Ranya Rao Gold Smuggling Case : अदाकारा रान्या राव के पिता पर बड़ी कार्रवाई: डीजीपी अधिकारी को जबरन छुट्टी पर भेजा गया
Big action against actress Ranya Rao's father: DGP officer sent on forced leave

- रान्या राव के पिता, डीजीपी अधिकारी रामचंद्र राव को छुट्टी पर भेजा गया।
- रान्या राव ने डीआरआई अधिकारियों पर शारीरिक उत्पीड़न और दबाव डालने का आरोप लगाया।
- अभिनेत्री ने गिरफ्तारी के बाद नेताओं से मदद मांगी, लेकिन जांच एजेंसी पर कोई असर नहीं हुआ।
Ranya Rao Gold Smuggling Case : सोना तस्करी के मामले में पकड़ी गई कन्नड़ अभिनेत्री रान्या राव के पिता, जो कर्नाटक पुलिस के डीजीपी रैंक के अधिकारी हैं, पर अब सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। रान्या की गिरफ्तारी के बाद उनके पिता रामचंद्र राव को जबरन छुट्टी पर भेज दिया गया है। इस कदम से कयास लगाए जा रहे हैं कि उनकी बर्खास्तगी भी हो सकती है।
रान्या राव और सोना तस्करी का मामल
कन्नड़ अभिनेत्री रान्या राव 4 मार्च 2025 को बेंगलुरु एयरपोर्ट पर पकड़ी गईं, जब वह दुबई से 14.8 किलोग्राम सोना तस्करी करने की कोशिश कर रही थीं। इस सोने की कीमत लगभग 12 करोड़ रुपये आंकी गई है।
गिरफ्तारी के बाद, रान्या ने डीआरआई अधिकारियों पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि पूछताछ के दौरान उन्हें न केवल शारीरिक उत्पीड़न सहना पड़ा, बल्कि अधिकारियों ने उन्हें झूठे दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के लिए भी मजबूर किया।
रान्या ने नेताओं से मदद की मांग की
अधिकारियों के अनुसार, रान्या ने गिरफ्तार होने के बाद अपने प्रभाव को इस्तेमाल करने की कोशिश की। उसने कई नेताओं और विधायकों से फोन पर संपर्क किया, ताकि उसे इस मामले से बाहर निकाला जा सके। लेकिन डीआरआई के पास इस मामले की पुख्ता जानकारी थी, और वे किसी भी राजनीतिक दबाव में आए बिना उसे हिरासत में ले लिया।
डीजीपी रामचंद्र राव की छुट्टी पर भेजे जाने का आदेश
रान्या राव के गिरफ्तारी के कुछ दिन बाद, सरकार ने उनके सौतेले पिता, डीजीपी रैंक के अधिकारी रामचंद्र राव को अनिवार्य छुट्टी पर भेजने का आदेश जारी किया। कर्नाटक राज्य पुलिस आवास निगम के पुलिस महानिदेशक के रामचंद्र राव की छुट्टी का आदेश शाम को जारी किया गया था, और माना जा रहा है कि इस मामले में और भी कड़ी कार्रवाई हो सकती है।
रान्या राव का खुद को निर्दोष बताना
रान्या ने राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) के अधिकारियों पर आरोप लगाया है कि वे उन्हें झूठे मामले में फंसाने की साजिश कर रहे हैं। उन्होंने डीआरआई के अतिरिक्त महानिदेशक को एक पत्र भी लिखा, जिसमें उन्होंने खुद को निर्दोष बताया और कहा कि उन्हें जबरन इस मामले में फंसाया गया है।