रातापानी: मध्यप्रदेश का 8वां टाइगर रिजर्व घोषित बाघों के होंगे दीदार

यह रिजर्व मध्यप्रदेश के अन्य टाइगर रिजर्वों जैसे कन्हा, बांधवगढ़, और पचमढ़ी के बाद एक नया और महत्वपूर्ण स्थान बनाएगा।

Ratapani Tiger Reserve : मध्यप्रदेश, जिसे ‘भारत का टाइगर स्टेट’ भी कहा जाता है, ने वन्यजीव संरक्षण में एक और ऐतिहासिक कदम उठाया है। राज्य सरकार ने रायसेन जिले स्थित रातापानी को प्रदेश का 8वां टाइगर रिजर्व  घोषित किया है। इस फैसले से न केवल बाघों की सुरक्षा को मजबूती मिलेगी, बल्कि प्रदेश के पर्यावरण संतुलन में भी महत्वपूर्ण योगदान होगा।

रातापानी टाइगर रिजर्व की विशेषताएँ

रातापानी टाइगर रिजर्व मध्यप्रदेश के महत्वपूर्ण वन क्षेत्रों में से एक है, जो रायसेन जिले के पूर्वी क्षेत्र में स्थित है। यह क्षेत्र प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध है और बाघों के लिए आदर्श आवास प्रदान करता है। यह रिजर्व मध्यप्रदेश के अन्य टाइगर रिजर्वों जैसे कन्हा, बांधवगढ़, और पचमढ़ी के बाद एक नया और महत्वपूर्ण स्थान बनाएगा।

  1. बाघों की सुरक्षा: रातापानी को टाइगर रिजर्व के रूप में घोषित करने से बाघों की संख्या में इजाफा होने की उम्मीद है। बाघों के संरक्षण के लिए यह कदम अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि बाघों की प्रजाति संकट में है और उनकी संख्या लगातार घट रही है।
  2. जैव विविधता का संरक्षण: रातापानी रिजर्व में बाघों के अलावा, दुर्लभ प्रजातियाँ जैसे सिंह, तेंदुआ, भालू, और अन्य वन्यजीव भी पाए जाते हैं। साथ ही, यह क्षेत्र स्थानीय वृक्षों और पौधों की समृद्ध विविधता को भी बचाने में मदद करेगा।
  3. पर्यावरण संतुलन: रिजर्व का गठन पर्यावरणीय संतुलन को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह वन्यजीवों के प्राकृतिक आवास को संरक्षित करता है और स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र को स्थिर बनाए रखने में मदद करता है।
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राज्य सरकार का प्रयास

मध्यप्रदेश सरकार ने रातापानी को टाइगर रिजर्व घोषित कर पर्यावरण और वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इससे प्रदेश में बाघों की सुरक्षा को मजबूत किया जाएगा और मध्यप्रदेश को एक और विश्वस्तरीय नया आयाम के रूप में स्थापित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने यह भी कहा कि, “हमारी सरकार वन्यजीवों के संरक्षण के प्रति दृढ़ संकल्पित है, और रातापानी टाइगर रिजर्व इसका प्रतीक बनेगा। यह कदम न केवल बाघों की सुरक्षा को बढ़ाएगा,

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पर्यटन और आर्थिक लाभ

रातापानी टाइगर रिजर्व के घोषित होने से न केवल पर्यावरण को लाभ होगा, बल्कि यह क्षेत्र  इको-टूरिज्म  को भी बढ़ावा देगा। इससे  स्थानीय समुदायों को आर्थिक लाभ होगा, क्योंकि पर्यटन गतिविधियों के कारण होटल, गाइड, और अन्य सेवाएं सृजित होंगी। यह विकास और रोजगार के नए अवसरों की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।

मध्यप्रदेश का टाइगर संरक्षण अभियान

मध्यप्रदेश की सरकार का उद्देश्य बाघों के संरक्षण के क्षेत्र में सर्वोत्तम प्रथाएँ लागू करना और बाघों की संख्या में वृद्धि करना है। राज्य में पहले से ही कन्हा, बांधवगढ़, कान्हा, पचमढ़ी , और अन्य टाइगर रिजर्वों में बाघों की संख्या बढ़ाने के लिए कई पहलें चल रही हैं। रातापानी का टाइगर रिजर्व बनना इस अभियान का एक अहम हिस्सा है।

 

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