चरण में 270 किलो कचरा प्रति घंटे नष्ट किया गया। इन ट्रायल रन की सफलता के बाद, कोर्ट ने इसे पर्यावरण के लिए सुरक्षित मानते हुए आगे की प्रक्रिया की अनुमति दे दी।

खतरनाक कचरे को नष्ट किया जाएगा

ट्रायल रन की रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया है कि इस प्रक्रिया से पर्यावरण पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। यह फैसला न केवल भोपाल गैस कांड के पीड़ितों के लिए राहत का कारण है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिकोण से भी एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है।

अब यूनियन कार्बाइड के खतरनाक कचरे को नष्ट किया जाएगा, और इससे एक बड़ी पर्यावरणीय समस्या का हल निकलने की उम्मीद है। यह फैसला न केवल कचरे के विनिष्टीकरण को एक नई दिशा देगा, बल्कि भविष्य में ऐसे मामलों में निपटने के लिए एक मिसाल बनेगा।

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