मध्यप्रदेश में सियासी घमासान: उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे के गंभीर आरोप, पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह पर निशाना
- क्या हैं उपनेता प्रतिपक्ष के आरोप?
- सौरभ शर्मा से पहले सत्य प्रकाश का नाम आया सामने
- भूपेंद्र सिंह के मान की कीमत दस करोड़ नहीं, सिर्फ दस हजार
- क्या है सौरभ शर्मा का मामला?
- सवाल जो अब भी बने हुए हैं
Madhya Pradesh Politics : मध्यप्रदेश की सियासत में एक बार फिर से हलचल मच गई है। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कटारे ने भूपेंद्र सिंह पर सौरभ शर्मा नामक व्यक्ति को संरक्षण देने का आरोप लगाया और इसे मध्यप्रदेश पुलिस की विफलता करार दिया।
क्या हैं उपनेता प्रतिपक्ष के आरोप?
हेमंत कटारे ने पत्रकार वार्ता में दावा किया कि सौरभ शर्मा नामक व्यक्ति, जो केवल एक आरक्षक (कांस्टेबल) था, वह निरीक्षक (इंस्पेक्टर) के समान कार्य करता था। कटारे ने सवाल उठाया कि भूपेंद्र सिंह के मंत्री रहते हुए सौरभ शर्मा लंबे समय तक उनकी विधानसभा में पदस्थ क्यों रहा।
उन्होंने आरोप लगाया कि सौरभ शर्मा पुलिस विभाग में अपनी औकात से ज्यादा शक्तियां हासिल कर चुका था और भूपेंद्र सिंह के संरक्षण में अवैध कार्यों को अंजाम दे रहा था। इसके साथ ही, उन्होंने सौरभ शर्मा को न पकड़ पाने को पुलिस की बड़ी असफलता बताया।
सौरभ शर्मा से पहले सत्य प्रकाश का नाम आया सामने
कटारे ने एक और बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि सौरभ शर्मा से पहले भूपेंद्र सिंह के क्षेत्र में सत्य प्रकाश नामक व्यक्ति अवैध वसूली करता था। उन्होंने आरोप लगाया कि यह एक सिलसिला था, जो सौरभ शर्मा के जरिए भी जारी रहा।
उन्होंने सवाल किया कि आखिर क्यों भूपेंद्र सिंह के कार्यकाल में उनके क्षेत्र में ऐसे लोगों को खुली छूट दी गई। यह पूरे तंत्र पर सवाल खड़े करता है।
भूपेंद्र सिंह के मान की कीमत दस करोड़ नहीं, सिर्फ दस हजार
हेमंत कटारे ने भूपेंद्र सिंह पर हमला बोलते हुए कहा कि उनके मान की कीमत “दस करोड़ नहीं, बल्कि सिर्फ दस हजार” है। यह बयान कटारे ने भूपेंद्र सिंह की विश्वसनीयता पर कटाक्ष करते हुए दिया।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में पुलिस और प्रशासन पूरी तरह राजनीतिक दबाव में काम कर रहे हैं। सौरभ शर्मा जैसे व्यक्तियों को पकड़ने में नाकामी इसी राजनीतिक हस्तक्षेप का नतीजा है।
पुलिस और प्रशासन पर सवाल
कटारे ने सीधे तौर पर मध्यप्रदेश पुलिस की विफलता को उजागर करते हुए कहा कि सौरभ शर्मा जैसे व्यक्ति, जो कानून के रक्षक थे, वे कानून तोड़ने में लगे हुए थे। पुलिस ऐसे व्यक्ति को पकड़ने में असफल क्यों है? उन्होंने कहा कि यह स्थिति बताती है कि राज्य में किस तरह से प्रशासन और कानून व्यवस्था चरमराई हुई है।
क्या है सौरभ शर्मा का मामला?
सौरभ शर्मा का नाम लंबे समय से विवादों में रहा है। कटारे के अनुसार, वह भूपेंद्र सिंह के कार्यकाल में उनके क्षेत्र में पदस्थ था और अवैध वसूली तथा अन्य गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त था।
कटारे ने सवाल किया कि यदि सौरभ शर्मा सिर्फ एक आरक्षक था, तो वह निरीक्षक स्तर का काम कैसे कर रहा था? उन्होंने इसे राजनीतिक संरक्षण का सीधा उदाहरण बताया।
भूपेंद्र सिंह पर कटाक्ष
भूपेंद्र सिंह के ऊपर तीखा हमला करते हुए कटारे ने कहा कि उनके संरक्षण में ऐसे लोग फल-फूल रहे हैं, जो जनता के अधिकारों का हनन कर रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि भूपेंद्र सिंह ने अपने मंत्री रहते हुए कानून और व्यवस्था को मजबूत करने के बजाय ऐसे लोगों को बढ़ावा दिया, जो कानून के साथ खिलवाड़ कर रहे थे।
सवाल जो अब भी बने हुए हैं
- हेमंत कटारे के इस खुलासे के बाद कई सवाल खड़े हो गए हैं:
- सौरभ शर्मा जैसे व्यक्ति को राजनीतिक संरक्षण कैसे मिला?
- पुलिस और प्रशासन ऐसे लोगों पर कार्रवाई क्यों नहीं कर पाए?
- क्या भूपेंद्र सिंह इन आरोपों पर सफाई देंगे?
- क्या कांग्रेस के इन आरोपों पर भाजपा प्रतिक्रिया देगी या इसे नकार देगी?