छत्तीसगढ़ से आए जंगली हाथियों का आतंक : करंजिया क्षेत्र में जिला प्रशासन और वन विभाग अलर्ट, ग्रामीणों को मिलेगा मुआवजा

करंजिया के वन ग्रामों में हाथियों के लगातार मूवमेंट ने ग्रामीणों को भयभीत कर दिया है।

Chhattisgarh Elephant : मध्यप्रदेश- छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा से लगे करंजिया वन परिक्षेत्र के ग्रामीण इन दिनों जंगली हाथियों के आतंक से जूझ रहे हैं। पिछले एक सप्ताह से छत्तीसगढ़ से आए जंगली हाथी स्थानीय मकानों, फसलों और अन्य संपत्तियों को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं। इस स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन और वन विभाग ने मिलकर प्रभावित गांवों का निरीक्षण किया और त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए।

हाथियों के उत्पात से दहशत में ग्रामीण

करंजिया के वन ग्रामों में हाथियों के लगातार मूवमेंट ने ग्रामीणों को भयभीत कर दिया है। उनके मकान और फसलें बर्बाद हो रही हैं, जिससे वे आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। प्रशासन ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया है कि सभी प्रकार के नुकसान का मुआवजा दिया जाएगा।

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कलेक्टर और डीएफओ की सक्रियता

कलेक्टर हर्ष सिंह और डीएफओ पुनीत सोनकर ने अपनी टीम के साथ प्रभावित गांवों का दौरा किया। उन्होंने ग्रामीणों से बातचीत कर उन्हें हाथियों से बचाव के उपायों की जानकारी दी। इसके साथ ही, 24 घंटे वन विभाग की टीम को अलर्ट रहने और मुनादी कराने के निर्देश दिए।

Chhattisgarh Elephant
Chhattisgarh Elephant

हाथियों से बचाव के उपाय ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है। वन विभाग की टीम ने हाथियों के मूवमेंट पर निगरानी रखने और किसी भी आपात स्थिति में तत्काल सहायता देने के लिए पुख्ता इंतजाम किए हैं।

मुआवजा और पुनर्वास की पहल

प्रशासन ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया है कि उनके आवास, फसलों और अन्य संपत्तियों के नुकसान का उचित मुआवजा दिया जाएगा। इसके साथ ही, वन विभाग ने हाथियों को वापस जंगल में भेजने की योजना पर काम शुरू कर दिया है।

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स्थानीय प्रशासन की मुस्तैदी

प्रशासन और वन विभाग की त्वरित कार्रवाई ने ग्रामीणों को राहत दी है। अधिकारियों ने सुनिश्चित किया है कि ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए बेहतर प्रबंधन रणनीतियां अपनाई जाएंगी।

करंजिया क्षेत्र में जंगली हाथियों के मूवमेंट ने ग्रामीण जीवन को प्रभावित किया है, लेकिन जिला प्रशासन और वन विभाग की सक्रियता ने स्थिति को नियंत्रण में रखा है। इस मामले में प्रशासन की तत्परता और ग्रामीणों के प्रति संवेदनशीलता ने सकारात्मक संदेश दिया है।

 

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