आज धूमधाम से मनाया जाएगा देव जागरण, शालिग्राम-तुलसी विवाह से शुरू होंगे शुभ कार्य
2024 में शादियों के 15 मुहूर्त, शुभारंभ देव उठनी एकादशी से
Dev Uthani Ekadashi 2024: चार महीनों के विराम के बाद, देव उठनी एकादशी पर भगवान विष्णु के जागरण के साथ ही शुभ कार्यों की शुरुआत हो रही है। जबलपुर सहित पूरे भारत में सनातनी श्रद्धालु इस पर्व को उल्लास के साथ मना रहे हैं। देवशयनी एकादशी, जो इस साल 17 जुलाई को थी, उस दिन भगवान विष्णु क्षीरसागर में विश्राम के लिए चले गए थे, और इसके साथ ही सभी शुभ कार्यों पर विराम लग गया था।
अब, चार महीने बाद 19 नवंबर को देव प्रबोधिनी एकादशी पर भगवान विष्णु के जागने का पर्व, जिसे देव उठनी एकादशी भी कहा जाता है, मनाया जाएगा। इस दिन विशेष रूप से शालिग्राम और तुलसी का विवाह करवाया जाता है, जो हिन्दू परंपरा में बहुत ही शुभ माना जाता है। इस पावन विवाह के साथ ही शादियों सहित अन्य शुभ कार्यों का भी शुभारंभ हो जाता है।
देव उठनी एकादशी पर 2024 के विवाह मुहूर्तों की शुरुआत
2024 में देव उठनी एकादशी के बाद विवाह के 15 मुहूर्त उपलब्ध हैं। मंगलवार को सिद्धि योग सहित अन्य शुभ योगों में पड़ रही देव प्रबोधिनी एकादशी पर यह परंपरा निभाई जाएगी। इस दिन को विशेष बनाने के लिए भक्तगण भगवान विष्णु और तुलसी माता की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। तुलसी विवाह का आयोजन करना भी अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है, जिससे परिवार में सुख, समृद्धि और संतोष बना रहता है।
देव उठनी एकादशी का महत्व और धार्मिक अनुष्ठान
इस दिन से विवाह, गृहप्रवेश और अन्य धार्मिक कार्यों का आरंभ होता है। सनातनी मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु का जागरण होता है और वे पुनः सृष्टि के कार्यों में सक्रिय होते हैं। इसलिए इस दिन विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। सनातन परंपरा के अनुसार, जो भी व्यक्ति इस दिन व्रत रखता है और तुलसी-शालिग्राम विवाह करता है, उसके समस्त पाप कट जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
धूम धाम से मनाई जाएगी
आज विभिन्न मंदिरों में देव उठनी एकादशी के दिन विशेष आयोजन किए जा रहे हैं। भक्तजन तुलसी विवाह के लिए तुलसी और शालिग्राम की पूजा करेंगे। इसके अलावा, शहर के विभिन्न स्थानों पर धार्मिक आयोजन, भजन-कीर्तन और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे, जो इस पर्व को और खास बना देंगे।
2024 में विवाह के 15 शुभ मुहूर्त
देव उठनी एकादशी के बाद विवाह के 15 शुभ मुहूर्तों का सिलसिला शुरू हो जाएगा, जो जनवरी तक चलेगा। इसका अर्थ यह है कि जो लोग विवाह की प्रतीक्षा कर रहे थे, अब वे शुभ समय में अपने जीवन की नई शुरुआत कर सकेंगे।
इस प्रकार, देव उठनी एकादशी का पर्व केवल भगवान विष्णु के जागरण का ही नहीं, बल्कि शुभ कार्यों की पुनः शुरुआत का प्रतीक भी है। सनातनी परिवारों में इस दिन का विशेष महत्व है और इसे श्रद्धा, भक्ति और उल्लास के साथ मनाया जाता है।
मेरा नाम आलोक सिंह है। मैं भगवान नरसिंह की नगरी नरसिंहपुर से हूँ। पत्रकारिता में मास्टर डिग्री पूरी करने के बाद मैंने पत्रकारिता के क्षेत्र में प्रवेश किया। मुझे इलेक्ट्रॉनिक्स और प्रिंटिंग मीडिया में पत्रकारिता का 20 साल का अनुभव है। मैं प्रामाणिकता के साथ समाचार लिखने में माहिर हूँ।