सौरभ शर्मा की डायरी : मध्य प्रदेश में काली कमाई का बड़ा खुलासा, नेताओं और अफसरों के चेहरों से उठे पर्दे

यह डायरी एक तरह से भ्रष्टाचार का खाता था, जिसमें हर महीने की वसूली, नेताओं और अफसरों को मिलने वाले हिस्से का पूरा विवरण है

  • सौरभ शर्मा की डायरी का खुलासा
  • चेकपोस्टों से हर महीने की वसूली
  • RTO कार्यालयों से होने वाली काली कमाई

Saurabh Sharma News Update Today : मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार का एक बड़ा और चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जो राज्य की राजनीति और प्रशासनिक तंत्र के भीतर के गहरे और गंदे रिश्तों को उजागर कर रहा है।

सौरभ शर्मा, जो पहले परिवहन विभाग के आरक्षक थे, के ठिकानों पर छापेमारी से जो खुलासे हुए हैं, वह न केवल राजनीतिक हलकों में हलचल मचाने वाले हैं, बल्कि आम जनता को भी यह सोचने पर मजबूर कर रहे हैं कि उनके ही पैसों से कैसे बड़े नेताओं, अफसरों और रसूखदारों की काली कमाई का खेल चलता था।

सौरभ शर्मा की डायरी का खुलासा

लोकायुक्त और आयकर विभाग की संयुक्त कार्रवाई के दौरान सौरभ शर्मा की एक डायरी मिली, जिसमें उन्होंने चेकपोस्ट और RTO कार्यालयों से संबंधित लेन-देन और वसूली की पूरी जानकारी दर्ज की थी।

यह डायरी एक तरह से भ्रष्टाचार का खाता था, जिसमें हर महीने की वसूली, नेताओं और अफसरों को मिलने वाले हिस्से का पूरा विवरण है । डायरी में जिन स्थानों और आंकड़ों का उल्लेख किया गया है, वे राज्य में भ्रष्टाचार की बड़ी तस्वीर को उजागर करते हैं।

इस डायरी के मुताबिक, प्रदेश के विभिन्न चेकपोस्टों और RTO कार्यालयों से हर महीने करोड़ों रुपये की वसूली होती थी, जो भ्रष्ट अधिकारियों और नेताओं की जेबों में चली जाती थी। सबसे बड़ी बात यह है कि यह वसूली बिना किसी रोक-टोक के होती थी।

चेकपोस्टों से हर महीने की वसूली

सौरभ शर्मा की डायरी में दर्ज आंकड़ों के मुताबिक, प्रदेश के 19 चेकपोस्टों से हर महीने कुल 161 करोड़ रुपये की वसूली होती थी। इनमें से सबसे अधिक वसूली सेंधवा चेकपोस्ट से होती थी, जहां हर महीने लगभग 40 करोड़ रुपये की कमाई होती थी।

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इसके अलावा, इंदौर RTO कार्यालय से हर महीने करीब 9 करोड़ रुपये की काली कमाई होती थी। यह आंकड़े साफ तौर पर यह दर्शाते हैं कि परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार किस कदर फैला हुआ था।

सिर्फ बड़े चेकपोस्टों और RTO कार्यालयों से ही नहीं, बल्कि छोटे-छोटे स्थानों से भी काली कमाई की जाती थी। उदाहरण के लिए, रामनगर तिराहा, कराहल चेकपोस्ट से 50 लाख रुपये की वसूली होती थी,

वहीं नयागांव से 20 लाख रुपये, खवासा और सिकंदरा से 15-15 लाख रुपये की वसूली की जाती थी। यह सब मिलाकर, पूरे प्रदेश में भ्रष्टाचार का विशाल नेटवर्क चलता था, जो न केवल सरकार को बल्कि आम जनता को भी भारी नुकसान पहुंचा रहा था।

RTO कार्यालयों से होने वाली काली कमाई

सौरभ शर्मा की डायरी में दर्ज आंकड़ों के अनुसार, RTO कार्यालयों से भी भारी वसूली होती थी। इंदौर RTO कार्यालय सबसे बड़ा केंद्र था, जहां से हर महीने 9 करोड़ रुपये की काली कमाई होती थी।

इसके अलावा, भोपाल और छिंदवाड़ा RTO से 4-4 करोड़ रुपये की वसूली की जाती थी। जबलपुर और उज्जैन जैसे शहरों के RTO कार्यालयों से 6-6 करोड़ रुपये की वसूली होती थी। यह सब साफ तौर पर यह दिखाता है कि राज्य के परिवहन विभाग के उच्च अधिकारियों के बीच भ्रष्टाचार किस हद तक फैल चुका था।

18 दिसंबर को लोकायुक्त की रेड और आयकर विभाग का छापा

मध्य प्रदेश की सियासत और प्रशासनिक व्यवस्था में भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ तब हुआ, जब 18 दिसंबर 2024 को लोकायुक्त ने राजधानी भोपाल में सौरभ शर्मा के ठिकाने पर छापेमारी की थी। छापे के दौरान, लोकायुक्त को सौरभ शर्मा से जुड़े कई महत्वपूर्ण दस्तावेज़ और संपत्ति का पता चला था, जिनसे यह साफ हुआ कि सौरभ शर्मा की काली कमाई कहा से और  किस-किस स्थान से होती थी ।

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लेकिन यह केवल शुरुआत थी। 19 दिसंबर को आयकर विभाग को एक और चौंकाने वाली सूचना मिली, जब मेंडोरी गांव के कुछ लोगों ने पुलिस को सूचना दी कि एक लावारिस क्रिस्टा गाड़ी खड़ी है।

इसमें संदिग्ध बैग होने की आशंका थी। इसके बाद, आयकर विभाग ने इस मामले की जांच की और गाड़ी को खोला। गाड़ी में से 52 किलो सोना और 10 करोड़ रुपये नकद बरामद किए गए, जो सौरभ शर्मा और उनके साथियों की काली कमाई का हिस्सा थे।

सौरभ शर्मा का नेटवर्क

सौरभ शर्मा की डायरी में जो जानकारी सामने आई है, उससे यह भी पता चलता है कि इस काली कमाई का हिस्सा केवल सौरभ शर्मा तक सीमित नहीं था। नेताओं और अफसरों का पूरा नेटवर्क इसमें शामिल था, जिनके जरिए यह कमाई उनके खाते में जाती थी।

सौरभ शर्मा की डायरी में TM (Transport Minister) और TC (Transport Commissioner) जैसी मुहरें भी लगी हुई थीं, जो इस बात का संकेत देती हैं कि यह खेल केवल छोटे कर्मचारियों तक सीमित नहीं था, बल्कि इसमें राज्य के बड़े और प्रभावशाली नेता भी शामिल थे।

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