शेयर बाजार में भयंकर गिरावट,सेंसेक्स में 1400 अंकों की टूट, निवेशकों का 9 लाख करोड़ का नुकसान
आज शेयर बाजार में सेंसेक्स 1400 अंक टूटकर लुढ़का और निवेशकों को भारी नुकसान झेलना पड़ा। क्या हैं इसके पीछे के कारण और क्या हो सकता है आगे का हाल?
- सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में भारी गिरावट आई।
- अमेरिकी टैरिफ निर्णय, विदेशी बिकवाली और भारत की जीडीपी रिपोर्ट ने बाजार को प्रभावित किया।
- निवेशकों का करीब 9 लाख करोड़ का नुकसान हुआ।
stock market crash : आज के दिन शेयर बाजार में जो मंजर देखने को मिला, वो शायद कुछ समय तक निवेशकों के मन से नहीं जाएगा। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ने आज बड़ी गिरावट दर्ज की। सेंसेक्स 1400 अंक गिरकर 73,500 के आसपास पहुंच गया, जबकि निफ्टी भी 400 अंकों से ज्यादा गिर गया। पूरा बाजार लाल निशान में था। अगर आप सुबह से लेकर अब तक के बाजार के उतार-चढ़ाव को देखें, तो ऐसा लगता है कि जैसे कोई बर्फीला तूफान आ गया हो।
शेयर बाजार में भारी गिरावट, क्या हैं इसके कारण
लेकिन यह अचानक गिरावट सिर्फ एक इत्तेफाक नहीं थी। इसके पीछे कई कारण थे। सबसे पहले बात करते हैं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हालिया फैसले की, जिसने बाजार को हिला कर रख दिया। ट्रंप ने मेक्सिको और कनाडा से आयात होने वाले सामानों पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की है। इस फैसले का असर दुनियाभर के बाजारों पर पड़ा, और भारतीय बाजार भी इससे अछूता नहीं रहा।
विदेशी निवेशकों की बिकवाली ने और बढ़ाया दबाव
इसके साथ ही, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की लगातार बिकवाली ने बाजार पर और दबाव डाला। अब तक फरवरी में एफआईआई ने 46,000 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं। अगर जनवरी के आंकड़े भी जोड़ लें तो यह आंकड़ा 1.33 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाता है। विदेशी निवेशकों की चिंता भारत के बढ़ते बाजार मूल्यांकन और मजबूत डॉलर से जुड़ी है, जिससे वे भारतीय बाजार से पैसा निकाल रहे हैं।
भारत की जीडीपी डेटा का इंतजार
इन सबके बीच, निवेशक भारत की तीसरी तिमाही (Q3) जीडीपी रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं, जो बाजार की दिशा तय करने में मदद करेगी। इस अनिश्चितता ने भी बाजार के मनोबल को प्रभावित किया है। कोई भी नतीजा हो, यह स्पष्ट है कि बाजार में फिलहाल चिंता का माहौल बना हुआ है।
सेक्टरों में भी व्यापक गिरावट
आज के दिन सभी सेक्टरों में गिरावट देखी गई। Nifty IT इंडेक्स 4% तक गिरा, जो वॉल स्ट्रीट पर चिपमेकर Nvidia में आई गिरावट के असर को दिखाता है। इसके अलावा, ऑटो, बैंकिंग, मेटल और फार्मा सेक्टर भी नुकसान में रहे। अगर मिडकैप और स्मॉलकैप की बात करें, तो ये इंडेक्स भी 2-3% तक गिर गए थे। इस गिरावट का नतीजा यह रहा कि बीएसई में लिस्टेड सभी कंपनियों का कुल मार्केट कैप 9.61 लाख करोड़ रुपये घटकर 383.49 लाख करोड़ रुपये रह गया।
सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट के कारण
अगर बात करें शुरुआती कारोबार की, तो सेंसेक्स 1% और निफ्टी 1.4% से ज्यादा गिर गए थे। सेंसेक्स 1,027.60 अंक गिरकर 73,584.83 तक पहुंच गया था, वहीं निफ्टी 315.60 अंक गिरकर 22,229.45 पर पहुंच गया था। इन सबके बीच अमेरिकी बाजारों के कमजोर आंकड़ों ने भी इस गिरावट को बढ़ावा दिया।
अमेरिकी जीडीपी में 2.3% की ग्रोथ आई, जो कि एक सुस्त अर्थव्यवस्था को दर्शाता है। इसके अलावा, बेरोजगारी भत्ते के लिए किए गए आवेदन ने यह साफ कर दिया कि अमेरिका में बेरोजगारी का स्तर बढ़ रहा है, जो वैश्विक बाजार को प्रभावित करता है।
क्या आगे बाजार में सुधार होगा?
अब सवाल यह उठता है कि क्या आगे बाजार में सुधार होगा? यह कहना मुश्किल है। निवेशकों को फिलहाल काफी सतर्क रहने की जरूरत है। अमेरिका के फैसले और विदेशी निवेशकों की बिकवाली के चलते बाजार में अनिश्चितता का माहौल है। इसके अलावा, भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति और आने वाले जीडीपी आंकड़े भी बाजार को प्रभावित कर सकते हैं। हालांकि, कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि निवेशक दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाते हैं, तो बाजार में सुधार की उम्मीद हो सकती है।
निवेशकों को सलाह
अगर आप निवेशक हैं, तो यह समय थोड़ा सतर्क रहने का है। शेयर बाजार की यह गिरावट अस्थायी हो सकती है, लेकिन जब तक पूरी स्थिति साफ नहीं हो जाती, तब तक जोखिम कम करने की कोशिश करें। निवेशकों को हमेशा अपनी वित्तीय स्थिति और निवेश को ध्यान में रखते हुए फैसले लेने चाहिए।