Saurabh Sharma Case Update : इस सम्पत्ति का हकदार कोई नहीं अब सरकारी खजाने में जमा होंगे, आयकर विभाग की बड़ी कार्रवाई
Saurabh Sharma Case Update : आयकर विभाग ने मंड़ोरी में जब्त किए गए सोने और नकदी को सरकारी संपत्ति घोषित करने की प्रक्रिया शुरू की है, जिसके बाद अब यह खजाने का हिस्सा बनेंगे।
- 52 किलो सोना और 11 करोड़ रुपये की नकदी अब सरकारी संपत्ति बनेंगे।
- जांच में कोई भी व्यक्ति इस संपत्ति का दावा करने के लिए सामने नहीं आया।
- आयकर विभाग ने इस संपत्ति को सरकारी खजाने में जमा करने की तैयारी शुरू की।
Saurabh Sharma Case Update : जब आयकर विभाग ने मंड़ोरी में एक इनोवा कार से 52 किलो सोना और 11 करोड़ रुपये नकदी जब्त किए, तो सब हैरान रह गए। अब, विभाग ने इस संपत्ति को सरकारी खजाने में जमा कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस बारे में अप्रेजल रिपोर्ट जारी की जा चुकी है, और इसके बाद इसे सरकारी संपत्ति घोषित किया जाएगा।
आयकर विभाग की जांच में यह साफ हुआ है कि सोने और नकदी पर किसी ने भी दावा नहीं किया। सौरभ शर्मा, जोकि परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक हैं, ने बताया कि कार चेतन सिंह गौर के नाम पर रजिस्टर्ड है, लेकिन चेतन ने कहा कि वह कभी इस कार में नहीं बैठे, और यह कार सौरभ द्वारा उपयोग की जाती थी।
जांच में कोई ठोस साक्ष्य नहीं मिला
जब विभाग ने सौरभ, चेतन और शरद जायसवाल से पूछताछ की, तो तीनों ने इस संपत्ति से अपने किसी भी संबंध को नकारा। इसके बाद 18 दिसंबर 2024 को लोकायुक्त पुलिस ने सौरभ शर्मा के खिलाफ अनुपातहीन संपत्ति का मामला दर्ज किया और छापा मारा। अगले ही दिन, मंड़ोरी में एक इनोवा कार से भारी मात्रा में सोना और नकदी बरामद हुई, जिसे तुरंत आयकर विभाग ने जब्त कर लिया।
डीआरआइ की जांच भी जारी
सोने की तस्करी की जांच डीआरआइ (डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस) भी कर रही है, लेकिन अब तक उसके पास इस सोने की तस्करी से जुड़ा कोई ठोस प्रमाण नहीं मिला है। यह जानना मुश्किल हो गया है कि इतनी बड़ी मात्रा में सोना कहां से लाया गया और इसका असली मालिक कौन है। इस वजह से आयकर विभाग अब इसे सरकारी संपत्ति घोषित करने की प्रक्रिया में आगे बढ़ चुका है।
आखिरकार, सरकारी खजाना बनेगी यह संपत्ति
सभी पूछताछ और जांचों के बावजूद, कोई भी इस संपत्ति का मालिकाना हक साबित नहीं कर सका। इसलिए, आयकर विभाग ने अब इसे सरकारी संपत्ति घोषित करने का फैसला किया है। इस संपत्ति को सरकारी खजाने में जमा किया जाएगा, और इससे संबंधित सभी कानूनी प्रक्रियाएं जल्द ही पूरी की जाएंगी।