सौरभ शर्मा,पत्नी,साला शुभम सहित पूरा परिवार रहस्यमय तरीके से गायब सोशल मीडिया अकाउंट भी अचानक गायब
कांग्रेस सरकार के समय सौरभ का प्रभाव और भी बढ़ गया था। 15 महीने की सरकार के दौरान, वह परिवहन विभाग में कई उच्च अधिकारियों को दरकिनार कर चुका था।
Saurabh Sharma News : भोपाल और ग्वालियर में इस समय सौरभ शर्मा और उनके परिवार का नाम चर्चा में है। सौरभ, जो पूर्व परिवहन आरक्षक हैं, और उनका पूरा परिवार विवादों के घेरे में है। हाल ही में एक बड़ा खुलासा हुआ है, जिसमें बताया गया कि सौरभ की पत्नी, दिव्या, का भोपाल में फिटनेस क्लब था, जिसे वह खुद संचालित करती थीं।
लेकिन अब इस क्लब और उनके परिवार का कोई पता नहीं है। दिव्या का क्लब और उनके परिवार का सोशल मीडिया अकाउंट भी अचानक गायब हो गया है, जबकि उनका साला शुभम तिवारी भी ग्वालियर छोड़कर कहीं गायब हो गया है। शुभम ने अपना फेसबुक अकाउंट डिलीट किया और फिर अपने जानने वालों को भी गुमनाम कर दिया।
यह घटना तब सामने आई जब लोकायुक्त ने सौरभ के ठिकानों पर छापेमारी की, और सौरभ के करीबी मित्र चेतन सिंह की कार से सोने और नकदी की बरामदगी हुई। इस घटना के बाद सौरभ के परिवार में हड़कंप मच गया था।
बताया गया है कि शुभम तिवारी और सौरभ के बीच करीबी रिश्ते थे और वह कई कारोबारों में सौरभ के साथ थे। सौरभ की पत्नी दिव्या का क्लब भी इन सभी गतिविधियों का हिस्सा था, लेकिन अब पूरी तरह से गायब हो चुका है।
सौरभ का विवादित करियर और परिवहन विभाग में घोटाले
सौरभ शर्मा के नाम से जुड़ी सबसे बड़ी चर्चा परिवहन विभाग में उनकी नियुक्ति को लेकर है। सौरभ की नियुक्ति को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं, और यह बताया जा रहा है कि यह नियुक्ति नियमों के खिलाफ थी।
सौरभ को अनुकंपा नियुक्ति के तहत ग्वालियर के कांग्रेस से जुड़े एक पूर्व विधायक के दबाव में यह नौकरी मिली थी। पूर्व विधायक ने भोपाल तक दबाव डाला और सौरभ को परिवहन विभाग में भर्ती कराया। सौरभ के करीबी दोस्तों में से एक ने विभाग के उच्च अधिकारियों तक को भी प्रभावित किया था, जिससे सौरभ को पूरे विभाग में बड़ा प्रभाव मिला।
कांग्रेस सरकार में सौरभ की बढ़ी पावर
कांग्रेस सरकार के समय सौरभ का प्रभाव और भी बढ़ गया था। 15 महीने की सरकार के दौरान, वह परिवहन विभाग में कई उच्च अधिकारियों को दरकिनार कर चुका था।
इससे उसकी लोकप्रियता और बढ़ी थी, हालांकि विभाग के अंदर ही उसकी कार्यशैली को लेकर कई शिकायतें भी हुईं। सौरभ का नाम अब ग्वालियर और भोपाल में एक काले कारोबार से जुड़ा हुआ है, और उसकी गतिविधियां अब लोकायुक्त के रडार पर हैं।
वकील की आरटीआई से खुलासा
ग्वालियर के वकील अवधेश तोमर ने सौरभ की अनुकंपा नियुक्ति के मामले में आरटीआई दाखिल की थी, जिसमें उन्होंने सौरभ के नियुक्ति से जुड़े दस्तावेजों की जानकारी मांगी थी। हालांकि, विभाग ने उन्हें कोई जानकारी नहीं दी।
अवधेश का कहना है कि सौरभ के भाई सचिन, जो सरकारी नौकरी में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर कार्यरत हैं, के कारण सौरभ को नौकरी मिलनी ही नहीं चाहिए थी। इसके बावजूद, वह नियमों के खिलाफ इस पद पर काबिज हो गए।
पूरा परिवार इस समय बड़े विवादों में फंसा
सौरभ शर्मा का पूरा परिवार इस समय बड़े विवादों में फंसा हुआ है। लोकायुक्त की छापेमारी और उनके करीबी सहयोगियों के खिलाफ मिले साक्ष्य, यह सब संकेत करते हैं कि सौरभ और उनका परिवार काले कारोबार में संलिप्त हो सकता है।
साथ ही, सौरभ की नियमों के खिलाफ नियुक्ति भी एक बड़ा सवाल है, जिसे लेकर अब और जांच होनी चाहिए। सौरभ और उनके परिवार के बारे में यह जानकारी आने के बाद, लोग यह जानने के लिए उत्सुक हैं कि आखिरकार इनकी असलियत क्या है और इसके पीछे के बड़े राज क्या हैं।