मध्य प्रदेश के इस जिले में किन्नरों के बीच सड़क पर बवाल, लात-घूंसे से हुआ हंगामा

मध्य प्रदेश के राजगढ़ में किन्नरों के दो गुटों के बीच सड़क पर हुई मारपीट, जो बवाल के रूप में सामने आई। बाहरी किन्नरों के आगमन से स्थानीय किन्नर भड़क उठे, मामला पुलिस तक पहुंचा।

  • किन्नरों के दो गुटों में सड़क पर जमकर हुई मारपीट।
  • बाहरी किन्नरों के इलाके में आ जाने से स्थानीय किन्नर भड़क गए थे।
  • पुलिस ने मामले को शांत किया, लेकिन किसी पर कोई कार्रवाई नहीं की।

Rajgarh News : मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले में एक अजीबोगरीब घटना हुई। शुक्रवार के दिन सुठालिया इलाके में सड़क पर किन्नरों का हाई वोल्टेज ड्रामा सामने आया। हंगामा इतना बढ़ा कि पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। यह घटना दो किन्नर गुटों के बीच हुई हिंसा को लेकर है, जो अचानक सड़क पर फट पड़ा। तो चलिए जानते हैं, क्या था पूरा मामला और कैसे यह बवाल पुलिस स्टेशन तक पहुंच गया।

जब दो गुटों में हुई लड़ाई

यह घटना उस समय हुई जब एक गुट के किन्नर दूसरे जिले से सुठालिया इलाके में पहुंचे। जैसे ही स्थानीय किन्नरों ने उन्हें देखा, उनमें गुस्सा और नफरत की भावना भर गई। धीरे-धीरे यह गुस्सा हिंसा में बदल गया और मामला सड़कों पर बवाल के रूप में सामने आया।

पहले तो दोनों गुटों के बीच तीखी बहस शुरू हुई, जो कुछ ही समय में हिंसक संघर्ष में बदल गई। यहां तक कि किन्नरों ने एक-दूसरे को निर्वस्त्र कर दिया और लात-घूंसे बरसाने शुरू कर दिए। यह दृश्य वहां के लोगों के लिए बहुत ही अजीब था, क्योंकि पहले कभी उन्होंने ऐसा ड्रामा नहीं देखा था।

बीच-बचाव करने की हिम्मत किसी में नहीं थी

इतना बड़ा ड्रामा होते हुए भी वहां मौजूद लोगों ने किसी भी तरह का बीच-बचाव करने की हिम्मत नहीं दिखाई। तमाशबीन की तरह सभी लोग यह तमाशा देखते रहे, लेकिन कोई भी किन्नरों के बीच हो रहे संघर्ष को रोकने की कोशिश नहीं की। यह भी एक अजीब स्थिति थी, क्योंकि अगर किसी ने बीच-बचाव करने की कोशिश की होती, तो शायद मामला और बढ़ सकता था।

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किन्नरों का आरोप: वसूली का मामला

स्थानीय किन्नरों का कहना था कि जो बाहरी किन्नर उनके इलाके में आए हैं, वे लोगों से जबरन वसूली कर रहे हैं। इलाके के लोग जब उनका विरोध करने की कोशिश करते, तो वे मारपीट पर उतर आते। यही कारण था कि स्थानीय किन्नरों ने विरोध स्वरूप उन्हें बुरी तरह पीटा।

दूसरी ओर, बाहरी किन्नरों का कहना था कि वे बाहर से नहीं आए थे और इलाके में लंबे समय से रहते थे। उनके मुताबिक, यह आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद था। दोनों पक्षों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला थाने में भी जारी रहा। पुलिस ने दोनों गुटों को समझाकर मामले को शांत किया, लेकिन किसी पर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई।

मामला सुलझाया

जब यह लड़ाई बहुत बढ़ गई, तो स्थानीय किन्नरों ने बाहरी किन्नरों को पकड़कर थाने ले जाने का फैसला किया। थाने में पुलिस ने मामले को सुलझाने की कोशिश की और दोनों पक्षों को समझाया। अंत में, किन्नरों के गुटों के बीच मामला शांति से खत्म हुआ। हालांकि, पुलिस ने कोई भी कानूनी कार्रवाई करने से इंकार कर दिया और दोनों पक्षों को चुपचाप अपनी राह पर जाने दिया।

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